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धनतेरस और दीपावली पर वास्तुशास्त्री से जानिए स्वर्णिम प्रयोग,लक्ष्मी प्राप्ति के बनेंगे चमत्कारी योग

Diwali Vastu Tips : धनतेरस का पर्व कार्तिक मास के कृष्‍ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. जबकि दिवाली का पर्व कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है. इस दिन धन की देवी मां लक्ष्‍मी और गणेशजी की पूजा होती है. वास्तुशात्र के अनुसार कुछ ऐसे भी अचूक उपाय है जो स्वर्णिम फल देते हैं.

By Meenakshi Rai | November 9, 2023 7:00 AM

Diwali Vastu Tips : कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी, धनतेरस कहलाती है. वस्तुतः यह यमराज से संबंध रखने वाला व्रत है. धनतेरस के दिन सूर्यास्त होने पर घर के बाहर मुख्य द्वार पर एक मिट्टी के पत्र में अन्न, धान ,गेहूं या जौ रखकर उसके ऊपर यमराज के निमित्त दक्षिणाभीमुखी दीप जलाना चाहिए तथा धूप अगरबत्ती आदि से उसकी पूजा अर्चना करना चाहिए. हिन्दू धर्म में ऐसी मान्यता है कि धनतेरस के दिन यमराज के उद्देश्य से जो कोई भी दीप दान करेगा उसकी आकस्मिक मृत्यु नहीं होगी.

धनतेरस और दीपावली पर वास्तुशास्त्री से जानिए स्वर्णिम प्रयोग,लक्ष्मी प्राप्ति के बनेंगे चमत्कारी योग 3

लक्ष्मी प्राप्ति और सुख – शांति सौभाग्य – समृद्धि के लिए कुछ अचूक उपाय यंत्रों द्वारा घर में स्वास्थ्य समृद्धि धनतेरस, दीपावली पर किया जा सकता है.

  • अष्टधातु का कछुआ रखना बेहद शुभ माना जाता है. अष्टधातु से निर्मित कछुआ के ऊपर मेरू श्री यंत्र बना हो तो सोने पर सुहागे वाली बात हो जाती है. कछुआ पुरे परिवार की लंबी आयु और कैरियर के लिए बहुत शुभ होता है. इसे घर में रखने से यह हमें अनेक बीमारियों से रक्षा करता है. मेरू श्री यंत्र लक्ष्मी की स्थाई प्राप्ति के लिए रखा जाता है इससे रखने से हमारा रुका हुआ पैसा भी आ जाता है.

  • लघु नारियल बहुत छोटे आकार का होता है हजारों नारियलों में मात्र एक या दो ही लघु नारियल होते हैं. लघु नारियल को चंदन का तिलक लगाकर एक लक्ष्मी कौड़ी पांच चिट्ठी कौड़ी और पांच गोमती चक्र के साथ दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजा के बाद लाल कपड़े में बांधकर दुकान के गले या खजाने में रखने से धन की कमी कभी नहीं आती सभी मनोकामनाएं पूरी होती है.

  • लक्ष्मी की सारी साधनाएं विफल हो जाए और व्यक्ति को हाई प्रोफेशन सिस्टम में जाना हो तो यह तीन चमत्कारी वस्तुओं को धनतेरस दीपावली में अवश्य प्राप्त करें. सियार सिंगी, हत्था जोड़ी, काली बिल्ली की जेर हत्था जोड़ी और सियार सिंगी और काली बिल्ली के जेर में मां चामुंडा का बस होता है अभिमंत्रित होने के बाद इसकी शक्ति असीमित हो जाती है. इन तीनों में साक्षात चामुंडा देवी का प्रतिरूप माना जाता है. हत्था जोड़ी एक विषैला पौधे की जड़ होती है जो पायः नेपाल और मध्य प्रदेश के जंगलों में पाया जाता है इनमें वशीकरण की असीम शक्ति होती है इनको अपने पास रखने से हर क्षेत्र में जबरदस्त सफलता मिलती है कोर्ट कचहरी और केस में सफलता के लिए आप इन्हें अपने पास रखें जिनको कारावास से मुक्ति नहीं मिल रही है या बेल नहीं मिल रहा है वह भी आजमा कर देखें चमत्कारी लाभ होता है. इनको रखने से भूत प्रेत का भय नहीं रहता और धन संपत्ति में बहुत लाभदायक माना जाता है यह बहुत ही शक्तिशाली व प्रभावशाली है।

