Gita Updesh: भगवान श्रीकृष्ण ने बताया खुश रहने का राज, याद रखें गीता के ये उपदेश

Gita Updesh: गीता उपदेश इंसान के अंधेरे जीवन में ज्योति जलाने का काम करता है. जब चारों तरफ से हताशा और निराशा नजर आए तो उसे श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ जरूर करना चाहिए.

By Shashank Baranwal | January 5, 2025 3:10 PM

Gita Updesh: श्रीमद्भगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण द्वारा दिए गए उपदेशों का वर्णन है. जब अर्जुन के कदम कुरुक्षेत्र की रणभूमि में डगमगाने लगा, तब भगवान श्रीकृष्ण ने गीता का पाठ पढ़ाया था. गीता उपदेश की जितनी प्रासंगिकता जितना द्वापर युग में थी उतनी ही कलयुग में भी है. गीता उपदेश इंसान के अंधेरे जीवन में ज्योति जलाने का काम करता है. जब चारों तरफ से हताशा और निराशा नजर आए तो उसे श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ जरूर करना चाहिए. गीता उपदेश के सहारे भगवान श्रीकृष्ण ने खुशी रहने के तरीके बताते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि जीवन में खुश रहने के लिए इंसान को किन उपदेशों को याद रखना बेहद जरूरी होता है.

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  • भगवान श्रीकृष्ण गीता उपदेश के सहारे बताते हैं कि अगर इंसान को खुश रहना है तो उसे दूसरों की निंदा नहीं करनी चाहिए. साथ ही इंसान को दूसरों की शिकायत करने से बचना चाहिए. ऐसे में जितना समय दूसरों की निंदा और शिकायत करने में इंसान लगाता है उतना समय खुद के विकास कार्यों में लगाए तो उसके लिए बेहतर होगा.
  • गीता उपदेश में बताया गया है कि इंसान को अपनी तुलना किसी दूसरे से नहीं करना चाहिए. अगर व्यक्ति दूसरे से अपनी तुलना करता है तो वह कभी खुश नहीं रह पाएगा. ऐसे में जितनी जल्दी हो सके व्यक्ति को दूसरों से तुलना करने की आदत छोड़ देनी चाहिए.
  • भगवान श्रीकृष्ण के अनुसार, अगर इंसान को खुश रहना है तो उसे अतीत की बातों की चिंता छोड़ देनी चाहिए. जो इंसान अतीत की बातों में फंस कर रह जाता है वह अपने जीवन में कभी खुश नहीं रह पाता है. ऐसे में गीता उपदेश में बताया गया है कि इंसान को अपने अतीत की स्मृतियों को पीछे छोड़कर आगे बढ़ जाना चाहिए.
  • श्रीमद्भगवद्गीता के बताया गया है कि अगर इंसान को प्रसन्न रहना है तो उसे सिर्फ अपने कर्म को ध्यान में रहना चाहिए. इंसान को अपने कर्मों से मिलने वाले फल की चिंता नहीं करनी चाहिए. जो इंसान बिना किसी फल की लालच के काम करता है वह जीवन में कभी निराश नहीं होता है.

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Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. प्रभात खबर किसी भी तरह से इनकी पुष्टि नहीं करता है.

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