Diwali Kab Hai: दीपावली कब है, जानिए धनतेरस, भाई दूज की सही तिथि
Diwali Kab Hai: इस बार असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि बड़ी दिवाली किस दिन मानाई जाएगी. पंचांग के अनुसार दिवाली का त्योहार सर्वसम्मति से 31 अक्टूबर को मनाया जाना चाहिए. इस संबंध में विस्तार से जानें कि दिवाली की तिथि कब से कब तक है और साथ ही देखें दिवाली का पूरा 5 दिवसीय कैलेंडर.
Diwali Kab Hai: इस बार दिवाली की तिथि को लेकर लोगों में काफी असमंजस की स्थिति है। दिवाली एक ऐसा त्योहार है जिसका हर कोई पूरे साल बेसब्री से इंतजार करता है. दिवाली 5 दिनों का त्योहार है जो धनतेरस से भाई दूज तक मनाया जाता है, लेकिन इस बार असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि बड़ी दिवाली किस दिन मानाई जाएगी. पंचांग के अनुसार दिवाली का त्योहार सर्वसम्मति से 31 अक्टूबर को मनाया जाना चाहिए. इस संबंध में विस्तार से जानें कि दिवाली की तिथि कब से कब तक है और साथ ही देखें दिवाली का पूरा 5 दिवसीय कैलेंडर.
धनतेरस कब है
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस मनाया जाता है. इस साल धनतेरस 29 अक्टूबर मंगलवार को मनाया जाएगा. इस दिन सोने-चांदी के आभूषण और नए बर्तन खरीदने की परंपरा वर्षों से चली आ रही है. धनतेरस का त्योहार भगवान धन्वंतरि की जयंती के रूप में मनाया जाता है. इस दिन धन के देवता कुबेरजी के साथ ही माता लक्ष्मी और गणेशजी की पूजा की जाती है. धनतेरस के शुभ अवसर पर घर में नई झाड़ू और धनिया लाने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और साल भर धन-संपत्ति में वृद्धि होती है और कृपा बरसती है. इस दिन कई लोग अपने घर में दैनिक उपयोग के लिए नए इलेक्ट्रॉनिक सामान भी लाते हैं.
also read: Vastu Tips for Money: आर्थिक तंगी से हैं तो जरूर करें ये काम, नहीं…
छोटी दिवाली, हनुमान जयंती, नरक चतुर्दशी कब है?
छोटी दिवाली हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है. इस बार 30 अक्टूबर को छोटी दिवाली मनाई जाएगी. इसे नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन हनुमानजी की जयंती भी मनाई जाती है. इसे रूप चौदस और छोटी दिवाली भी कहते हैं. इस दिन दक्षिण दिशा में यम देवता के नाम का दीया जलाया जाता है. साथ ही इस दिन हनुमानजी को बूंदी के लड्डू का भोग लगाना और चोला चढ़ाना बहुत शुभ माना जाता है.
बड़ी दिवाली कब है
इस साल दिवाली 31 अक्टूबर, गुरुवार को मनाई जाएगी. वैदेही, ऋषिकेश और विश्वविद्यालय के तीनों पंचांगों में दी गई जानकारी के अनुसार दिवाली का त्योहार सर्वसम्मति से 31 अक्टूबर को मनाया जाना चाहिए. दरअसल, दिवाली का त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है और दिवाली की पूजा प्रदोष काल के बाद की जाती है. पंचांग के अनुसार, इस साल अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर को दोपहर 3:52 बजे से शुरू होगी और 1 नवंबर को शाम 6:16 बजे तक रहेगी. यानी 31 अक्टूबर की रात को अमावस्या तिथि मौजूद रहेगी. इसलिए 31 अक्टूबर की रात को दिवाली मनाना तर्कसंगत होगा. 31 अक्टूबर की रात को लक्ष्मी पूजन, काली पूजन और निशीथ काल पूजा की जाएगी. 31 अक्टूबर की रात को मध्य रात्रि की पूजा करना मान्य होगा. जबकि 1 नवंबर की सुबह अमावस्या से संबंधित दान और पितृ कर्म करना उचित रहेगा.
also read: Diwali Special : लक्ष्मी पूजन के बाद भूलकर भी न करें ये 5 गलत चीजों को, जानिए
कब है गोवर्धन पूजा, अन्नकूट
दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है. इसे अन्नकूट पर्व के नाम से भी जाना जाता है. 2 नवंबर को गोवर्धन पूजा की जाएगी. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार द्वापर युग में भगवान कृष्ण ने अपनी एक उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाकर मथुरा के सभी निवासियों को भारी बारिश से बचाया था. तब से यह त्योहार हर साल गोवर्धन पूजा के रूप में मनाया जाता है. इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है और प्रसाद के रूप में अन्नकूट का भोग लगाया जाता है.
also read: Diwali Vastu Tips : दिवाली की रात छिपकली का दिखना क्या देता है संदेश, जानें
कब है भाई दूज
भाई दूज दिवाली के भव्य त्योहार का आखिरी दिन होता है. भाई दूज का त्योहार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है. इस साल भाई दूज 3 नवंबर को मनाया जाएगा. इसे यम द्वितीया भी कहा जाता है. इस दिन सबसे पहले यमराज की पुत्री यमुना ने अपने भाई को तिलक लगाया था. तब से हर साल इस पावन अवसर पर बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाकर उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं.