Birth Anniversary of Dr Bhupen Hazarika: Google ने डूडल के साथ संगीत उस्ताद को श्रद्धांजलि दी

Birth Anniversary of Dr Bhupen Hazarika: आज डॉ. भूपेन हजारिका का 96वां जन्मदिन है. Google ने हजारिका की जयंती के मौके पर एक खास डूडल के साथ उन्हें श्रद्धांजलि दी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 8, 2022 7:48 AM

Birth Anniversary of Dr Bhupen Hazarika: आज का डूडल असमिया-भारतीय गायक, संगीतकार और फिल्म निर्माता डॉ. भूपेन हजारिका का 96वां जन्मदिन मना रहा है, जिन्होंने सैकड़ों फिल्मों के लिए संगीत तैयार किया. हजारिका एक प्रख्यात असमी-भारतीय गायक थे, Google ने हजारिका की जयंती के मौके पर एक खास डूडल के साथ उन्हें श्रद्धांजलि दी है. उनका जन्म 8 सितंबर 1926 में पूर्वोतर भारत में हुआ था. उनका गृह राज्य, असम में है.

12 साल की उम्र में लिखी दो फिल्मों के लिए गाना

कम उम्र में, हजारिका की संगीत प्रतिभा ने प्रसिद्ध असमिया गीतकार, ज्योतिप्रसाद अग्रवाल, और फिल्म निर्माता, बिष्णु प्रसाद राभा का ध्यान आकर्षित किया. दोनों असम के समृद्ध सांस्कृतिक इतिहास के प्रमुख थे. उन्होंने हजारिका को अपना पहला गाना रिकॉर्ड करने में मदद की, जिसने 10 साल की उम्र में उनके संगीत करियर की शुरुआत की. 12 साल की उम्र तक, हजारिका दो फिल्मों के लिए गाने लिख और रिकॉर्ड कर रही थीं: इंद्रमालती: काक्सोट कोलोसी लोई, और बिसवो बिजोई नौजवान. समय के साथ, हजारिका ने कई रचनाएं बनाईं, जिनमें गीतों के माध्यम से लोगों की कहानियों को बताने की प्रवृत्ति थी – सुख और दुःख की कहानियां, एकता और साहस, रोमांस और अकेलेपन की कहानियाँ, और यहाँ तक कि संघर्ष और दृढ़ संकल्प.

जनसंचार में की पीएचडी

हजारिका न केवल एक बाल संगीत विलक्षण थे, बल्कि वे एक बुद्धिजीवी भी थे. उन्होंने 1946 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की, और 1952 में कोलंबिया विश्वविद्यालय से जनसंचार में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की.

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कई पुरस्कारों से हो चुके है सम्मानित

अमेरिका में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद, वह उन गीतों और फिल्मों पर काम करना जारी रखने के लिए भारत लौट आए, जिन्होंने राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर असमिया संस्कृति को लोकप्रिय बनाया. छह दशक के करियर के दौरान, हजारिका ने संगीत और संस्कृति में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, दादा साहब फाल्के पुरस्कार, पद्म श्री और पद्म भूषण जैसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कार जीते. उन्हें मरणोपरांत 2019 में भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया था.उन्होंने भारत सरकार के राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम सहित कई बोर्डों और संघों के अध्यक्ष और निदेशक के रूप में कार्य किया.

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