Friendship Marriage : लव, सेक्स और धोखा से मुक्त यह नया रिश्ता युवाओं में पकड़ रहा है जोर

मैत्री विवाह में लोग समान विचार व समान पसंद वाले साथी चुनते हैं, जिसके साथ वे कंफर्ट फील कर सकें. इस तरह के विवाह में लोग उस व्यक्ति से शादी नहीं करते हैं, जिससे वे प्यार करते हैं या एक रोमांटिक रिलेशनशिप रखते हैं.

By Rajnikant Pandey | May 11, 2024 8:10 PM
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Friendship Marriage : आमतौर पर कोई आपसे पूछे कि सफल शादी का राज क्या है, तो शायद आप जवाब देंगे- प्यार. मगर आधुनिक युग में शायद यह जवाब फिट नहीं बैठता.
जापान ऐसा देश है, जहां की लगातार घटती जनसंख्या एक बड़ी चुनौती बनी हुई है. वहीं विवाह के घटते दर के बीच जापान में अब एक नया रिलेशनशिप ट्रेंड जोर पकड़ रहा है, जिसे ‘फ्रेंडशिप मैरिज’ या मैत्री विवाह कह सकते हैं. खास है कि यह विवाह ‘लव, सेक्स और धोखा’ से मुक्त है. यानी इस विवाह में इन चीजों के लिए कोई जगह नहीं है.
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट (एससीएमपी) की रिपोर्ट के अनुसार, जापान में युवाओं की बढ़ती संख्या प्यार या सेक्स से मुक्त एक नये प्रकार के वैवाहिक रिश्ते को चुन रही है, जिसे ‘Friendship Marriage’ (मैत्री विवाह) का नाम दिया गया है.

आखिर क्या है फ्रेंडशिप मैरिज का कांसेप्ट

मैत्री विवाह में लोग समान विचार व समान पसंद वाले साथी चुनते हैं, जिसके साथ वे कंफर्ट फील कर सकें. इस तरह के विवाह में लोग उस व्यक्ति से शादी नहीं करते हैं, जिससे वे प्यार करते हैं या एक रोमांटिक रिलेशनशिप रखते हैं. यानी यह एक तरह से किसी शहर में समान रुचियों वाले रूममेट को ढूंढ़ने जैसा है.

अब आप पूछेंगे कि आखिर इसकी जरूरत क्यों पड़ी और इस विवाह में होता क्या है?
अमूमन पारंपरिक विवाह में दो परिवारों की रजामंदी होती है. वर-वधू कानूनी विवाह कर सकते हैं और पति-पत्नी के रूप में एक साथ रहते हैं. मगर मैत्री विवाह का कांसेप्ट है कि इस रिश्ते में लोगों को आपसी सहमति के आधार पर अन्य लोगों के साथ संबंध बनाने की भी अनुमति होती है. इसके अलावा, वे चाहें तो कृत्रिम गर्भाधान के माध्यम से बच्चे पैदा करने का निर्णय भी ले सकते हैं.
इसी तरह के रिश्ते में एक महिला ने अपने अनुभव को साझा करते हुए बताया कि वह खुद को किसी की प्रेमिका के रूप में उपयुक्त नहीं देखती थी, मगर उसे लगता था कि वह एक अच्छी दोस्त जरूर बन सकती है. उसे शुरू से समान रुचियों और पसंद वाले व्यक्ति के साथ रहने की चाहत थी, जिसमें कोई बंधन न हो. वहीं तीन साल से मैत्री विवाह में रहने वाले एक व्यक्ति का कहना है कि ‘मैत्री विवाह’ समान रुचियों वाले रूममेट को ढूंढ़ने जैसा है.
फ्रेंडशिप मैरेज पर अधिक प्रकाश डालते हुए जापान के एक मैरिज लॉयर झाउ ली कहते हैं कि इसे आप ‘‘दोस्ती से ज्यादा और एक प्रेमी से कम’’ वाला रिश्ता समझ सकते हैं.

माता-पिता व समाज को खुश करने का एक उपाय

रिपोर्ट के अनुसार, मित्रता विवाह उन लोगों के लिए एक बेहतर विकल्प हो सकता है, जो रोमांटिक रिश्ते में भरोसा नहीं करते या शादी करने के इच्छुक नहीं हैं, लेकिन समाज के सामने अपनी अच्छी छवि बनाये रखना चाहते हैं या अपने माता-पिता को खुश देखना चाहते हैं. साथ ही इस रिश्ते में उन्हें करियर में उन्नति के अवसर नजर आते हैं.
एक रिपोर्ट के अनुसार, इस विवाह में 70 फीसदी से अधिक लोगों ने बच्चे पैदा करने के लिए इस रिश्ते को चुना, क्योंकि जापान में एक अकेली महिला के लिए मातृत्व को अपनाना अभी भी आसान नहीं है.
वहीं कुछ महिलाओं के लिए मैत्री विवाह का नया ट्रेंड टैक्स बेनिफिट को भुनाने के तौर पर भी देखा जा रहा है, क्योंकि जापान में विवाह करने पर इनकम टैक्स में छूट का प्रावधान है और अकेली महिलाओं को परिवार शुरू करने में महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.
जबकि जापानी कैबिनेट कार्यालय के अनुसार, 30 वर्ष की आयु वाले लगभग 75 प्रतिशत जापानी व्यक्ति अभी भी पारंपरिक विवाह को ही जीवन का महत्वपूर्ण लक्ष्य मानते हैं.

