Loading election data...

Career: आधे एंप्लॉइज को सैलरी पसंद, पर अपना काम नहीं

Career: करियर, जिसमें जॉब सैटिस्फैक्शन और सैलरी दोनों ही मायने रखती है.कुछ इंप्लाइज ऐसे हैं जो अपने जॉब से खुश नहीं हैं तो कुछ ऐसे हैं जो अपनी सैलरी से खुश नहीं हैं. प्राइवेट सेक्टर में अपने जॉब से खुश ना रहने वाले इंप्लाइज की संख्या लगातार बढ़ रही है,जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है.

By Neha Singh | May 15, 2024 10:29 AM
an image

Career: प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले 50 फीसदी एंप्लॉइज ऐसे हैं, जिन्हें अपनी सैलरी पसंद है, काम नहीं. यह चौंकाने वाला खुलासा एक ताजा सर्वे से आया है. सर्वे जॉब पोर्टल TimesJobs.com ने किया है. सर्वे में अन्य बातें भी सामने आई हैं, जिनमें एंप्लॉइज के काम के घंटों के संबंध में भी उनकी पसंद-नापसंद का जिक्र है, पर सबसे चौंकाने वाला तथ्य उनके काम की पसंदगी या नापसंदगी के संबंध में सामने आया है.

सर्वे में शामिल ये 50 परसेंट एंप्लॉइइज ऐसे हैं, जिन्हें अपनी सैलरी को लेकर तो कोई शिकायत नहीं है, पर वे उस काम को करना ही नहीं चाहते, जिसके लिए उन्हें कंपनी पैसे दे रही है. प्राइवेट सेक्टर में प्रोडक्शन के लिहाज से यह एक परेशान करने वाला खुलासा है, क्योंकि जब एंप्लॉइज अपने काम में ही रुचि नहीं लेंगे तो आउटपुट पर असर आना स्वाभाविक है. जॉब पोर्टल की स्टडी में दूसरी बात यह सामने आई है, कि 52 फीसदी एंप्लॉइज काम के घंटों को लेकर खुश नहीं हैं. यानी उनसे ज्यादा समय तक काम लिया जा रहा है, यह चिंताजनक है. इन कर्मचारियों का कहना है कि उनसे हफ्ते में 40 घंटे से ज्यादा काम लिया जा रहा है, यह उचित नहीं है. सर्वे में 48 परसेंट एंप्लॉइज ही ऐसे थे, जिन्हें अपने काम के घंटों से कोई शिकायत नहीं थी. कॉरपोरेट कल्चर के लिए यह अच्छा संकेत नहीं है.

Career: 64 फीसदी लोग करते हैं ओवरटाईम

ओवरटाइम के सर्वे में यह बात सामने आई कि 64 फीसदी एंप्लॉईज ऐसे हैं जिनसे ओवरटाईम कराया जाता है और उन अतिरिक्त घंटों के पैसे भी नहीं दिए जाते। सर्वे में शामिल 42 फीसदी एंप्लॉईज ने बताया कि वे हफ्ते में दो से तीन दिन ओवरटाईम काम करते हैं। इन ओवरटाईम करने वालों में 64 फीसदी को अतिरिक्त काम का भुगतान नहीं मिलता है.वर्क फ्रॉम होम की बात करें तो ऐसे 60 फीसदी ही एंप्लॉईज हैं जिन्हें कहा जाता है कि वे दो दिन से भी कम काम घर से कर सकते हैं, अन्यथा ऑफिस आना होगा. इन कर्मचारियों की यह शिकायत है कि उन्हें बाध्य किया जाता है कि वे हर हाल में ऑफिस आकर अपने कार्यों का संपादन करें. कर्मचारियों का कहना है कि अगर वे घर से काम करें तो प्रोडक्टिविटी ज्यादा दे सकते हैं, पर इसके लिए मैनेजमेंट छूट नहीं देता है.

