Google Doodle Nowruz 2022: गूगल ने पारसी नव वर्ष की ऐसे दी शुभकामनाएं, डूडल बनाकर मनाया नया साल नवरोज

Google Doodle Nowruz 2022: पारसी समुदाय के लोग, नए साल के स्वागत के उपलक्ष्य में नवरोज मनाते हैं. इसे पारसी न्यू ईयर भी कहा जाता है. गूगल ने इसी मौके पर डूडल बनाकर पारसी न्यू ईयर की शुभकामनाएं दी हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 20, 2022 10:34 AM

Google 20 मार्च को एक सुंदर एनिमेटेड, डूडल के साथ फ़ारसी नव वर्ष मना रहा है. फारसी नए साल को को नवरोज (Nowruz 2022 Wishes) के नाम से जाना जाता है, जिसका शाब्दिक अर्थ न्यू डे होता है, दुनिया भर में विभिन्न जातीय-भाषाई संबद्धता के लोग वसंत की शुरुआत का जश्न मनाने के लिए एक साथ आते हैं.

क्या खास है गूगल के डूडल में

नवरोज को नॉरूज़ के नाम से भी जाना जाता है, यह एक धार्मिक त्योहार है जो ईरानी सौर / पारसी धर्म कैलेंडर के पहले महीने, फरवर्डिन के पहले दिन को चिह्नित करता है. यह दिन हर साल वसंत विषुव के दौरान मार्च के आसपास पड़ता है. Google ने वसंत की शुरुआत को दर्शाने के लिए फूलों, एक संगीत वाद्ययंत्र, मधुमक्खियों और एक कैटरपिलर के साथ बहुत ही रंगीन डूडल बनाया है.

सूर्य से भी है संबंध

दरअसल, पारसी कैलेंडर और तारीख के अनुसार वसंत विषुव का दिन नवरोज का दिन कहलाता है. वसंत यानी वसंत ऋतु और विषुव के दो अर्थ हैं, एक तो विषुवत रेखा और दूसरा बीसवां दिन. ईरान यानी कि जहां से प्रचलित मान्यताओं में पारसी धर्म सामने आया वहां यह मानते हैं कि जब सूर्य की किरणें विषुवत रेखा पर चमकने लगती हैं तो नवरोज का त्योहार आता है.

क्यों खास है नवरोज

आमतौर पर, नवरोज को वसंत के मौसम की शुरुआत को चिह्नित करने के लिए नए कपड़े खरीदने और पहनने के साथ-साथ घर की सफाई कर मनाया जाता है. परिवार और दोस्त भी फ़ारसी नव वर्ष के 13-दिवसीय समारोह के दौरान एक-दूसरे से मिलने जाते हैं.

कई नामों से जाना जाता है नवरोज

नवरोज एक फारसी शब्द है, जो नव और रोज से मिलकर बना है. नवरोज में नव का अर्थ होता है- नया और रोज का अर्थ होता है दिन. इसलिए नवरोज को एक नए दिन के प्रतीक के रूप में उत्सव की तरह मनाया जाता है. ईरान में नवरोज को- ऐदे नवरोज कहा जाता है. दुनिया भर में करीब 300 मिलियन से ज्यादा लोग नवरोज को उत्साह और उमंग के साथ मनाते हैं. पारसी न्यू ईयर को जमशेदी नवरोज, नवरोज, पतेती और खोरदाद साल के नाम से भी जाना जाता है. हालांकि ये त्योहार साल में दो बार मनाया जाता है. इसे 16 अगस्त और 21 मार्च को, छमाही और वार्षिक के तौर पर मनाया जाता है.

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