Gandhi Jayanti: आज हम सभी के प्यारे बापू यानी महात्मा गांधी की 153वीं जयंती है. बापू के जीवन से कई ऐसी अच्छी बातें सीखी जा सकती हैं, जिससे हमारे जीवन में साकारात्मक बदलाव आ सकता है. महात्मा गांधी का जन्म आज के ही दिन वर्ष 1869 में गुजरात के पोरबंदर में हुआ था. उनके सम्मान में इस दिन को दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के तौर पर मनाया जाता है. एक बार गांधी जी से जब यह पूछा गया कि आप दुनिया को क्या संदेश देना चाहते हैं, तो उन्होंने कहा, “मेरा जीवन ही मेरा संदेश है.” तुम भी उनके जीवन से संदेश लो.
यह उन दिनों की बात है, जब महात्मा गांधी साबरमती आश्रम में रहा करते थे. एक दिन पास ही के गांव के कुछ लोग गांधी जी से मिलने आये. उन्होंने अपने गांव में एक सभा का आयोजन किया था, जिसमें वे बापू को संबोधन के लिए आमंत्रित करना चाहते थे. लोगों ने बताया कि चार बजे शाम का समय तय किया गया है. गांधी जी ने आमंत्रण स्वीकार कर लिया. जाने से पहले एक व्यक्ति ने कहा- बापू, मैं आपको लेने गाड़ी के साथ एक व्यक्ति को भेज दूंगा, ताकि सभा स्थल तक पहुंचने में आपको दिक्कत न हो. अगले दिन गांधी जी समय पर सभा में जाने के लिए गाड़ी की प्रतीक्षा करने लगे, लेकिन पौने चार बजने तक भी कोई नहीं पहुंचा. गांधी जी ने साइकिल उठायी और सभा स्थल पहुंच गये. जब लोगों ने गांधी जी को वहां देखा तो वे भूल पर शर्मिंदा हुए. गांधी जी कहा कि समय अमूल्य है, इसे व्यर्थ न गंवाएं.
महात्मा गांधी का मानना था कि ‘हम जो सोचते हैं, वही बन जाते हैं.’ अगर तुम्हारे मन में लक्ष्य तक पहुंचने को लेकर कोई नकारात्मक भाव रहता है, तो असल जिंदगी में भी वैसा ही होने लगता है. गांधी जी मानते थे कि ऐसी स्थिति में हमें नकारात्मक विचारों को मन से हटा देना चाहिए और सिर्फ सकारात्मक सोच के साथ मेहनत करते रहना चाहिए. उनका मानना था कि अगर इंसान को खुद पर भरोसा हो, तो उसके लिए कोई भी काम करना नामुमकिन नहीं है.
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गांधी जी को जीवन में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा. मुश्किलों के आगे हार मानने की जगह वे लगातार प्रयास करते रहे. दक्षिण अफ्रीका में जब वे रेलगाड़ी के प्रथम श्रेणी डिब्बे में सफर कर रहे थे, तो गांधी जी को डिब्बे से बाहर फिंकवा दिया था. गांधी जी उस घटना से डिगे नहीं. यही नहीं, स्वतंत्रता संग्राम में शामिल होने की वजह से उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा, लेकिन वह भारत की आजादी के लिए संघर्ष करते रहे. अंतत: अंग्रेजों को भारत छोड़कर जाना पड़ा.
जब हम कोई काम करना चाहते हैं और वह नहीं पूरा होता तो हम परेशान हो जाते हैं. ज्यादातर लोग खुद पर से अपना नियंत्रण खो देते हैं और गुस्से में अजीब व्यवहार करने लगते हैं, लेकिन अंग्रेजों से लड़ने के लिए भी गांधीजी ने अहिंसा का रास्ता अपनाया और शांति व धैर्य रखकर वह हासिल कर लिया, जो वे चाहते थे. हमें याद रखना चाहिए कि कई बार परिस्थितियां हमारे अनुकूल, हमारे मनमुताबिक नहीं होतीं, लेकिन उस समय भी हमें धैर्य नहीं खोना चाहिए.
महात्मा गांधी कहा करते थे, ‘जो काम करते हो, हो सकता है कि वह कम महत्व वाला हो, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण यह है कि तुम उस काम करते रहो. बापू हर दिन, हर पल कुछ नया सीखते रहने की सलाह देते थे. महात्मा गांधी ने अपने जीवन में अनुशासन को काफी महत्व दिया. समय पर उठने से लेकर हर रोज के कामों तक हर समय अनुशासन बापू की प्रथामिकता थी. इसके साथ ही उन्होंने अपने जीवन में कल के लिए बचत करना सिखाया. उस बचत को सही जगह पर निवेश भी करना भी बताया. गांधी जी कहते थे कि जो बदलाव आप दूसरों में देखना चाहते हैं, वह बदलाव सबसे पहले अपने भीतर लाएं.