साल 2015 में एक एजेंसी ने की थी यह शुरुआत

चूंकि जापान में लोग पारंपरिक विवाह से से दूर हो रहे हैं, ऐसे में इस नब्ज को पकड़ते हुए साल 2015 में कलर्स नाम से एक एजेंसी की शुरुआत की गयी थी, जो मैत्री विवाह कराने वाली देश की पहली और एकमात्र एजेंसी है. कलर्स के अनुसार, फ्रेंडशिप मैरिज के इस नये ट्रेंड को लोग स्वीकार कर रहे हैं और करीब 12,40,000 जापानी युवा इस विवाह के संभावित उम्मीदवार हैं. अब तक लगभग 500 सदस्यों ने एजेंसी के माध्यम से ‘मैत्री विवाह’ रचा है, जिनमें से 70 फीसदी से अधिक लोगों ने माता-पिता बनने का जोखिम भी उठाया है.
हालांकि ऐसा नहीं कि मैत्री विवाह को बेहद सफल कहा जा सकता है. कलर्स एजेंसी के अनुसार, ऐसे कुछेक रिश्ते कभी-कभी तलाक के साथ टूट भी जाते हैं, जो बाद में खुद को खोए हुए महसूस करते हैं या जिन्हें इसमें किसी तरह का नीतिगत लाभ या साहचर्य नजर नहीं आता. साथ ही जो इसमें खुद को सामाजिक रूप से बहिष्कृत मानते हैं.

कैसे शुरू होती है फ्रेंडशिप मैरिज की तैयारी

ऐसी शादी के बंधन में बंधने से पहले जोड़े अक्सर अपने जीवन की महत्वपूर्ण जानकारियां शेयर करते हैं. तमाम मुद्दों पर कई दिनों तक विचार-विमर्श करते हैं. यहां तक कि घर में खाने-पीने की व्यवस्था कैसी होगी, खर्चे कौन और कैसे उठायेगा, घरेलू कार्यों में किसकी कितनी भागीदारी रहेगी आदि विषयों पर चर्चा करते हैं. यानी कपड़े धोने से लेकर घर में टीवी, फ्रिज, इंटरनेट आदि की व्यवस्था तक सबकुछ.
कलर्स के अनुसार, इस तरह की चर्चाओं में शामिल होने वाले लगभग 80 प्रतिशत जोड़े खुशी से एक साथ रहते हैं और कई मामलों में बच्चों के साथ अपने परिवार का विस्तार करते हैं. विवाह का यह नया ट्रेंड रिश्ते के भीतर सद्भाव को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.

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‘तीसरे’ तरह के लोग भी इस रिश्ते में तलाश रहे हैं विकल्प

यह शादी उन पुरुषों और महिलाओं के बीच भी अधिक लोकप्रिय है, जो खुद को एसेक्शुअल (अलैंगिक) या होमोसेक्सुअल (समलैंगिक) के रूप में पहचानते हैं. एसेक्शुअल, जिनमें यौन इच्छा या रोमांटिक आकर्षण की कमी होती है, फिर भी संबंध और साहचर्य की तलाश करते हैं. बता दें कि जापान में समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता अब तक नहीं मिली है. ऐसे में समलैंगिक लोग भी मैत्री विवाह को एक विकल्प के रूप में देख रहे हैं.

रिपोर्ट कहती है कि मैत्री विवाह में रुचि दिखाने वाले व्यक्तियों की औसत आयु आमतौर पर 32.5 वर्ष है और उनकी आय राष्ट्रीय औसत से अधिक होती है. कलर्स के अनुसार, उनमें से लगभग 85 प्रतिशत के पास कम से कम ग्रेजुएशन की डिग्री है.

इधर भारत में जोर पकड़ रहा ‘स्लीप डिवोर्स’ का ट्रेंड

इसके उलट, भारत में एक नया रिलेशनशिप जोर पकड़ रहा है, जिसे ‘स्लीप डिवोर्स’ कहते हैं. यह पारंपरिक तलाक के मामलों से अलग है. इसमें विवाहित जोड़े आपसी रजामंदी से एक ही घर में अलग-अलग सोते हैं, मगर उनमें एक-दूजे के लिए प्यार और प्रतिबद्धता बनी रहती है. इसके पीछे कई अन्य कारण हो सकते हैं, जैसे कार्य व्यस्तता के बाद पर्याप्त नींद लेने की जरूरत, किसी साथी का खर्राटा लेना आदि कारण.

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