अकाल मृत्यु से बचने के लिए धनतेरस के दिन प्रदोष काल में घर के बाहर यमराज के लिए एक दीपक जलाना चाहिए. इसे यम दीपम या यम का दीपक भी कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से यमराज प्रसन्न होते हैं और वे उस परिवार के सदस्यों पर अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है.
दिवाली के दिन शाम ढलते ही लक्ष्मी पूजा से पहले मुख्य द्वार पर दीपक जलायें. अगर घर में आंगन है तो एक दीपक आंगन में जला कर रखें. यदि आंगन नहीं है तो ड्राइंगरूम या घर के बीचों-बीच दीपक जला सकते हैं.
घर के ईशान कोण अर्थात उत्तरी और पूर्वी हिस्सों में दीपक जरूर जलाना चाहिए. दरअसल, इन स्थानों में भगवान का वास होता है. यही कारण है कि धनतेरस के दिन गाय के घी के दीपक ईशान कोण में जलानी चाहिए.
दिवाली के दिन घर की छत पर भी अंधेरा नहीं होना चाहिए. छत पर रोशनी करें और रात में एक दीपक भी जलाएं.
Instagramदिवाली की रात पीपल के पेड़ के नीचे दीपक लगाएं. मगर, ध्यान रखें कि दीया लगाने के बाद उसे पीछे मुड़कर देखना नहीं है. यह उपाय दीपावली की रात ही करें.
अपने घर की मुंडेर, दहलीज, खिड़की, बाथरूम, छत पर, दरवाजे, पर दीपक लगाने के साथ ही एक दीपक पड़ोसी के घर में भी शुभ शगुन का रखना चाहिए