अश्विन महीने के शुक्लपक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है. उस दिन ही शारदीय नवरात्रि का समापन जाता है. विजयादशमी के दिन मां दुर्गा की मूर्तियों का विसर्जन होता है. इस वर्ष विजयादशमी 25 अक्टूबर 2020 को मनाई जाएगी. चाल्कपंचांग के अनुसार, दशमी तिथि 25 अक्टूबर, 2020 को प्रातः 07:41 बजे से शुरू होगी और समाप्ति 26 अक्टूबर, 2020 को प्रातः 09:00 बजे होगी.
विजयादशमी पूजा मुहूर्त
विजयादशमी की पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 12 मिनट से दोपहर 03 बजकर 27 मिनट तक है. इस दिन विजयादशमी का मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 57 मिनट से दोपहर 02 बजकर 42 मिनट तक है. इस दिन भगवान राम, देवी अपराजिता तथा शमी के पेड़ की पूजा की जाती है. इसके साथ ही इस दिन लोग बच्चों का अक्षर लेखन, गृह प्रवेश, मुंडन, नामकरण, अन्नप्राशन, कर्ण छेदन और भूमि पूजन आदि कार्य शुभ भी करवाते हैं.
विजयादशमी का महत्व
इस दिन भगवान राम सिता माता को रावण की लंगा से मुक्त करके लाए थे. रावण पर भगवान राम के विजय की खुशी में हर वर्ष दशहरा मनाया जाता है. इसके साथ ही मां दुर्गा ने महिषासुर का अंत कर देवताओं को मनुष्यों पर उपकार किया था, इस हर्ष में भी दशहरा मनाया जाता है. विजयादशमी या दशहरा बुराई पर अच्छाई तथा असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है.
बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है दशहरा
ज्यादा उत्साह के साथ मनाया जाने वाला दिन, बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है जब देवी दुर्गा ने राक्षस राजा महिषासुर का वध किया था. यह भी कहा जाता है कि यही वह दिन था जब भगवान राम ने रावण को हराया था.
दशहरा 2020 शुभ मुहूर्त
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दशमी तिथि प्रारंभ – 25 अक्टूबर को सुबह 011:41 मिनट से
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इस दिन पुष्य नक्षत्र सुबह 6:20 से रात को 1.20 तक
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विजय मुहूर्त – दोपहर 01:55 मिनट से 02 बजकर 40 तक
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अपराह्न पूजा मुहूर्त – 01:11 मिनट से 03:24 मिनट तक
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दशमी तिथि समाप्त – 26 अक्टूबर को सुबह 08:59 मिनट तक रहेगी
पुतला दहन
दहशरा के दिन शाम में रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलों का दहन किया जाता है. 10 दिनों तक चलने वाली रामलीलाओं का समापन रावण दहन के साथ ही होता है.