हार्ट अटैक का क्या है कोरोना कनेक्शन, एक्सर्ट ने बताया कौन सी 3 दवा हमेशा रखें साथ…
हार्ट की बीमारी आज के वक्त में हर उम्र के लोगों को अपनी चपेट में ले रही है. इसकी वजह क्या है और यह कितनी चिंताजनक है. आखिर क्यों बढ़ रहे हैं ये आंकड़े . क्या सिंथेटिक सप्लीमेंट्स के नाम पर हम अपने शरीर को पोषण के नाम पर जहर का डोज दे रहें हैं. विशेषज्ञ से जानें दिल की बीमारियों के कारण, लक्षण और निदान
कोरोना के बाद से हार्ट अटैक के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. यहां तक कि युवाओं में भी हार्ट अटैक के केस सामने आ रहे हैं, जिससे उनकी मौत तक हो रही है. कोरोना और दिल की बीमारियों का क्या है कनेक्शन और किस तरह इससे बचा सकता है? इसके बारे में डॉ. राम शंकर उपाध्याय, मेडिकल साइंटिस्ट, हॉवर्ड यूनिवर्सिर्टी ने प्रभात खबर से खास बातचीत की और विस्तार से दिल की बीमारियों के बढ़ते मामलों की वजह के बारे में बताया.
डॉ. राम शंकर उपाध्याय ने बताया कि आज के समय में जो नतीजे सामने आए हैं. अगर आप उन पर ध्यान देंगे तो पाएंगे कि पूरी दुनिया में हार्ट अटैक से मौत के मामले 2023 में काफी हद तक बढ़ गये हैं. अकेले यूके में मौत की संख्या 15 से 20 प्रतिशत तक बढ़ी है. वहीं अमेरिका में 10 प्रतिशत, ऑस्ट्रलिया में 20 प्रतिशत, कनाडा में करीब 15 प्रतिशत, जापान में 20 से 25 प्रतिशत और स्कॉटलेंड में हार्ट अटैक से मौत के मामलों में 15 से 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है
उन्होंने कहा कि दुनिया भर में मौत के आंकड़ों में एक प्रमुख कारक है कार्डियो वेस्कुलर डिजीज. यानी कि ह्दय से संबंधित रोग. एक अन्य रिपोर्ट जो 23 जनवरी 2024 को प्रकाशित हुई है. बिट्रिश हार्ट फाउंडेशन की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार पिछले 14 साल में हार्ट से जुड़े जितने मामलों में मृत्यु हुई है उससे ब्रिटेन के अंदर एक लाख डेथ ज्यादा हुई हैं .इन दिनों भारत में भी दिल के रोगों के कारण मौत के मामले भी बढ़ रहे हैं.
डॉ. राम शंकर उपाध्याय ने बताया कि हार्ट की जो इतनी समस्याएं बढ़ रही हैं तो वो क्यों हो बढ़ रही है. उन्होंने बताया कि आज की जनसंख्या को कोरोना वायरस के संक्रमण से गुजरना पड़ा है चाहे माइल्ड हो या गंभीर रूप. उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस हमारे शरीर के अंदर इन्फलामेशन पैदा करता है. यानी वेसेल्स में सूजन को बढ़ावा देता है और जब हार्ट के अंदर मांसपेशियों में अगर किसी प्रकार का सूजन हो जाता है तो इसकी वजह से दिल से संबंधित रोग बढ़ जाते हैं. ऐसे में हार्ट के अंदर सूजन हो जाए तो यह हार्ट बीट अनियंत्रित हो जाता है. जब ऐसा निरंतर होता रहेगा तो उसकी वजह से उस व्यक्ति को हार्ट फेल या कार्डिएक अरेस्ट का सामना करना पड़ सकता हैं
फिटनेस के प्रति जागरूक भी क्यों हो जाते हैं हार्ट अटैक का शिकारअक्सर सवाल उठता है कि फिटनेस के प्रति चिंतित व्यक्ति भी क्यों हार्ट अटैक का शिकार हो जाता है. इसके कारणों के बारे में बात करें तो अगर दिल की किसी मांसपेशियों में अगर सूजन हो जाती है तो उसकी कार्य करने की क्षमता प्रभावित हो जाती है अगर ऐसा लगातार होता है तो हार्ट का काम सही नहीं होगा और इसकी वजह से रक्त की आपूर्ति बराबर नहीं होगी.
ये लक्षण सामान्यत दिखते नहीं हैं लेकिन इससे प्रभावित व्यक्ति जिम में हो या रेल की यात्रा कर रहा हो तो उसे अचानक हार्ट अटैक या कार्डिएक अरेस्ट आ सकता है. इसका कारण है कि उसके हार्ट मसल्स में किसी जगह पर कोई इंजुरी हुई है. इंफ्लेमेशन की वजह से उसका हार्ट सही से काम नहीं कर पा रहा हो जिसकी वजह से उसको अचानक हार्ट अटैक हो जाता है.
किस प्रकार के दिख सकते हैं लक्षण ? कार्डिएक अरेस्ट आने पर कौन सी दवा दें और कैसे जान बचाएंडॉ. रवि शंकर उपाध्याय ने बताया कि कोई भी हार्ट कंडीशन अचानक नहीं होती. सबसे बड़ी बात है कि कंडीशन बनती है लेकिन हम उसपर ध्यान नहीं दे पाते . यानी जागरूक नहीं रहते. इसके लिए जरूरी है कि हर इंसान को सजग रहने की जरूरत है. हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हम पोस्ट कोविड फेज में हैं ऐसे लोग जिन्हें हाइपर टेंशन है, वजन बहुत ही अधिक है. डायबिटीज के मरीज हैं और हो सकता है कि उनका मधुमेह पूरी तरह से अनियंत्रित हो. या किसी को पहले से फेफड़ों से जुड़ी कोई बीमारी हो. उन्हें खास ध्यान देना चाहिए.
उन्होंने सुझाव देते हुए बताया कि ऐसे लोगों के लिए गवर्मेंट अथारिटी या गवर्नमेंट ऑफ इंडिया है या हार्ट एसोसिएशन ऑफ इंडिया उन्हें कुछ बातों पर ध्यान देकर ऐसी गाइडलाइन बनानी चाहिए जो लोगों को बता सकें कि आप पहले से इन बीमारियों से पीड़ित हैं तो हो सकता है कि आपको दिल से जुड़ी बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए कौन सी जरूरी दवाइयों को साथ रखना चाहिए.
आपको क्या करना चाहिए ? सचेत रहने की जरूरत Also Read: खाने में ऊपर से नमक लेने की आदत से होगा भारी नुकसान, बंद करें सेहत से खिलवाड़Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.