आहार में परिवर्तन से बढ़ाये शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता
सदियों से भारतीय संस्कृति में आहार व व्यवहार का विशेष महत्व रहा है. स्वच्छ भोजन व सद्विचार को जीवन शैली का आधार माना गया है. आहार के संबंध में कहा गया है कि लोग जैसा भोजन करते है, वैसी ही उनकी सोच भी होती है.
सदियों से भारतीय संस्कृति में आहार व व्यवहार का विशेष महत्व रहा है. स्वच्छ भोजन व सद्विचार को जीवन शैली का आधार माना गया है. आहार के संबंध में कहा गया है कि लोग जैसा भोजन करते है, वैसी ही उनकी सोच भी होती है. भारतीय भोजन में उपयोग किये जाने वाले कुछ मसालों को औषधि भी माना गया है. जिसके सेवन से शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. जिससे विषाणु जनित रोगों से लड़ने में सहायता मिलती है. इस समय जब पूरा विश्व कोरोना संक्रमण के दौर से गुजर रहा है, लोगों के सामने इससे निबटने की चुनौती बनी हुई है. वहीं आहार में कुछ सामग्रियों का उपयोग कर रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की बात कही जा रही है. ताकि कोरोना के संक्रमण को कम किया जा सके.विद्या भवन महिला कॉलेज सीवान की गृह विज्ञान विभाग की प्रोफेसर डॉ आंचल सिंह का मानना है कि संतुलित व पौष्टिक भोजन तथा योग व मेडिटेशन कोरोना संक्रमण को कम करने में काफी सहायक होगा.
प्रभात खबर से विशेष बातचित में डॉ आंचल सिंह ने बताया कि संक्रमण से बचने के लिये लोगों को घर में बना स्वच्छ भोजन ही ग्रहण करना चाहिए. फलों व हरी सब्जियों को अच्छी तरह से धोकर उपयोग में लाये. विटामिन-सी से भरपूर फलों का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है.योग व मेडिटेशन को दें महत्व-डॉ आंचल सिंह का मानना है कि लोगों को जीवन में योग व मेडिटेशन करना चाहिए. बताया कि ऋषि-मुनि योग के बल पर सैकड़ों वर्षों तक स्वस्थ रहते थे. कहा कि मेडिटेशन से जहां मानसिक शांति मिलती है, वहीं योग से आंतरिक क्षमता का विकास होता है. इसके अलावे स्वच्छ आचरण व स्वच्छ वातावरण भी तनाव को कम करने में सहायक होता है.हल्दी व मुलेठी का करें सेवनडॉ आंचल सिंह बताती है कि हल्दी, प्राकृतिक एंटीबायोटिक है. हल्दी का भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व भी है. सब्जी में उपयोग के साथ ही उन्होंने दूध में मिलाकर सेवन करने की बात कही. वहीं बताया कि मुलेठी में एंटी वायरल गुण होते है, जो किसी भी संक्रमण से बचाने में सहायक होता है. दालचीनी से भी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ता है. वहीं तुलसी को मनुष्य के लिए सबसे बेहतरीन औषधि बताया. वहीं डॉ आंचल सिंह ने लोगों को नमस्कार की प्रवृत्ति अपनाने की बात कही. कहा कि मौजूदा दौर में कोरोना जैसे अनेकों संक्रमण से बचाने में सहाय है. नमस्ते की प्रवृत्ति को अब यूरोपीय देश भी अपना रहें है.