Govardhan Puja 2024: कार्तिक अमावस्या के दूसरे दिन मनाया जाने वाला गोवर्धन पूजा का त्योहार, इस साल 2 अक्टूबर को मनाया जाएगा. गोवर्धन पूजा के दिन भगवान श्री कृष्ण की पूजा होती है. इस दिन गाय के गोबर से गोवर्धन देव बनाकर उन्हें पूजने का रिवाज भी है. इस त्योहार में गायों की सेवा और गायों की पूजा भी की जाती है, लेकिन कई लोगों को इस त्योहार के इतिहास के बारे में जानकारी नहीं होती है. अगर आप इस साल गोवर्धन पूजा कर रही हैं तो इस लेख में आपको गोवर्धन पूजा के इतिहास के बारे में बताया जा रहा है, जिसकी जानकारी रखना आपके लिए जरूरी है.
क्यों मनाई जाती है गोवर्धन पूजा
गोवर्धन पूजा का उत्सव भागवत पुराण की एक पौराणिक कथा पर आधारित है. इस पूजा के बारे में यह मान्यता है कि भगवान कृष्ण ने वृंदावन के लोगों को वर्षा के देवता इंद्र को प्रसाद चढ़ाने के बजाय गोवर्धन पर्वत की पूजा करने के लिए कहा था. जब इंद्र को इस बारे में पता चला तो वे क्रोधित हो गए और उन्होंने वृंदावन पर बारिश करनी शुरू कर दी और इस बारिश ने जल्दी ही भयावह रूप भी ले लिया. इस आपदा से वृंदावन वासियों को बचाने के लिए भगवान कृष्ण ने अपनी छोटी उंगली पर पूरा गोवर्धन पर्वत उठा लिया, जिससे लोगों और जानवरों को आश्रय मिला और वो इस भारी आपदा से खुद को बचा पाएं. गोवर्धन पर्वत के नीचे 7 दिन तक सभी वृंदावन वासी उसकी छाया में रहे, फिर ब्रह्माजी ने इंद्र को बताया कि पृथ्वी पर विष्णु ने श्रीकृष्ण के रूप में जन्म ले लिया है, उनसे बैर लेना उचित नहीं है. यह जानकर इंद्रदेव ने भगवान श्रीकृष्ण से क्षमा मांगी. भगवान श्रीकृष्ण ने 7वें दिन गोवर्धन पर्वत को नीचे रखा और हर वर्ष गोवर्धन पूजा करके अन्नकूट उत्सव मनाने की आज्ञा दी, तभी से यह उत्सव अन्नकूट के नाम से मनाया जाने लगा.
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