Dry Eyes In Summer: हीटवेव के दौरान बढ़ जाती हैं ड्राइ आइ की समस्याएं, रखें आंखों की सेहत का ख्याल
भीषण गर्मी में चलने वाली गर्म हवाओं और लू का असर आंखों पर भी पड़ता है. इस मौसम में ड्राइ आइ एक आम समस्या है, जिसमें जब आंखें पर्याप्त आंसू पैदा नहीं कर पाती हैं या जब आंसू बहुत तेजी से सूख जाते हैं. ऐसे में आंखों की सेहत का ख्याल रखना बहुत जरूरी है.
Dry Eyes In Summer: आजकल देश के अधिकतर हिस्सों में तापमान तेजी बढ़ रहा है. इस मौसम में चलने वाली गर्म हवाओं और लू की वजह से न केवल हमारा शरीर, बल्कि आंखें भी प्रभावित होती हैं. ड्राइ आइ, एक ऐसी स्थिति जहां आंखों से पर्याप्त आंसू नहीं निकलते या आंसू की सही गुणवत्ता नहीं होती. ऐसे मौसम में विशेष रूप से परेशानी और बढ़ जाती है. ड्राइ आइ यह तब होता है, जब आंखें पर्याप्त आंसू पैदा नहीं कर पाती हैं या जब आंसू बहुत तेजी से सूख जाते हैं. इस असंतुलन से आंख की सतह पर सूजन और क्षति हो सकती है. जानिए ड्राइ आइ के लक्षण, कारण और लू के दौरान अपनी आंखों की सेहत को कैसे ठीक रख सकते हैं. ये कुछ सरल और प्रभावी घरेलू उपचार मददगार साबित हो सकते हैं.
ड्राइ आइ के लक्षण
आंखों में चुभन या जलन
लालिमा और सूजन
तेज रोशनी असुविधा या दर्द
धुंधली रोशनी
आंखों से लगातार पानी आना
ड्राइ आइ की मुख्य वजहें
गर्म और शुष्क हवाएं
डिहाइड्रेशन
एयर कंडीशनिंग
उम्र बढ़ना और स्क्रीन टाइम
लू में ड्राइ आइ से बचने के लिए करें ये काम
खुद को रखें हाइड्रेटेड
ड्राइ आइ से निपटने का सबसे सरल और प्रभावी तरीकों में से एक है हाइड्रेटेड रहना. दिनभर भरपूर मात्रा में पानी पीने से पर्याप्त आंसू को बरकरार रखने में मदद मिलती है. प्रतिदिन कम से कम आठ गिलास पानी जरूर पिएं. यदि आप बाहर समय बिता रहे हैं या शारीरिक गतिविधियों में हिस्सा ले रहे हैं, तो पानी की मात्रा बढ़ा सकते हैं.
कमरे में ह्यूमिडिफायर लगाएं
एयर कंडीशनिंग और इनडोर पंखे हवा से नमी छीन सकते हैं, जिससे आंखें ड्राइ हो सकती हैं. ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करने से हवा में नमी बरकरार रखने में मदद मिलती है. यह आंखों की सेहत के लिए भी काफी बेहतर होता है. उन कमरों में ह्यूमिडिफायर रखें, जहां आप सबसे अधिक समय बिताते हैं, खासकर अपने बेडरूम या लीविंग रूम में.
20-20-20 नियम का पालन करें
लंबे समय तक मोबाइल और कंप्यूटर पर काम करने से ड्राइ आइ की समस्या हो सकती है. अपनी आंखों को आराम देने के लिए 20-20-20 नियम का पालन करें यानी हर 20 मिनट में, 20 फीट दूर स्थित किसी चीज को देखने के लिए 20 सेकंड का ब्रेक लें. यह सरल अभ्यास आंखों के तनाव को कम करने में मदद करता है और पलकें झपकाने को प्रोत्साहित करता है, जिससे आंसू उत्पादन में सुधार हो सकता है.
अच्छी क्वालिटी का सनग्लास पहनें
अपनी आंखों को तेज धूप और गरम हवाओं से बचाने के लिए सनग्लास पहनें. अपनी आंखों को हानिकारक पराबैंगनी किरणों से बचाने के लिए यूवी सुरक्षा वाले सनग्लासेज चुनें. इसके लिए रैपअराउंड स्टाइल वाले सनग्लासेज काफी कारगर साबित हो सकते हैं, क्योंकि वे हवा और मलबे को आपकी आंखों में जलन होने से रोकते हैं.
आंखों पर गर्म सेक लगाएं
गर्म सेक आंसू उत्पादन को प्रोत्साहित करने और सूखी आंखों के लक्षणों से राहत दिलाने में मदद कर सकता है. गर्म सेक लेने के लिए एक साफ कपड़े को गर्म पानी में भिगोएं और उसे निचोड़कर अतिरिक्त पानी निकाल लें. फिर इसे अपनी बंद पलकों पर 5-10 मिनट के लिए रखें. यह पलकों में तेल ग्रंथियों को खोलने में मदद कर सकता है, जिससे आपके आंसुओं की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है.
डायट में ओमेगा-3 फैटी एसिड लें
अपनी डायट में ओमेगा-3 फैटी एसिड शामिल करने से आंखों को ड्राइ होने रोका जा सकता है. मछली, अलसी और अखरोट जैसे खाद्य पदार्थों में पाये जाने वाले इन हेल्दी फैट में एंटी इंफ्लेमेटरी प्रोपर्टीज होते हैं, जो आंसू की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं और ड्राइ आइ के लक्षणों को कम कर सकते हैं. इंटरनेशनल जर्नल ऑफ ऑप्थल्मोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों ने ओमेगा-3 से भरपूर चीजों का सेवन किया, उनमें ड्राइ आइ के लक्षणों में काफी सुधार देखा गया.
पंखे या एसी से निकलने वाली हवा से बचें
पंखे, एयर कंडीशनर या कार के वेंट से निकलने वाली हवा के सीधे संपर्क में आने से आपकी आंखें ड्राइ हो सकती हैं. इसलिए पंखे या एयर कंडीशनर के सामने बैठने से बचने की कोशिश करें. अगर बहुत जरूरी हो, तो हवा को अपने चेहरे से दूर करने के लिए वेंट को एडजस्ट कर लें.
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