Engineers Day: हर वर्ष 15 सितंबर को भारत इंजीनियर्स डे के रूप में मनाता है. इसी दिन देश के महान इंजीनियर और भारत रत्न मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया का जन्म हुआ था. आज हम सभी तरह-तरह के गैजेट्स से घिरे हुए हैं, जिनके आविष्कार में इंजीनियर्स की बड़ी भूमिका रही है. ऐसे कई भारतीय व भारतीय मूल के इंजीनियर्स भी शामिल हैं, जिन्होंने अपने इनोवेशन से दुनियाभर में देश का मान बढ़ाया है तो आइए जानते हैं उनके बारे में…
वर्ष 1957 में गुजरात के बड़ौदा में जन्मे अजय भट्ट को बचपन से ही तकनीक में रुचि थी. उन्हें घर में जो कोई भी मशीन दिखायी देता, वे उसके पीछे पड़ जाते थे. तकनीक के प्रति इस लगाव का नतीजा ऐसा रहा कि उन्होंने बड़े होकर इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में स्नातक किया. अजय का नाम उस यूएसबी को बनाने का श्रेय है. जिससे हमें इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों से जुड़ने में मदद मिली है. आज पेन ड्राइव से लेकर माउस और कीबोर्ड समेत तमाम जगहों में इस्तेमाल होने वाली यूएसबी के इन्वेंटर भारतीय अमेरिकी अजय भट्ट हैं. इंटेल के लिए काम करते हुए उन्होंने यह आविष्कार किया.
टीवी के सामने बैठकर आज जिस ‘हाइ डेफिनेशन (एचडी) पिक्चर क्वालिटी का बेहतरीन अनुभव लेते हैं, इसे बनाने का श्रेय भारतीय अमेरिकी इंजीनियर अरुण नेत्रवाली को जाता है. मुंबई में 26 मई, 1946 को जन्मे अरुण नेत्रावली ने आइआइटी, मुंबई से स्नातक की उपाधि लेने के बाद इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में मास्टर्स और पीएचडी की उपाधि राइस यूनिवर्सिटी, ह्यूस्टन, टेक्सास से ली. टीवी को एनालॉग से डिजिटल टेक्नोलॉजी में बदलने और एचडीटीवी के आविष्कार में अरुण का प्रमुख योगदान रहा है. नेत्रावली द्वारा संचालित बेल लैब डिजिटल वीडियो तकनीक के अनुसंधान और विकास का प्रतीक माना जाता है. 170 से भी अधिक तकनीकी शोध पत्र प्रस्तुत करने वाले नेत्रावली ने 70 से ज्यादा पेटेंट करवाने के साथ पिक्चर प्रोसेसिंग डिजिटल टेलीविजन और कंप्यूटर नेटवर्क पर तीन पुस्तकें भी लिखी हैं.
कंप्यूटर के सीपीयू में मुख्य चिप को प्रोसेसर या माइक्रोप्रोसेसर कहा जाता है. समझने के लिहाज से माइक्रोप्रोसेसर को कंप्यूटर की आत्मा भी मान सकते हो और कंप्यूटर तकनीकी की दुनिया में सबसे लोकप्रिय चिप पेंटियम चिप है. इसे वर्ष 1993 में इंटेल कॉर्पोरेशन द्वारा पेश किया गया था. माइक्रोप्रोसेसरों को पहली बार 1980 में कैलकुलेटर में इस्तेमाल किया गया था, लेकिन तब तक इन चिप्स को एक नंबर से संबोधित किया जाता था. वर्ष 1993 में इंटेल ने 3.1 मिलियन ट्रांजिस्टर की क्षमता के साथ एक नयी चिप डिजाइन की. चिप डिजाइन करने वाली टीम का नेतृत्व भारतीय मूल के कंप्यूटर इंजीनियर विनोद धाम ने किया था.
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देश-दुनिया की सारी विविध खबरें आज गूगल न्यूज के माध्यम से एक क्लिक पर मिल जाती हैं. आज से लगभग दो दशक पहले ऐसा नहीं था. गूगल न्यूज के इन्वेंशन का श्रेय भारतीय अमेरिकी इंजीनियर कृष्णा भारत को जाता है. कृष्णा ने ऑटोमेटेड गूगल न्यूज में डेवलपर के रूप में काम किया है. यह टेक्नोलॉजी पूरी तरह से एल्गोरिथम बेस्ड है, जिसमें अलग-अलग पोर्टल से न्यूज आकर कलेक्ट होती है. उनके इस इनोवेशन के लिए वर्ष 2003 में कृष्णा को मीडिया और जर्नलिज्म के क्षेत्र में वर्ल्ड टेक्नोलॉजी अवार्ड से सम्मानित भी किया गया था. 7 जनवरी, 1970 को कर्नाटक के बेंगलुरु में जन्मे कृष्णा ने बेंगलुरु से ही स्कूली शिक्षा के बाद उन्होंने आइआइटी मद्रास से कंप्यूटर साइंस में ग्रेजुएशन किया. इसके बाद जॉर्जिया से ह्यूमन कंप्यूटर इंटरेक्शन पर पीएचडी की. इसके बाद गूगल के लिए माउंटेन व्यू अमेरिका में रिसर्च साइंटिस्ट के पद से अपने काम की शुरुआत की.