Coronavirus Impact : सोशल डिस्टैंसिंग के कारण बढ़ रहा रिश्तों में डिस्टेंस, जानें क्या है उनका हाल…

Coronavirus Impact, social distancing create distances in relationships : कोरोना काल का सबसे बड़ा प्रभाव समाज पर जो दिखता है, वह है रिश्तों में दूरियां. लोगों की मनोदशा इस कदर प्रभावित है कि इंसान पूरी तरह बेबस हो गया है? आमने-सामने कोई बात नहीं करना चाहता. दोस्त हो या सहकर्मी सबने खुद को एक लक्ष्मण रेखा में बांध लिया है. यहां तक की रिश्तेदार भी आपसे बच रहे हैं, हर कोई संक्रमण के डर से आतंकित है. इस बीच कई ऐसी खबरें भी आयीं, जिसने रिश्तों में विश्वास कम किया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 13, 2020 5:52 PM
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Coronavirus Impact, social distancing create distances in relationships : कोरोना काल का सबसे बड़ा प्रभाव समाज पर जो दिखता है, वह है रिश्तों में दूरियां. लोगों की मनोदशा इस कदर प्रभावित है कि इंसान पूरी तरह बेबस हो गया है? आमने-सामने कोई बात नहीं करना चाहता. दोस्त हो या सहकर्मी सबने खुद को एक लक्ष्मण रेखा में बांध लिया है. यहां तक की रिश्तेदार भी आपसे बच रहे हैं, हर कोई संक्रमण के डर से आतंकित है. इस बीच कई ऐसी खबरें भी आयीं, जिसने रिश्तों में विश्वास कम किया. जब अपना बेटा मां की अर्थी को सिर्फ इसलिए कांधा ना दे कि उसे भी कोरोना का संक्रमण हो सकता है, तो समझें कि स्थिति बहुत ही गंभीर हो गयी है.

एक कॉलेज स्टूडेंट ने प्रभात खबर के साथ बातचीत में कहा कि मैं अपने पार्टनर से रोज तो नहीं लेकिन एक दिन बाद तो जरूर मिल लेती थी, लेकिन अब नहीं मिल पा रही हूं. कॉलेज और कोचिंग बंद हैं, घर से मां निकलने नहीं देती. यह स्थिति मेरी ही नहीं कई लोगों की है आज प्रेमी-प्रेमिका मिल नहीं पा रहे, क्योंकि स्कूल, कॉलेज और कोचिंग सब बंद है. उसपर कोरोना का डर अलग है, जो लोग रोज मिल लेते थे वे अब सप्ताह में भी नहीं मिल पा रहे हैं. परिणाम यह हो रहा है कि रिश्तों में दूरियां आ रही हैं, कइयों का तो ब्रेकअप भी हो गया.

यानी कोरोना काल में रिश्ते बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. पड़ोस की चाची-भाभी साथ में गप्पें नहीं मार रहीं. पान और चाय की दुकान पर राजनीतिक चर्चाएं नहीं हैं, बस सोशल मीडिया पर ही यारी है, क्योंकि टायरेक्ट कनेशक्न का मामला यहां नहीं बनता है.

इस स्थिति ने लोगों को डिप्रेशन में ला दिया है और वे थक गये हैं. कोरोना एक ऐसी शै बनकर रह गया है, जिसने लोगों को अपनी गिरफ्त में ले लिया है और उसके जाल से लोग निकल नहीं पा रहे हैं. भारत में कोरोना वायरस अपने 6 माह पूरे करने जा रहे है, देश में कोरोना का पहला मामला 30 जनवरी को आया था और 12 जुलाई तक इस बीमारी ने आठ लाख 78 हजार दो 54 लोगों को अपनी गिरफ्त में ले लिया है.

कई लोग ऐसे हैं जो घर में बैठे-बैठे ऊब गये हैं और उनकी मानसिक दशा अच्छी नहीं है. यही कारण है कि जब भी उन्हें मौका मिलता है वे लॉकडाउन का उल्लंघन कर लेते हैं. यह बात एक स्टूडेंट ने प्रभात खबर के साथ बातचीत में कही. किसी को जरा सा बुखार हो जाये, तो कोरोना का खौफ हावी हो जाता है, इसलिए लोग डर रहे हैं और उनकी मानसिक स्थिति अच्छी नहीं है. इंसान बेबस है, उसके बस में कुछ नहीं.

लेकिन ऐसे लोग भी हैं, जो सकारात्मक भाव रखते हैं. एक निजी कंपनी में काम करने वाले व्यक्ति का कहना है कि मुश्किल वक्त तो जरूर है, लेकिन निकल जायेगा, बस अपने अंदर की पॉजिटिविटी को बनाये रखें. खान-पान का ध्यान रखें, सतर्क रहें कुछ दिन में सबकुछ अच्छा होगा.

Posted By : Rajneesh Anand

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