Career:82 परसेंट एंप्लॉईज हैं संतुष्ट

कॅरियर ग्रोथ की बात करें तो इसका कंपनियों के द्वारा ख्याल रखा जाता है. 82 परसेंट कर्मचारी कॅरियर ग्रोथ के अवसरों से संतुष्ट हैं. 18 परसेंट ऐसे हैं, जो कहते हैं कि कंपनी की नीति उन्हें प्रमोशन या इंक्रीमेंट के मामलों में अच्छी नहीं लगती.

Career: सर्वे से संकेत: वक्त आ गया कि कंपनियां एंप्लॉइज के हित की सोचें

इस सर्वे के बाद करियर काउंसलर शुभेंदु का कहना है कि वक्त आ गया है कि नियोक्ता कंपनियां अपने एंप्लॉइज के हित की सोचें.इतने बड़े पैमाने पर, जैसा कि सर्वे में बताया गया है, असंतोष का माहौल रहेगा तो कंपनी की प्रोडक्टिविटी के लिए कहीं से उचित नहीं होगा. कंपनी को एंप्लॉइज की तमाम निजी व पारिवारिक जरूरतों को ध्यान में रखकर अपनी नीतियों का आकलन करना चाहिए. कंपनी की नीतियां उसके फायदे में तो होनी ही चाहिए, साथ ही उन पर जो कर्मचारी आश्रित हैं, उनके हित का भी ध्यान रखा जाना चाहिए.

Career: सर्वे के संकेत के बाद करने होंगे ये कार्य

  • जॉब पोर्टल TimesJobs.com के सर्वे परिणामों के बाद कई जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए. इस संबंध में एक्सपर्ट्स की मानें तो सैलरी से संतुष्टि के अलावा कई ऐसे उपाय भी किए जाने चाहिए जिनसे कर्मचारी मानसिक रूप से भी प्रफुल्लित रहें और वे फ्री होकर कंपनी के हित में अपने कार्यों को संपादित करें.
  • कर्मचारियों का तनाव कम करने की दिशा में भी कंपनियों को काम करना होगा. कंपनियों को कार्यस्थल पर ऐसा वातावरण उत्पन्न करना होगा, जिससे कर्मचारी तनावरहित होकर काम कर सकें. उलझे हुए दिमाग के साथ क्वालिटी प्रोडक्टिविटी की कल्पना नहीं की जा सकती.
  • कर्मचारी लगातार काम करके शारीरिक रूप से तो थकते ही हैं, मानसिक तौर पर भी वे थकान का अनुभव करते हैं. ऐसी स्थिति से उबारने के लिए उपाय करने होंगे. स्वस्थ्य मन और दिमाग के साथ ही वे बेहतर कार्य कर सकते हैं.

काम का तनाव अपने साथ कई बीमारियां लेकर आता है. अगर आप अपने काम में खुश नहीं हैं और हर दिन अपनी दिनचर्या को अपनी खुशी के बजाय जबरदस्ती से चला रहे हैं तो यह धीरे-धीरे आपको डिप्रेशन की तरफ ले जाएगा. नौकरीपेशा लोगों के लिए सबसे बड़ा चैलेंज खुद को खुश और चिंतामुक्त रखना है. सर्वे के अनुसार लोग अपनी नौकरी आज की तारीख में करियर के लिए नहीं जीविका चलाने के लिए कर रहे हैं. जब लोग ऐसा करेंगे तो लिहाजा अपनी नौकरी से खुश नहीं होंगे. ऐसे में लोगों अपनी नौकरी से संतुष्टि के लिए अपना पैशन फॉलो करना चाहिए. इसके अलावा अपने करियर को अपनी खुशी से अपनाना चाहिए ताकि वो खुश रह सकें. जब आप खुश रहेंगे तभी काम भी अच्छे तरीके से कर पाएगें.- डॉ प्रियंका कुमारी, मनोचिकित्सक

Also Read: Dry Promotion: प्रमोशन से कर्मचारी को फायदा ‘आप कंपनी के लिए खास हैं’, 13 फीसदी कंपनियां इस साल ‘ड्राई प्रमोशन’ देने के मूड में

Exit mobile version