Dussehra 2023: क्या सच में रावण के थे 10 सिर? जानिए इसके पीछे की असली कहानी
आज के समय में हमें अपने अंदर छिपे रावण को खत्म करने की आवश्यकता है. बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है रावण दहन. लेकिन आज भी जब रावण दहन होता है तो सभी के मन में यह सवाल जरूर आता है कि क्या सच में रावण के दस सिर थे. आइये जानते हैं क्या है रावण के 10 सिर के पीछे की कहानी...
रावण के 10 सिर को लेकर दो तरह की धारणा बनी हुई है. कुछ लोगों का मानना है कि रावण के दस सिर नहीं थे, बल्कि उसके पास दस सिर के बरारबर दिमाग था. तो वहीं कुछ लोगों का मानना है कि रावण 6 दर्शन और 4 वेदों का ज्ञाता थे इसलिए उसके 10 सिर थे.
रावण एक कुशल व्यापारी, कुशल राजनीतिज्ञ, महायोद्धा, चित्रकार, संगीतज्ञ थे. कहा जाता है कि रावण, इतने बड़े योद्धा और भक्त थे कि उन्होंने कैलाश पर्वत जिसमें महादेव स्वयं विराजमान रहते थे, उसको उठा लिए थे.
रावण के दस सिर बुराई का प्रतीक है. इन 10 सिर के अलग-अलग मतलब है. काम, क्रोध, लोभ, मोह, द्वेष, घृणा, पक्षपात, अहंकार, व्यभिचार और धोखा, ये सब रावण के 10 सिर के अर्थ हैं.
रावण को उसके 10 सरो के कारण भी दशानन के नाम से जाना जाता है. रावण का असली नाम दशगीवृ था. उन्होंने लंका को अत्यंत सुंदर और सुविधाओं से भरपूर बनाया था.
इस बार रावण दहन 24 अक्टूबर 2023 को है. रावण की बड़ी दुश्मनी भगवान राम से थी, जिन्होंने उनकी पत्नी सीता को अपहरण किया था. इसके परिणामस्वरूप, भगवान राम ने रावण के खिलाफ युद्ध की घोषणा की और उन्हें पराजित कर दिए थे.
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