10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

लड़कों के मुकाबले लड़कियां 12वीं के बाद पढ़ाई जारी रखने की ज्यादा इच्छुक: शिक्षा रिपोर्ट

Annual Status of Education Report : लड़कों की तुलना में ऐसी लड़कियों की संख्या ज्यादा है जो 12वीं कक्षा के बाद पढ़ाई जारी रखना चाहती हैं.रिपोर्ट एक सर्वेक्षण पर आधारित है. जानिए महिलाओं की आगे की पढ़ाई करने की क्षमता के प्रमुख कारक के बारे में शिक्षा की वार्षिक स्थिति रिपोर्ट 2023 क्या कहती है .

Undefined
लड़कों के मुकाबले लड़कियां 12वीं के बाद पढ़ाई जारी रखने की ज्यादा इच्छुक: शिक्षा रिपोर्ट 2
शिक्षा की वार्षिक स्थिति रिपोर्ट (असर)

नयी दिल्ली, शिक्षा की वार्षिक स्थिति रिपोर्ट (असर), 2023 से पता चला है कि लड़कों की तुलना में ऐसी लड़कियों की संख्या ज्यादा है जो 12वीं कक्षा के बाद पढ़ाई जारी रखना चाहती हैं. रिपोर्ट एक सर्वेक्षण पर आधारित है. सर्वेक्षण में पाया गया कि इस प्रवृत्ति के पीछे कारणों में शामिल हैं. लड़कियों का यह विश्वास कि शिक्षा उन्हें बेहतर गृहिणी बनने में सक्षम बनाएगी और पढ़ाई में उनकी रुचि भी. रिपोर्ट में कहा गया कि सामान्य तौर पर, लड़के इन निर्णयों को लेने या कम से कम आकार देने में सक्षम थे. यदि उन्हें आगे की पढ़ाई में रुचि नहीं थी, तो वे अपने परिवार की प्राथमिकताओं की परवाह किए बिना पढ़ाई छोड़ सकते थे.

क्या कहती है रिपोर्ट

लड़कियों के मामले में ये फैसले अक्सर उनके हाथ में नहीं होते. रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘असर 2023 सर्वेक्षण के निष्कर्षों में लड़कियों की तुलना में लड़कों का एक बड़ा हिस्सा 12वीं कक्षा के बाद पढ़ाई नहीं करना चाहता था. बातचीत के दौरान, लड़कियों ने कम से कम स्नातक स्तर तक पढ़ाई करने की इच्छा जताई, जबकि लड़कों ने अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद शिक्षा बंद करने की संभावना के बारे में बात की.

महिलाओं की आगे की पढ़ाई करने की क्षमता के प्रमुख कारक

रिपोर्ट में कहा गया कि लड़कियों के बीच, शादी की उचित उम्र के संबंध में बदलते सामाजिक मानदंड युवा महिलाओं की आगे की पढ़ाई करने की क्षमता के प्रमुख कारक के रूप में उभरे हैं. अधिकांश लड़कियों ने इस बारे में बात की कि कैसे उन्हें केवल 21 या 22 साल की उम्र में शादी करने की उम्मीद है, ताकि उन्हें तब तक पढ़ाई जारी रखने का समय मिल सके. रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘भले ही शादी की उचित उम्र में इस कथित वृद्धि ने उच्चतर माध्यमिक और कॉलेज स्तर की पढ़ाई को इन लड़कियों के लिए सामाजिक रूप से स्वीकार्य मार्ग बना दिया, लेकिन उच्च शिक्षा रोजगार बाजार के लिए बेहतर रूप से स्वयं को तैयार करने से शायद ही जुड़ी थी.’’

असर 2023 ‘बियॉन्ड बेसिक’ सर्वेक्षण

असर 2023 ‘बियॉन्ड बेसिक’ सर्वेक्षण 26 राज्यों के 28 जिलों में आयोजित किया गया था, जिसमें 14-18 वर्ष के आयु समूह के कुल 34,745 युवा शामिल हुए. उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश को छोड़कर, जहां दो ग्रामीण जिलों का सर्वेक्षण किया गया था, प्रत्येक प्रमुख राज्य में एक ग्रामीण जिले का सर्वेक्षण किया गया.असर नागरिक-नेतृत्व वाला राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण है जो ग्रामीण भारत में बच्चों की स्कूली शिक्षा और सीखने की स्थिति के बारे में बुनियादी जानकारी प्रदान करता है. बेसिक असर तीन से 16 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए प्रीस्कूल और स्कूल में नामांकन के बारे में जानकारी एकत्र करता है और उनकी पढ़ने और अंकगणित क्षमताओं को समझने के लिए पांच से 16 वर्ष की आयु के बच्चों का एक-एक करके मूल्यांकन करता है.

Also Read: क्या है मन भटकना और दिन में सपने देखना ?जानिए क्या है रिसर्च के रोचक तथ्य

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें