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Reynolds हमसे नहीं होगा जुदा, जानिए क्या है कंपनी का अपडेट

Fact Check : एक वक्त वो था स्कूल का रूटीन सजाते थे तो एक पेन को रखना नहीं भूलते थे. ना जाने कितने लोगों की बचपन की यादें रेनॉल्ड्स से जुड़ी हैं. जो अपनी सादगी से दिलों में बस गया है उसके बंद होने की खबरों ने उसके चाहने वालों को मायूस कर दिया था लेकिन अच्छी बात है कि रेनॉल्ड्स के पेन बंद नहीं होंगे.

Fact Check : मार्केट में एक से बढ़कर एक ब्रांड आते हैं. कुछ के श्लोगन तो हर किसी की जुबान पर भी छाते हैं. लेकिन कई अचानक चुपचाप चले भी जाते हैं लेकिन एक खास ब्रांड ने भी हाल में ऐसे ही अलविदा कह गया ! इस खबर ने इसके चाहने वालों में निराशा भर दी. यह कोई और नहीं हम सबकी बचपन की यादों से जुड़ा रेनॉल्ड्स पेन ब्रांड है. लेकिन निराश होने की जरूरत नहीं है. Reynolds हमसे जुदा नहीं होगा .

रेनॉल्ड्स 045, कंपनी ने अपनी साइट पर जारी बयान ने लिखा है. रेनॉल्ड्स के बारे में हालिया गलत सूचना भ्रामक और गलत है. रेनॉल्ड्स ने भारत में अपनी 45 साल की विरासत के साथ लगातार गुणवत्ता और नवीनता को प्राथमिकता दी है. भारत में लेखन व्यवसाय के विस्तार और विकास के लिए हमारी मजबूत भविष्य की योजना है .

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Reynolds हमसे नहीं होगा जुदा, जानिए क्या है कंपनी का अपडेट 2

कई लोगों को यह जानकर आश्चर्य होगा कि एक कंपनी के रूप में रेनॉल्ड्स ने वास्तव में अमेरिका में काम शुरू किया था. रेनॉल्ड्स के पेन पर लिखा ‘045’ आखिर क्या दर्शाता था ? दरअसल यह 1945 को दर्शाता है. जिस वर्ष कंपनी ने एक आंधी लायी थी . धीरे-धीरे यह ब्रांड भारत में आया और एक आइकन बन गया. फुटवियर के बाजार में बाटा की तरह, रेनॉल्ड्स की शुरुआत भी भारत में नहीं हुई थी, लेकिन बहुत ही तेजी के साथ भारत में इसने हर घर में अपनी पहचान बना ली.

इसकी खासियत ने दिलाई हर घर में अलग पहचान 

इसकी खासियत ने इसे इसकी प्रतिस्पर्धी कंपनियों से काफी आगे खड़ा कर दिया क्यों दूसरी कंपनियों के कई पेन लीक होते थे ये जो बढ़िया थे वे काफी महंगे होते थे. जबकि यह आम इंसान के पॉकेट का ख्याल करने वाली पेन थी.

भारतीय शिक्षा प्रणाली में आपको हर दिन, हर समय लिखना होता है. क्लास नोट्स हो या फिर होमवर्क, असाइनमेंट और परीक्षा सभी में कलम की जरूरत पड़ती थी जिसे 1945 को रेनॉल्ड्स के पेन ने बिना किसी तकलीफ के पूरा कर दिया और धीरे- धीरे यह हर बच्चे के पेंसिल बॉक्स में बस गया.

भारतीय शिक्षा प्रणाली की कठोर लेखन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए, अन्य ब्रांडों के पास एक या दो पेन थे लेकिन रेनॉल्ड्स के पास कई विकल्प थे. इसमें सबसे खास था 045 फाइन कार्ब्यूर – सचिन तेंदुलकर पेन था. जिसकी रिफ़िल कभी लीक नहीं हुई, और स्याही कभी ख़राब नहीं हुई. रेनॉल्ड्स ने कई दूसरे रंग के भी पेन लॉन्च किए

आपकी फेवरेट कलम सिर्फ कलम नहीं होती वो आपकी साथी जिसने आपकी हर परीक्षा में साथ दिया होता है. जब आप किसी मुकाम पर पहुंचते हैं तो बचपन की यादें जरूर जेहन में छाती हैं . इसमें रेनॉल्ड्स पेन की यादें 80 और 90 के दशक के बच्चों के लिए कुछ खास है हालांकि अफवाह कहीं से भी शुरू हुई हो लेकिन कंपनी में अपनी बात सामने रखी है जो वाकई राहत की बात है.

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