Green And Black Cardamom: ऐसे कई व्यंजन हैं जिन्हें तड़के और व्यंजनों के स्वाद को बेहतर बनाने के लिए हरी इलायची और बड़ी इलायची की आवश्यकता होती है. यहां जानें कि कैसे दोनों किस्मों का अलग-अलग फूड में अलग-अलग उपयोग किया जाता है और साथ ही दोनों तरह की इलायची का एक साथ उपयोग कैसे किया जाता है.
बड़ी (काली) इलायची की तुलना में छोटी या हरी इलायची का इस्तेमाल अक्सर अलग-अलग व्यंजन पकाने में किया जाता है. छोटी इलायची का इस्तेमाल मिठाई और स्नैक्स में किया जाता है. यह ग्रेवी और सब्जियों के स्वाद को बढ़ाता है. खीर, हलवा, फ्रूट क्रीम, रबड़ी और गुलाब जामुन जैसी चीजें बनाने में इस्तेमाल होने के अलावा हरी इलायची का इस्तेमाल चिकन और मटन बनाने में भी किया जाता है. छोटी इलायची आपके चाय के प्याले का स्वाद भी बढ़ा देती है. इसके अलावा छोटी इलायची कई बीमारियों को दूर करने में मदद करती है.
हरी किस्म के विपरीत बड़ी (काली) इलायची का प्रयोग काफी कम होता है. यह मुख्य रूप से सब्जी ग्रेवी में प्रयोग किया जाता है और शायद ही कभी मिठाई में प्रयोग किया जाता है. दूध आधारित व्यंजनों के लिए भी काली इलायची का प्रयोग काफी कम होता है. यह मुख्य रूप से मांसाहारी फूड, जैसे बिरयानी में इस्तेमाल किया जाता है.
छोटी और बड़ी इलायची का इस्तेमाल एक साथ आमतौर पर पुलाव और बिरयानी जैसे व्यंजनों में किया जाता है. दोनों का उपयोग गरम मसाला पाउडर बनाने में भी किया जाता है. इसके अलावा, नमकीन व्यंजनों में स्वाद बढ़ाने के लिए अक्सर इलायची का इस्तेमाल किया जाता है.
हरी और काली दोनों तरह की इलायची की खेती की बात करें तो दोनों किस्में सिक्किम, पूर्वी नेपाल और पश्चिम बंगाल में बहुतायत से उगती हैं.
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क्या आप जानते हैं कि काली और हरी इलायची एक ही पौधे के संबंधित हैं? हरी इलायची की फली आमतौर पर पूरी उपयोग की जाती है और परिपक्वता तक पहुंचने से पहले काटी जाती है. दूसरी ओर, काली इलायची के बीजों को निकाला जाता है और खूब सुखाया जाता है. नतीजतन, काली इलायची व्यंजनों में अधिक स्वादिष्ट स्वाद जोड़ती है वहीं हरी इलायची का उपयोग मिठाइयों को स्वाद देने के लिए किया जाता है.