खानपान की दुनिया में छाया जायकों का संगम, मिश्रित जायकों के मिश्रण से बढ़ाए अपने दैनिक भोजन का आनंद
Fusion Of Tastes : आजकल अक्सर फ्यूजन व्यंजनों के दर्शन होते हैं, जिनमें देश-विदेश के खाद्य पदार्थ जुगलबंदी करते हैं. ज्यादातर इस तरह का फ्यूजन चमत्कार पैदा करने वाले आविष्कार की तरह प्रदर्शित किया जाता है.
Lifestyle : खानपान की दुनिया में जायकों का संगम अनायास अक्सर होता है और कभी-कभार काफी सोच-विचार के बाद सायास भी. आजकल अक्सर फ्यूजन व्यंजनों के दर्शन होते हैं, जिनमें देश-विदेश के खाद्य पदार्थ जुगलबंदी करते हैं. ज्यादातर इस तरह का फ्यूजन चमत्कार पैदा करने वाले आविष्कार की तरह प्रदर्शित किया जाता है, लेकिन इससे उसके स्वाद में कोई इजाफा हुआ हो, यह जरूरी नहीं. कभी किसी सामिष व्यंजन को शाकाहारी पदार्थ से बना लिया या फिर उसका कलेवर बहुत मेहनत से बदला जाता है, शक्ल बदल जाती है, पर जायका पुराना वाला बरकरार रहता है. कश्मीरी पंडित रसोई का कद्दू का रोगन जोश या सब्जियों के छिलके से तैयार अवधी गलौटी सींक या तोरई का मगज, कटहल-जिमीकंद के कबाब या कच्चे केले की सरसों वाली बिहारी मछली की तरकारी आदि के नाम भी उल्लेखनीय है. बहुत कम ऐसा होता है कि कोई दुस्साहसी खाना पकाने वाला ऐसे पदार्थों को एक ही व्यंजन में शामिल करता है, जिसकी कल्पना करना भी इन्हें चखने के पहले असंभव सा प्रतीत होता है.
मिश्रित जायकों का जलवाहाल ही में हमारे हाथ एक खान-पान के शौकीन मारवाड़ी सज्जन की लिखी किताब लगी, जिसका शीर्षक है ‘बापूज करीज’. किसी गलतफहमी से बचने के लिए शुरू में ही यह साफ करना जरूरी है कि इन बापू का संबंध राष्ट्रपिता से दूरदराज तक का भी नहीं. यह मारवाड़ी सज्जन अपने संयुक्त परिवार के मुखिया है और उनके बच्चों, नाती-पोते के लिए उनकी पहचान अपने बापू वाली ही है. सर्वोच्च न्यायालय में कई साल वकालत कर चुके ये सज्जन खान-पान के मामले में कट्टर हठधर्मी नहीं, शाकाहारी जरूर हैं, पर लहसुन-प्याज से परहेज नहीं करते. इनकी संकरित पाक विधियों में तरह-तरह के जायकों का मिश्रण किया गया है. यह सब सोच-विचार के साथ किया गया है ताकि बनायी चीज की रंगत और जायके दोनों में कोई द्वंद्व ना हो.
अंगूर के रस वाले आलू वास्तव में एक नायाब शोरबेदार तरकारी है. मीठी कांधारी अनार के रस से तरी तैयार की जाती है और आलू की गोल कतलियों को तलने के बाद अनार के रस में भिगोया जाता है. मसाले में चिरौंजी और खसखस के दाने पीसे जाते हैं. मिठास को काटने के लिये हरी और काली मिर्च का पेस्ट तथा चाट जैसा चटखारा पैदा करने के लिए काले नमक का प्रयोग किया जाता है. अच्छी-खासी मात्रा में मलाई शोरबे को गाढ़ा बनाती है. महीन पिसी हरी मिर्च और लहसुन-अदरक का पुट इसके जायके को असाधारण बनाता है.
स्वाद और सुवास वाले मसालेऐसा ही एक दूसरा व्यंजन है मोइली तरकारी. मीन मोइली नामक व्यंजन केरल की रसोई का नायाब रत्न समझा जाता है. इसे मछली से तैयार किया जाता है और तरी में केरल के मलयाली इस्टू की तरह ही नारियल के दूध को काम लाते हैं. केरल में तरह-तरह के स्वाद और सुवास वाले मसाले पैदा होते हैं, पर इस प्रदेश के खाने तीखे नहीं होते और इलायची, लौंग, काली मिर्च और दालचीनी तक ही उनकी मौजूदगी खाने में महसूस की जा सकती है. जब इसी तरीके से सब्जी तैयार की जाती है, तब सब्जियों का कुदरती जायका तो जुबान पर चढ़ता ही है, एक अपरिचित जायका (नारियल के दूध का और बेहद हल्के मसालों का) असाधारण होने के कारण आकर्षित करता है.
मिश्रित जायकों के मिश्रणआप अपनी इच्छानुसार इस तरह के प्रयोगों से प्रेरित होकर मिश्रित जायकों के मिश्रण से अपने दैनिक भोजन का आनंद कई गुना बढ़ा सकते हैं. मसलन, खटास के लिए इमली या अमचूर की जगह कोकम का इस्तेमाल कर और मिठास के लिए चीनी या साधारण गुड़ की जगह राब या बहुत कम मात्रा में शहद या फलों के गाढ़े रस का प्रयोग कर सकते हैं.
Also Read: VIRAL VIDEO: नखरेबाज बच्चे को बीच बाजार में मां ने कुछ ऐसे सिखाया सबक, हंसते-हंसते पेट में हो जाएगा दर्द