Durga Puja: भगवान राम का नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा, भक्ति और विजय का अद्भुत रहस्य

Durga Puja: इस लेख में जानें कि कैसे भगवान राम ने नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की पूजा की और कैसे उनकी भक्ति ने लंका विजय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. यह लेख नवरात्रि के महत्व, नारद मुनि के ज्ञान और आध्यात्मिक दृष्टिकोण पर प्रकाश डालता है.

By Rinki Singh | October 5, 2024 8:16 AM
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Durga Puja: नवरात्रि का पर्व भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें मां दुर्गा की आराधना की जाती है. यह पर्व शक्ति, भक्ति और विजय का प्रतीक है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, भगवान श्री राम ने नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा का व्रत रखा था. इस लेख में हम जानेंगे कि भगवान राम ने कैसे नौ दिनों तक उपवास किया और दशमी तिथि को मां दुर्गा की उपासना पूरी की.

नवरात्रि का महत्व

भगवान राम का नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा का एक विशेष महत्व है. उन्होंने 9 दिनों तक उपवास रखा और दशमी तिथि को मां दुर्गा की उपासना की. जब उन्होंने अपना व्रत पूरा किया, तब मां दुर्गा ने उन्हें आशीर्वाद दिया और उनकी शक्ति से वे समुद्र को पार करके लंका पहुंचे. विजयादशमी के दिन, भगवान राम ने रावण को हराया, जो बुराई का प्रतीक था. इस प्रकार, नवरात्रि व्रत हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है और यह बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक बन गया है.

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नारद मुनि का ज्ञान

महामुनि नारद ने भगवान राम को मां दुर्गा की महिमा के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि किसी भी कठिन परिस्थिति में पड़ने पर पुरुष को यह व्रत अवश्य करना चाहिए. इस व्रत के कई उदाहरण मिलते हैं. महर्षि विश्वामित्र, भृगु, वसिष्ठ और कश्यप ऋषि जैसे महान ऋषियों ने भी इस व्रत का अनुष्ठान किया था.

शिव ने भी इस व्रत को किया

वृत्रासुर का वध करने के लिए इंद्र और त्रिपुरवध के लिए भगवान शिव ने भी इस व्रत को किया था. यहां तक कि भगवान श्रीहरि ने मधु को मारने के लिए सुमेरु गिरि पर इस व्रत का पालन किया था. नारद मुनि के अनुसार, इस व्रत को करने से रावण का वध किया जा सकता है, जो भगवान राम के लिए आवश्यक था.

व्रत का महत्व और श्रद्धा

भगवान राम की नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा से यह साबित होता है कि भक्ति और श्रद्धा से कोई भी बाधा पार की जा सकती है. जब हम सच्चे मन से किसी देवी-देवता की आराधना करते हैं, तो उनका आशीर्वाद हमारे जीवन में अवश्य होता है. नवरात्रि का पर्व हमें यह सिखाता है कि भक्ति और समर्पण से किसी भी समस्या का समाधान किया जा सकता है.

आध्यात्मिक दृष्टिकोण

नवरात्रि का त्योहार केवल बाहरी रिवाजों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक आंतरिक यात्रा भी है. मां दुर्गा की पूजा करते समय हम अपने अंदर की बुराइयों का नाश करने का प्रयास करते हैं. भगवान राम का उदाहरण हमें बताता है कि सच्ची भक्ति के साथ किए गए प्रयास हमेशा फलदायी होते हैं.

भगवान राम ने नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा क्यों की थी?

भगवान राम ने नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा इसलिए की थी ताकि उनकी कृपा से लंका पर विजय प्राप्त कर सकें. उन्होंने नौ दिनों तक व्रत रखा और मां दुर्गा से आशीर्वाद लिया, जिसके बाद वे रावण को पराजित करने में सफल हुए. यह पूजा अच्छाई की बुराई पर जीत का प्रतीक मानी जाती है.

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