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Gandmool Nakshatra क्या है, जानें इनमें जन्मे बालक कैसे होते है

Gandmool Nakshatra: ज्योतिषशास्त्र में कुल 27 नक्षत्र है इसमें कुछ नक्षत्र को शुभ तथा कुछ नक्षत्र को अशुभ माना जाता है. जिन नक्षत्र में जन्मे जातक का प्रभाव सकारात्मक प्रभाव में हो तो उनके विचार अलग -अलग होंगे इस नक्षत्र में जन्मे बालक जिस क्षेत्र में अपना भविष्य बनाना चाहते है उनमें खूब सफलता मिलती है.

Gandmool Nakshatra: गण्डमूल नक्षत्र में कुल 6 नक्षत्र आते है. पहला नक्षत्र अश्वनी,दूसरा अश्लेशा, तीसरा है मघा, चौथा ज्येष्ठा, पांचवा मूल, छठा रेवती है, इस नक्षत्र में जन्मे बालक माता पिता कुल तथा अपना नाश करने वाला होता है ,यदि अपना शरीर नष्ट होने से बच जाय तो धन भवन भूमि तथा ऐश्वर्य के स्वामी होते है , गण्डमूल नक्षत्र में उत्पन बालक को 6 माह या 27 दिन तक पिता का दर्शन नहीं करना चाहिए इन नक्षत्र में जन्मे किसी भी नक्षत्र में जन्म हुआ है उस नक्षत्र का शांति कराके शास्त्रविधि अनुसार बालक का मुख देखना चाहिए.

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आइए जानते है गण्डमूल नक्षत्र के कौन से नक्षत्र में जन्मे बालक कष्टकारी होते है

(1) अश्वनी और मघा ,मूल नक्षत्र नक्षत्र के प्रथम चरण और अश्लेशा और ज्येष्ठा नक्षत्र के चतुर्थ चरण में जन्म हुआ हो तब वयोक्ति स्वयं के जीवन के लिए तथा माता -पिता के जीवन के लिए अशुभ और दुखदाई होता है .इन नक्षत्र में जन्मे बालक का आयु 20 वर्ष की हो जाय वह बहुत ही विख्यात होते है.

(2) अश्लेशा नक्षत्र के पहला चरण में जन्म हुआ हो पिता के लिए कष्टकारी ,दुसरे चरण में माता के लिए कष्टकारी होता है चरण में धन का नाश होगा ,चौथा चरण में शांति से शुभ होता है.

(3) मघा के पहला और दूसरा चरण में माता पिता को काष्ठ मिलता है बाकी तीसरा और चौथा चरण में उत्तम सुख मिलेगा.

(4) ज्येष्ठा नक्षत्र के प्रथम तथा द्वितीय चरण का जन्म हुआ है वह बालक बड़े भाई तथा छोटे भाई के जीवन के लिए अशुभ तथा कष्टकारी होता है,

(5) मूल नक्षत्र के पहला से तीसरा चरण तक अगर जन्म हुआ है कष्टकारी होता है ,पहला चरण में पिता का कष्ट ,दुसरे चरण में माता के लिए कष्ट तीसरे चरण में धन का नाश होगा,चौथा चरण में शांति से शुभ होता है.

(6) रेवती नक्षत्र के चतुर्थ चरण के बालक का जन्म हुआ है तब बालक के लिए अशुभ तथा कष्टकारी होता है .

गण्डमूल नक्षत्र के कौन से नक्षत्र में जन्मे बालक समृद्धि से भरपूर होता है

(7)मघा नक्षत्र के तीसरा और चौथा चरण में जन्मे बालक सभी तरह से पूर्ण होते है.

(8)रेवती नक्षत्र के दुसरे तथा तीसरे चरण में जन्म हुआ है बालक धन ,धन्य से परिपूर्ण होता है.

उपाय

गण्डमूल नक्षत्र में जन्मे बच्चे के नक्षत्र का प्रभाव दूर करने के लिए उस नक्षत्र की शांति करवानी चाहिए जिस नक्षत्र में बालक जन्म हुआ हो गण्डमूल नक्षत्र की शांति 27 दिन में उस नक्षत्र में शांति करा ले लाभ होगा .

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847

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