  • काली बिल्ली का जेर अभूतपूर्व धन का भंडार माना जाता है .यानी कि कभी ना खत्म होने वाली धन-संपत्ति. कहते हैं जिस घर में काली बिल्ली की जेर होती है उस घर में कोई ना कोई व्यक्ति हाय-प्रोफेशन के सिस्टम में जाता है जैसे राजनीति, आई.पी.एस अधिकारी, फिल्मी लाइन या हाई- प्रोफाइल बिजनेसमैन उद्योगपति बनता है. इन तीनों में अत्यंत प्रभावशाली वशीकरण की शक्ति है यह तीनों जिनके पास होता है किसी को भी वशीभूत कर सकते हैं. स्त्री-पुरुष, वृद्ध -बालक, राजा-रंक, अधिकारी आदि को सम्मोहित वशीभूत करके अपने मनोनकुल कार्य कर सकता है किंतु इसका दुरुपयोग करने अथवा अपवित्र भावना से प्रयोग करने पर हानि उठानी पड़ सकती है. सियार सिंगी, हत्था जोड़ी और काली बिल्ली का जेर आप किसी वास्तु शास्त्री साधक से चार्ज और अभिमंत्रित कराकर प्राप्त करें और इन्हें दीपावली के दिन चांदी या किसी डब्बे में सिंदूर लौंग और इलायची के साथ रखकर मां भगवती लक्ष्मी के समीप पूजा अर्चना करें इन्हें आप उपयोग में सालों भर ले.

  • सामान्य यंत्रों की तुलना में स्फटिक और अष्टधातु का श्री यंत्र का प्रभाव कई हजार गुना अधिक प्रभाव देता है लक्ष्मी स्थाई प्राप्ति के लिए पैसा आता है, रुकता भी है यह स्फटिक श्री यंत्र मणि के समान है. अष्टधातु का और स्फटिक श्रीयंत्र एक से ज्यादा भी घर में अथवा प्रतिष्ठान में रखा जाता है इन्हें दुकान के पूजा स्थान लॉकर गल्ले में भी रखा जा सकता है.

  • कुछ ऐसे यंत्र भी होते हैं जिसके दर्शन मात्र से व्यक्ति अभीष्ट मनोरथ को पा लेता है. इस तरह के यंत्र में आते हैं श्री संपूर्ण वास्तु यंत्र. श्री संपूर्ण वास्तु यंत्र में एक साथ 13 यंत्रों की शक्तियां समाहित है क्योंकि तेरह यंत्र एक साथ 24 कैरेट गोल्ड प्लेटिंग पर यंत्र विधि विधान वास्तुकला और ज्योतिष विज्ञान दोनों के अनुसार तैयार किया गया है यह यंत्र घर में किसी भी प्रकार के वास्तु दोष को दूर कर कुछ ही दिनों में चमत्कारी प्रभाव देता है इस यंत्र को घर में लगाने से अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है.

  • कुबेर की नव निधियां और अष्ट सिद्धि प्राप्त करने वाला में से एक दक्षिणावर्ती शंख

  • किसी भी आध्यात्मिक तथा वैदिक कार्यों में शंख की पूजा आवश्यक होती है जो शंख दक्षिण व्रत खुलता है उसे ही दक्षिणावर्ती शंख कहते हैं साक्षात् नारायण स्वरूप है क्योंकि यह भगवती लक्ष्मी जी और भगवान विष्णु का प्रिय माना जाता है भगवती लक्ष्मी और भगवान विष्णु के हाथ में दक्षिणावर्ती शंख होता है माता दुर्गा जी के भी कर कमल में दक्षिणावर्ती शंख होता है दक्षिणावर्ती शंख भगवती लक्ष्मी जी भगवान विष्णु जी माता दुर्गा अंबा स्वयं विराजमान रहती है. भगवान सूर्य नारायण जी भगवान शंकर जी इसके द्वारा अर्पित जल ग्रहण करते हैं दक्षिणावर्ती शंख का जल गंगाजल के समान पवित्र और शुद्ध माना जाता है

  • लक्ष्मी की सारी साधनाएं विफल हो जाए तब कुबेर पोटली की साधना मनुष्य को अपार धन दौलत प्रदान करती है जहां पर पोटली में चेतन कुबेर यंत्र के साथ श्री यंत्र मोती शंख के साथ स्थापित होगा उस स्थान पर कुबेर का खजाना स्वयं चलकर आ जाता है इसमें तनिक भी संशय नहीं है कुबेर पोटली ऐसे तैयार करें लाल रंग की चमचमाती पोटली में एक अष्टधातु का कुबेर यंत्र , अष्टधातु का श्रीयंत्र, लघु नारियल, दुर्लभ एकादशी नारियल, कमल गट्टे का कुछ दान,े लाल काली गुंजा दाना, 11 धनदायक चिती कौड़ी ,एक पीस चमत्कारी लक्ष्मी कौड़ी ,11 चमत्कारी गोमती चक्र , एक शंख चार्ज अभिमंत्रित कराकर प्राप्त कर दीपावली का रात्रि में पोटली तैयार कर अपने खजाने में रखने से सालों भर कुबेर की कृपा मां भगवती लक्ष्मी की बनी रहती है

  • कल्पवृक्ष के समान कामधेनु गाय बछड़े के साथ मेटल या मार्बल का अष्टधातु का घर में रखना बहुत ही शुभ माना जाता है इस दीपावली धनतेरस के दिन जरूर लाएं और कामधेनु गाय ऐसा करने से महालक्ष्मी बहुत प्रसन्न होती है और हमें अपार सुख समृद्धि प्रदान करती हैं परिवार में आपसी प्रेम और समृद्धि बना रहेगा जो कर्ज के तले जो दबे हुए हैं पैसा कहीं फंस गया है वह कामधेनु गाय लाकर ड्राइंग रूम या बिजनेस प्लेस के या घर में अग्नि कोण में रखने से लाभ मिलता है.

  • जिनके घर में बहुत कलह होता हो, अशांति हो, सभी व्यक्ति का मन अशांत रहता हो, आपसी परिवार में प्यार ना हो, दांपत्य जीवन में कलह हो तो वे लोग स्फटिक मणि पत्थर से बना हुआ गणेश और लक्ष्मी का पूजन घर में करें. स्फटिक घर के जितनी भी नेगेटिव एनर्जी है अपने अंदर समा लेते हैं और पॉजिटिव ऊर्जा का प्रवाह करते हैं पूरे घर में शीतलता के साथ मानसिक शांति मिलती है और धन-धन की वृद्धि होती है लक्ष्मी की कृपा होती है स्फटिक गणेश लक्ष्मी प्रत्येक साल चेंज करने की जरूरी भी नहीं है इन्हें गंगाजल से हर एक साल स्नान करवा कर शुद्ध कर पूजा किया जा सकता है.

  • क्रिस्टल का लोटस लक्ष्मी का प्रति माना जाता है. लक्ष्मी की अपार कृपा हेतु आप इसे घर में उत्तर-पूर्व या दक्षिण-पूर्व में रख सकते हैं जिस घर में क्रिस्टल का लोटस रखा होता है उसे घर में लक्ष्मी स्वयं निवास करती है वैसे भी माना जाता है लक्ष्मी का निवास स्थान लोटस माना गया है. क्रिस्टल से बने लोटस घर में नकारात्मक ऊर्जा को भी समाप्त करते हैं और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करता है जिससे लक्ष्मी की स्थायी प्राप्ति के लिए आप क्रिस्टल के लोटस को घर व्यवसाय स्थान में अवश्य रखें.

  • वास्तु शास्त्र के हिसाब से दीप प्रज्वलित का नियम दीप घर में अथवा बाहर जलाएं तो शास्त्रों के अनुसार आपके दीपक की लौ उत्तर अथवा पूर्व में होनी चाहिए. यदि घर में दीपक का लौ पूर्व दिशा की ओर जलता है तो धन की वृद्धि करती है यदि दीपक का लौ पश्चिम की ओर है तो दुःख का वृद्धि करती है यदि दीपक का लौ उत्तर की ओर हो तो स्वास्थ्य और प्रशंसा की वृद्धि होती है यदि आपके दीपक का लौ दक्षिण दिशा की ओर हो तो आपको हानि होने की सूचना देता है.

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रांची और झारखंड का दीपावली पूजन का मुहूर्त

व्यावसायिक स्थल में पूजन का समय कुंभ लग्न प्रारंभ 12ः34 से 14 : 06 तक

घर में पूजन का समय, वृषभ लग्न प्रारंभ 17ः17 मिनट से 19 : 15 तक

साधना व सिद्धि का समय सिंह लग्न प्रारंभ 23 : 44 से 02ः00 तक

प्रातः काल में पूजन का समय

वृश्चिक लग्न प्रारंभ 6 : 26 से 8 : 42 तक

(वास्तु शास्त्र स्वामी विमलेश )

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