Self Care: तमाम व्यस्तताओं के बीच स्वस्थ रहने के लिए इन आदतों को जीवनशैली में करें शामिल
तमाम व्यस्तताओं के बावजूद जीवनशैली में कुछ आसान आदतों को शामिल कर आप खुद को हमेशा फिट रह सकते हैं.
Self Care: जीवन की आपाधापी और व्यस्तताओं के बीच अक्सर लोग खुद का सही से ख्याल नहीं रख पाते हैं. इसके चलते उन्हें तनाव, अवसाद, चिड़चिड़ापन जैसी कई स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. लेकिन, तमाम व्यस्तताओं के बावजूद जीवनशैली में कुछ आसान आदतों को शामिल कर आप खुद को हमेशा फिट रह सकते हैं. ये आदतें न केवल आपके मानसिक स्वास्थ्य, बल्कि आपको शारीरिक रूप से सेहतमंद बने रहने में मदद करती हैं. जानिए ऐसे ही कुछ आदतों के बारे में, जिन्हें अपनाकर आप अपनी नौकरी, परिवार या अन्य दायित्वों के बीच संतुलन बनाने के साथ-साथ खुद को स्वस्थ रख सकते हैं.
हर दिन करीब 20 मिनट तक पढ़ें
पढ़ने के लिए समय निकालना व्यस्त रहने वाले लोगों एक विलासिता की तरह लग सकता है. लेकिन, यदि आप अपनी जीवनशैली में इस आदत को अपनाते हैं, तो यह आपकी जिंदगी में काफी बदलाव ला सकती है. इसलिए प्रतिदिन कम से कम 20 मिनट अपनी पसंदीदा पुस्तक या लेख पढ़ने के लिए जरूर निकालें. दरअसल, पढ़ने से तनाव कम हो सकता है. संज्ञानात्मक कार्य बढ़ सकता है. यहां तक कि नींद की गुणवत्ता में भी सुधार हो सकता है. साथ ही यह दिनभर के दबावों से छुटकारा पाने और तनावमुक्त रहने का एक शानदार उपाय है.
कमरे के छोटे हिस्से को साफ करें
अगर घर में रखे सामान इधर-उधर बिखरे और फैले हुए होते हैं, तो इसका असर आपके दिमाग पर भी पड़ सकता है. अव्यवस्था हमारी ऊर्जा को खत्म कर सकती है. इसलिए व्यवस्थित हो बहुत जरूरी है. वैसे, व्यवस्तता के दौरान पूरे कमरे को व्यवस्थित करना कठिन लग सकता है, लेकिन एक छोटी-सी जगह को व्यवस्थित करना बेहद ही आसान है. चाहे वह आपकी डेस्क हो, किचन काउंटर हो या आपके लिविंग रूम का कोई कोना हो, हर दिन कुछ मिनट साफ-सफाई में बिताएं. यह आदत न केवल आपको व्यवस्थित रहने में मदद करती है, बल्कि इससे स्वच्छता का भाव भी पैदा होता है. इस तरह की गतिविधियां एंजाइटी को कम करने में मदद करती हैं.
पांच मिनट का स्ट्रेचिंग ब्रेक लें
लंबे समय तक एक जगह पर बैठे रहना, चाहे डेस्क पर हो या स्क्रीन के सामने, हमारे शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है. इसलिए करीब पांच मिनट का ब्रेक लें. इससे आपके अंदर व्याप्त नकारात्मक विचारों से निजात मिल सकता है.
इसके लिए बस अपनी बाहों, पैरों, गर्दन और पीठ पांच-पांच मिनट के लिए स्ट्रेच करें. स्ट्रेचिंग न केवल ब्लड सुर्कलेशन में सुधार करती है, बल्कि यह मांसपेशियों के तनाव को कम करने में भी मदद करती है. इसलिए चाहे आप घर पर हों या कार्यालय में, अपने शरीर और दिमाग को तरोताजा करने के लिए थोड़े-थोड़े अंतराल पर ब्रेक जरूर लें.
अपने लिए या दूसरों प्रति दया भाव दिखाएं
तमाम व्यस्तताओं के दौरान खुद के प्रति और दूसरों के प्रति दयालुता दिखाना जरूरी है. दयालुता का एक छोटा-सा काम करने के लिए हर दिन कुछ समय निकालें, चाहे वह अपने लिए पॉजिटिव नोट्स लिखना हो, किसी मित्र को कोई मैसेज भेजना हो या किसी सहकर्मी की मदद करना हो. दयालुता के कार्य न केवल हमारे मूड और आत्म-सम्मान को बढ़ाते हैं, बल्कि सामाजिक संबंधों को भी मजबूत करते हैं और सामाजिक भावना को बढ़ावा देते हैं. यहां तक कि छोटे से छोटे काम भी काफी गहरा असर डाल सकते हैं.
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दिन का अंत आभार व्यक्त वाली एक चीज से करें
इससे पहले कि आप बिस्तर पर सोने जाएं, दिनभर आपने क्या-क्या काम किये, उस पर चिंतन-मनन करने के लिए कुछ समय निकालें और एक ऐसी चीज की पहचान करें, जिसके लिए आप आभारी हैं. यह एक सार्थक बातचीत या खुशी का क्षण हो सकता है. खुद के प्रति आभार जताने से आपका ध्यान अभाव से हटकर उन चीजों की तरफ जाता है, जो आपके जीवन में पर्याप्त हैं. इससे आपके अंदर सकारात्मकता का भाव पैदा होता है और समग्र रूप से सेहतमंद बने रहने में मदद मिलती है. इसलिए चाहे आपका दिन कितना भी व्यस्त क्यों न हो, छोटी-छोटी चीजों में कृतज्ञता खोजें.