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Gita Updesh: जीवन जीने की कला सिखाती है गीता के ये उपदेश, हर मुश्किल होगी आसान

Gita Updesh: जब जीवन में हताशा या निराशा की भावना बढ़ जाए तो गीता के ये उपदेश याद रखें. ये उपदेश जीवन की राह को आसान बनाएगी.

Gita Updesh: हिन्दू धर्म में कई महत्वपूर्ण ग्रंथ हैं, जिनमें से एक श्रीमद्भगवद्गीता है. यह जीवन जीने की कला सिखाती है. कहा जाता है कि इंसान को जब चारों तरफ से निराशा ही नजर आती है तो गीता को पढ़ना चाहिए. यह जीवन से निराशा की भावना को दूर करता है. ऐसे में जब आप हताश या निराश हो तो गीता के इन उपदेशों को जरूर याद रखें. यह व्यक्ति की सकारात्मकता को बढ़ाती है. जो भी व्यक्ति इन उपदेशों को अमल में लाता है वह व्यक्तिगत और सामाजिक तौर पर सफल होता है.

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दूसरों से ज्यादा लगाव न रखें

श्रीमद्भगवद्गीता के अनुसार, इंसान को किसी अन्य व्यक्ति से ज्यादा लगाव नहीं रखना चाहिए, क्योंकि इंसानों से हद से ज्यादा लगाव निराशा का कारण बनता है. जो इंसान अपने सगे-संबंधियों या दोस्तों से ज्यादा लगाव रखता है वह एक जगह ठहर जाता है. इंसान की ये आदत व्यक्ति को जीवन में आगे बढ़ने से रोकती है. ऐसे में यह होता है कि जब इंसान को वह व्यक्ति नहीं मिलता है तो वह हताश और निराश हो जाता है. उसकी सोचने समझने की शक्ति काम करना बंद कर देती है.

डट कर मुश्किलों का करें सामना

भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि व्यक्ति को मुश्किलों का डट कर सामना करना चाहिए. उन्हें कोई भी काम बिना डरे करना चाहिए. जो व्यक्ति डर में रहकर काम करता है वह सही रास्ते से भटक जाता है. जिसका नतीजा यह होता है कि वह व्यक्ति काम पूरा नहीं कर पाता है.

खुद पर रखें विश्वास

कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो किसी काम को करने में संकोच करते हैं. उन्हें खुद पर विश्वास नहीं रहता है कि वे यह काम कर लेंगे. ऐसे में गीता उपदेश में बताया गया है कि व्यक्ति को अपने ऊपर विश्वास करना चाहिए. उन्हें खुद पर संदेह नहीं रखना चाहिए. जिस इंसान में आत्मविश्वास होता है वह अपने जीवन में जरूर सफल होता है.

इन उपदेशों को रखें याद

भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि व्यक्ति को क्रोध से बचना चाहिए. साथ ही जो भी काम कर रहे हैं उन्हें बिना किसी लालच या परिणाम की चिंता किए बगैर करना चाहिए. भूत या भविष्य को दिमाग में रखकर नहीं जीना चाहिए. इंसान को सिर्फ आज यानी वर्तमान में रहकर जीना चाहिए.

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Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. प्रभात खबर किसी भी तरह से इनकी पुष्टि नहीं करता है.

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