दिल्ली समेत देश के हिस्सों में आज ईद का चांद नजर आ गया है. अब ईद-उल-फितर का त्यौहार शुक्रवार को मनाया जाएगा. पिछले वर्ष की तरह इस साल भी ईद पर कोरोना का साया बना हुआ है. इसलिए विशेष एहितयात के साथ इस पर्व को मनाने की बात कही जा रही है. ईद के त्योहार के दिन लोग ईद की नमाज अदा करने के साथ ही एक-दूसरे को ईदी बांटते हैं, सेवइयां खिलाते हैं, गले मिलते हैं. इसके अलावा लोग अपनों को ईद की मुबारकबाद भी देते हैं. इस मौके पर जकात करने का भी बहुत महत्व है.
ईद में रखें इन बातों का ध्यान-
इस कोरोना काल में एहितियात बरतना और सामाजिक दूरी का पालन करना भी जरूरी है. ईद पर हाथ मिलाने और गले लगने से परहेज करना चाहिए.
सबसे पवित्र माह है रमजान का महीना
मुस्लिम मान्यताओं के अनुसार रमजान का महीना चंद्र कैलेंडर का सबसे पवित्र माह होता है। जिसके दौरान पैगंबर मोहम्मद (Prophet Muhammad) की पवित्र पुस्तक कुरान (Quran) का खुलासा हुआ था. इसलिए ईद रमजान के समय प्रार्थना और उपवास करने वालों के लिए अल्लाह की ओर से एक इनाम है.
कोरोना के कारण ईद पर पड़ा असर
कोरोना का व्यापक असर धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत पर असर पड़ा है. लोग पहले ईद की नमाज एक साथ पढ़ते थे, लेकिन अब धार्मिक स्थल बंद हैं.
अक्षय तृतीया पर भी कोरोना का संकट
आचार्य बालकृष्ण मिश्र के मुताबिक, हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया प्रमुख त्योहार है. यह वैशाख के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है. इस बार यह 14 मई को है. इस दिन सोना या नया सामान खरीदने और मांगलिक कार्य करने की परंपरा है. बाजार बंद हैं, तो रौनक नहीं रही. दुकानदारों को भी नुकसान हुआ. मिश्र के अनुसार, लोगों को ऐसा कुछ खरीदना चाहिए, जो सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार हो.
Posted By: Shaurya Punj