Diwali 2024 : दिवाली की सजावट के दौरान महिलाएं बड़े ही चाव से घर के प्रवेश द्वार व पूजा स्थल पर रंगोली बनाती हैं. ऐसा माना जाता है कि प्रवेश द्वार पर रंगोली बनाने से सकारात्मक ऊर्जा घर आती है और यह नकारात्मकता को घर में प्रवेश करने से रोकती है. इसके अलावा भी रंगोली बनाने को कई शुभ कार्यों से जुड़ कर देखा जाता है.
जुड़ी हैं कुछ मान्यताएं
रंगोली बनाने से कई लोकप्रिय कथाएं जुड़ी हैं. कहा जाता है कि रावण का वध करने के बाद जब भगवान राम, सीता के साथ चौदह वर्षों का वनवास काट करके अयोध्या वापस लौट रहे थे, तब उनके आने की खुशी में पूरे अयोध्या वासियों ने अपने घर-आंगन और प्रवेश द्वार को रंगोली से सजाया था. तब से रंगोली बनाने का चलन प्रचलित हो गया और हर शुभ काम में घरों पर रंगोली बनायी जाने लगी. इसके अलावा कुछ लोग इस मान्यता पर भी यकीन करते हैं कि घर के द्वार पर बनी रंगोली देवी लक्ष्मी को खुश करती है, मां के आशीर्वाद से घर में खुशियां आती हैं.
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सेहत के लिए फायदेमंद
रंगोली बनाना संयम और एकाग्रता का काम है. वैज्ञानिक पहलू के अनुसार रंगोली बनाने से व्यक्ति का मन शांत और दिमागी थकावट दूर होती है. रंगोली बनाते समय आपकी उंगली और अंगूठा मिलकर ज्ञानमुद्रा बनाते हैं, जो आपके मस्तिष्क को ऊर्जावान और सक्रिय बनाने के साथ-साथ बौद्धिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं. साथ ही एक्यूप्रेशर के लिहाज से भी रंगोली बनाना बेहद फायदेमंद है.
रंगोली बनाते समय गाने का चलन
कुछ जगहों पर रंगोली बनाते समय विशेष भजन और लोक गीत गाने का चलन भी रहा है. महिलाएं रंगोली पर अपना ध्यान केंद्रित रखने एवं इस काम को रोचक बनाने के लिए गीत गाया करती थीं. इसके अलावा देश के विभिन्न क्षेत्रों में रंगोली बनाने की डिजाइन में भी परिवर्तन देखा जाता है, जिसका संबंध उस क्षेत्र के देवी-देवता व पूजा की प्रक्रिया से हो सकता है. वक्त के साथ रंगोली के पैटर्न में परिवर्तन देखने को मिलते रहे और आज रंगोली बेहद खूबसूरत कला का रूप ले चुकी है. आप यू-ट्यूब व अन्य वीडियो चैनल्स पर इसे बनाने का हुनर सीख सकते हैं.