Diwali 2024: दिवाली पर क्यों बनाया जाता है मिट्टी का घरौंदा? पढ़ें ये पौराणिक कथा
Diwali 2024: इस साल दिवाली 31 अक्टूबर 2024 दिन गुरुवार को मनाई जा रही है. दिवाली के दिन लोग खास तौर पर भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं और मिट्टी के दीयों से घरों को सजाते हैं.
Diwali 2024: दिवाली का त्यौहार भारत में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. दिवाली का त्यौहार हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है. इस साल दिवाली 31 अक्टूबर 2024 दिन गुरुवार को मनाई जा रही है. दिवाली के दिन लोग खास तौर पर भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं और मिट्टी के दीयों से घरों को सजाते हैं. दिवाली पर मिट्टी का घरौंदा बनाने की भी परंपरा है. आइए जानते हैं इसके पीछे की कहानी.
घरौंदा बनाने की पौराणिक कथा
दिवाली के दिन मिट्टी का घरौंदा बनाने के पीछे एक पौराणिक कथा है. मान्यता के अनुसार कार्तिक मास की अमावस्या के दिन भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण अयोध्या लौटे थे. उस दिन अयोध्यावासियों ने भगवान राम के स्वागत में अपने घरों में मिट्टी के दीये जलाए थे और कई लोगों ने उस दिन मिट्टी के घरौंदे भी बनाए थे. साथ ही उसे तरह-तरह की चीजों से सजाया भी गया था. तभी से दिवाली के दिन मिट्टी के घरौंदे बनाने की परंपरा चली आ रही है.
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बाजार से भी खरीद लाते हैं घरौंदा
कई लोग अपने घरों में मिट्टी के घरौंदे बनाते हैं और उसमें मिठाई, फूल और बताशा भी रखते हैं. कई लोग इसे अपने हाथों से बनाते हैं. कई लोग इसे बाजार से खरीदते हैं. दिवाली के दिन घर में मिट्टी के घरौंदे रखने का बहुत महत्व माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दिवाली के दिन घर में मिट्टी के घरौंदे बनाने से घर में मां लक्ष्मी का आगमन होता है और घर में सुख-समृद्धि आती है.
कुवांरी लड़कियां ही क्यों बनाती है घरौंदा
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भारत के कई गांवों में आज भी दिवाली के दिन अविवाहित महिलाएं मिट्टी के घरौंदे बनाती हैं और उसके सामने रंगोली भी बनाई जाती है. इन मिट्टी के घरों के सामने जो रंगोली बनाई जाती है. उसमें चावल और गेहूं के आटे का इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा इसे तरह-तरह के रंग-बिरंगे कागजों और फूलों से भी सजाया जाता है. आज के आधुनिक युग में लोग घरौंदे को सजाने के लिए रंग-बिरंगी लाइटों का भी इस्तेमाल करते हैं.