Global Warming Study : तेजी से पिघल रहा है ग्लेशियर, पृथ्वी को बचाने में आप ऐसे दें अपना योगदान

कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के एक शोध में पता चला है कि ग्लोबल वार्मिंग से अंटार्कटिका व ग्रीनलैंड की बर्फ पिघल रही है. इससे पृथ्वी की गति पर भी असर पड़ रहा है.

By Vivekanand Singh | April 5, 2024 2:16 PM
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Global Warming Study : मानवीय गतिविधियों का असर है कि हमारे पर्यावरण को हर दिन नुकसान पहुंच रहा है. इस संदर्भ में शोधकर्ताओं का मानना है कि इसके असर से पृथ्वी के घूमने की गति स्लो हो सकती है. यह परिवर्तन हमारी घड़ियों को एक सेकेंड के लिए प्रभावित कर सकता है. यह अध्ययन जर्नल नेचर में प्रकाशित हुआ है. ऐसे में जरूरी है कि हम अपनी गतिविधियों में बदलाव ला कर पृथ्वी और पर्यावरण को बचाने में अपना योगदान दें. कुछ बातों का ध्यान रख कर आप भी अपना योगदान दे सकते हैं.

अपने हर जन्मदिन पर लगाएं पौधे

अक्सर आप अपना जन्मदिन धूमधाम से मनाते होंगे. सोचिए अगर उसका एक छोटा-सा हिस्सा आप दो पौधे लगाने पर खर्च करें, तो कितना अच्छा होगा. पेड़-पौधे हमारी धरती के फेफड़े कहे जाते हैं. उनकी वजह से ही हमें शुद्ध हवा मिल पाती है. जंगलों की अंधाधुंध कटाई से आज जलवायु परिवर्तन के संकट से हम जूझ रहे हैं. ऐसे में आपका पौधे लगाने का छोटा-सा प्रयास बड़ा बदलाव ला सकता है.

दोबारा यूज हो सकने वाले बोतल लें

प्लास्टिक की बोतलें पर्यावरण के लिए अच्छी नहीं हैं, क्योंकि उनमें से अधिकांश को रिसाइकिल नहीं किया जा सकता है. इसके अलावा, प्लास्टिक के उत्पादन में काफी जीवाश्म ईंधन लगता है. जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती है. ऐसे में प्लास्टिक की बोतलों का उपयोग करने की जगह बार-बार यूज किये जा सकने वाले बोतल को यूज करें. साथ ही हमेशा अपने साथ एक बोतल पानी लेकर चलने की आदत बनाएं.

साइकिल को बनाएं राह का साथी

साइकिल चलाना पर्यावरण को संरक्षित करने में मदद करने के साथ-साथ एक एक्सरसाइज भी हो जाता है. आसपास की दूरी तय करने और अपने ऑफिस व बाजार तक जाने-आने के लिए आप साइकिल को अपना साथी बना सकते हैं. बाइक, कार, ऑटो, टैक्सियों से यात्रा करने पर पेट्रोल और डीजल की खपत तो बढ़ती ही है, साथ ही इन गाड़ियों से निकलने वाले धुएं से लोगों के स्वास्थ्य और पर्यावरण पर भी बुरा असर पड़ता है.

अपने साथ रखे कपड़े/जूट का थैला

अक्सर हम बाजार से छोटी-मोटी चीजें प्लास्टिक की थैलियों में लेकर आ जाते हैं और सामान निकाल कर उन्हें घर से बाहर या कूड़े में डाल देते हैं. प्लास्टिक की वह थैलियां हमारे घर से होते हुए सीधे कचरे के ढेर में पहुंच जाती है. फिर वहां उसे खपा पाना काफी मुश्किल होता है. सिंगल यूज प्लास्टिक का पॉल्यूशन हमारी धरती के लिए बेहद नुकसानदेह साबित होता है. इससे बचने के लिए जरूरी है कि अपने साथ घर से थैला लेकर चलने की आदत बनाएं.

पानी को बिल्कुल बर्बाद न होने दें

धरती पर मौजूद पानी का सबसे बड़ा भंडार महासागर व सागरों में हैं. वहीं, धरती पर पानी का एक बहुत छोटा हिस्सा ही नदियों के रूप में मौजूद है. पानी की बर्बादी का नतीजा है कि हर वर्ष भूमिगत जलस्रोत नीचे जाता जा रहा है. ऐसे में जरूरी है कि ब्रश करते समय, नहाते समय या अन्य दूसरे मौकों पर पानी को बर्बाद न करें. आप सभी को पता है कि जल ही जीवन है. साथ जल को प्रदूषित होने रोकना भी जरूरी है.

पुरानी चीजें न फेंकें, रिसाइकिल करें

आपके उपयोग की हर नयी चीज किसी-न-किसी प्रकार के प्रदूषण के लिए जिम्मेदार होता है. ऐसे में किसी भी पुरानी चीज को कचरे के डिब्बे में फेंकने से पहले एक बार यह जरूर सोचें कि क्या इससे कोई काम की चीज बन सकती है. ऐसे जुगाड़ के ढेर सारे ऑप्शन आपको यूट्यूब पर मिल जायेंगे.

पशु-पक्षियों को न करें तंग

यह पृथ्वी जितनी हमारी है, उतनी ही पशु-पक्षियों और पेड़-पौधों की भी है. ऐसे में पशु-पक्षियों को अनावश्यक परेशान करने की जगह आप उनसे दोस्ती बढ़ा सकते हैं. इस क्रम में आप गौरैया के लिए घोंसला बना सकते हैं. गर्मियों के मौसम में आप अपने घर की छत व बालकनी में पक्षियों के लिए पानी व अनाज का कटोरा रख सकते हैं. पक्षी प्राकृतिक तौर पर बीजों का बिखराव करते हैं, जिससे नये पौधे निकलते हैं.

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