Diwali 2023 Puja Muhurat: सनातन धर्म में दिवाली पर्व का प्रमुख स्थान है. यह त्योहार कार्तिक अमावस्या को मनाया जाता है. इस बार कार्तिक अमावस्या तिथि 12 नवंबर दिन रविवार को 2 बजकर 12 से लग रही है और 13 नवंबर दिन सोमवार समय 2 बजकर 41 बजे तक रहेगी. आइए जानते हैं काशी के विद्वानों ने दिवाली पूजन का शुभ मुहूर्त और प्रदोष काल के तारीख और समय के बारे में क्या बता रहे हैं.
दिवाली 2023
हिंदू विद्वानों के अनुसार दीपावली, प्रदोष काल एवं महानिशीथ काल व्यापिनी अमावस्या में ही होती है. इसमें प्रदोष काल का महत्व खास है. इस साल अमावस्या व्यापिनी महानिशीथ काल 12 नवंबर दिन रविवार को है. इसलिए इस साल दीपावली 12 नवंबर को ही मनाई जाएगी.
क्या है प्रदोष काल का समय
दिवाली पूजन में प्रदोषकाल का खास महत्व होता है. ऐसा कहा गया है प्रदोषे पूज्येत लक्ष्मीं. इस साल प्रदोष काल मानक समयानुसार शाम 5 बजकर 11 से 6 बजकर 23 मिनट तक है.
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इस साल दिवाली के समय पूजा का शुभ मुहूर्त (सायं 5 बजकर 27 से 7 बजकर 23 मिनट के बीच है. इसके अलावा वृश्चिक लग्न प्रातः 06:41 से लेकर 08 बजकर 58 तक है.
कब है सोमवती अमावस्या
इस बार सोमवती अमावस्या 13 नवंबर दिन सोमवार को है. इस दिन आपको सुबह में स्नान-ध्यान, व्रत-दान के साथ ही पीपल के पेड़ के नीचे पूजा करनी चाहिए.
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बता दें कि दिवाली की शाम अपने पास के देव मंदिर में जाकर पूजा करें. घर पर माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करें. लाल वस्त्र के आसन पर लक्ष्मी-गणेश, कुबेर-इंद्र की प्रतिमा स्थापित कर लें.
लक्ष्मी की प्रसन्नता व कृपा पाने के लिए बेल की लकड़ी, बेल की पत्ती, बेल के फल से हवन करें. इसके अलावा कमल पुष्प व कमल गट्टा से हवन कर सकते हैं. इस दौरान आप “ओम् श्रीं श्रियै नम:, “श्रीं ह्रीं श्रीं, “ओम महालक्ष्म्यै नम: मंत्र का जाप करें.
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