ईद का चांद शुक्रवार, 21 अप्रैल को नजर आने के बाद पूरे देश में शनिवार, 22 अप्रैल को ईद मनाई जा रही है.
ईद भाईचारे और सद्भाव का त्योहार है. बता दें कि ईद ईद-उल-फितर दुनिया भर में अलग-अलग दिनों में मनाया जाता है और यह वर्धमान चांद के देखे जाने से निर्धारित होता है, जिसे चंद्र इस्लामी कैलेंडर में शव्वाल महीने की शुरुआत का संकेत माना जाता है.
ईद को सेलिब्रेट करने के लिए लोग नए कपड़े पहनते हैं, विशेष व्यंजन तैयार करते हैं, दान करते हैं, और अपने प्रियजनों के साथ मिलते हैं, खुशियां मनाते हैं.
यह त्योहार शव्वाल के पहले दिन मनाया जाता है – यह वह महीना है जो हिजरी कैलेंडर में रमजान के बाद आता है. इसके अतिरिक्त, किसी भी चंद्र हिजरी महीने की शुरुआत धार्मिक अधिकारियों द्वारा अमावस्या को देखे जाने के अनुसार भिन्न होती है.
चूंकि ईद उल-फितर शव्वाल महीने के पहले दिन को भी चिह्नित करता है, इसलिए यह विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग दिनों में मनाया जाता है. इस्लामिक कैलेंडर के तहत सभी महीने 29 या 30 दिनों के होते हैं. मुसलमान ईद-उल-अधा भी मनाते हैं, जो ईद-उल-फितर के तुरंत बाद आता है.
ईद-उल-फितर भी उपवास, प्रार्थना और सभी नकारात्मक कार्यों, विचारों और शब्दों से दूर रहने का एक सफल महीना होने का उत्सव है और यह अल्लाह को सम्मान देने का एक तरीका है.
दुनिया भर के मुसलमान ईद-उल-फितर पर नमाज अदा करते हैं. इस दिन को सेलिब्रेट करने के लिए लोग नए कपड़े पहनते हैं.
ईद पर गरीबों को जकात या भिक्षा देते हैं, मिठाइयां बांटते हैं और बिरयानी, हलीम, निहारी, कबाब और सेवइयां सहित कई तरह के व्यंजन खाते-खिलाते हैं.
ऐसा माना जाता है कि पैगंबर मुहम्मद को पवित्र कुरान का पहला रहस्योद्घाटन (revelation) रमजान के पवित्र महीने के दौरान मिला था.
ईद-उल-फितर ने रमजान के दौरान सुबह से शाम तक उपवास की समाप्ति और शव्वाल महीने की शुरुआत को चिह्नित किया.