Gupt Navratri 2021 Date & Time, Kalash Sthapana, Maa Durga Puja Vidhi, Puja Samagri, Significance: आज यानी 11 जुलाई 2021, रविवार से हिंदू धर्म का गुप्त नवरात्रि पर्व शुरू हो रहा है. कलश स्थापना या घटस्थापना के साथ नौ दिनों का यह पर्व शुरू होगा. जिसमें देवी माता के नौ स्वरूपों की पूजा की जाएगी. इनमें त्रिपुर भैरवी, मां काली, मां ध्रूमावती, मां बंगलामुखी, मां तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, माता छिन्नमस्ता, माता भुवनेश्वरी, माता मातंगी और कमला देवी की पूजा भी शामिल है. कहा जाता है कि इस दौरान विधिपूर्वक पूजा करने से भक्तों के सारे कष्ट दूर होते है.
हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि शुक्ल पक्ष के प्रतिपदा तिथि यानी 11 जुलाई से आरंभ हो रही है. इस मामले के जानकारों की मानें तो यह कलश स्थापना सर्वार्थ सिद्धि योग में शुरू होगा. नवरात्र की नवमी 18 जुलाई को पड़ रही है.
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कलश स्थापना शुभ मुहूर्त आरंभ: 11 जुलाई 2021, रविवार की सुबह 5 बजकर 31 मिनट से
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कलश स्थापना शुभ मुहूर्त समाप्त: 11 जुलाई 2021, रविवार शाम 7 बजकर 47 मिनट तक
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आषाढ़ गुप्त नवरात्रि प्रारंभ तिथि: 11 जुलाई 2021, रविवार
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प्रतिपदा तिथि प्रारंभ: 10 जुलाई 2021, शनिवार की सुबह 06 बजकर 46 मिनट से
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प्रतिपदा तिथि समाप्त: 11 जुलाई 2021, रविवार की शाम 07 बजकनर 47 मिनट तक
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अभिजीत मुहूर्त: 11 जुलाई, दोपहर 12 बजकर 05 मिनट से 11 जुलाई दोपहर 12 बजकर 59 मिनट तक
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घट स्थापना मुहूर्त: 11 जुलाई सुबह 05 बजकर 52 मिनट से 07 बजकर 47 मिनट तक
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लाभ और अमृत का चौघड़िया मुहूर्त आरंभ: सुबह 9 बजकर 08 मिनट से शुरू
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लाभ और अमृत का चौघड़िया मुहूर्त समाप्त: दोपहर 12 बजकर 32 मिनट तक
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अभिजीत मुहूर्त: 12 बजकर 05 मिनट से 12 बजकर 59 मिनट तक
एक साल में कुल चार प्रकार के नवरात्र मनाए जाते है. इनमें चैत्र नवरात्रि, गुप्त नवरात्रि, प्रत्यक्ष नवरात्रि और शारदीय नवरात्र भी शामिल है.
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इस दौरान मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा विधिपूर्वक की जाती है.
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कहा जाता है कि इस नवरात्रि को करने से जातक के सारे कष्ट मिटते है.
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मां दुर्गे श्रद्धालुओं के सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती है.
ज्योतिषाचार्यों की मानें तो इस बार कलश स्थापना की शुरूआत सर्वार्थ सिद्धि योग से हो रही है. पूजा के लिए आर्द्रा नक्षत्र और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है जिसे काफी उत्तम माना गया है.
इस नवरात्रि मां दुर्गे गज यानी हाथी पर सवार होकर आयेंगी. मां का हाथी पर आना काफी शुभ माना गया है. पंडितों की मानें तो इससे सफलता के द्वार खुलेंगे. देश तरक्की की ओर अग्रसर होगा.
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मां की उपासना विधि पूर्वक करनी चाहिए.
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सात प्रकार के अनाज,
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नदी की बालू,
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पान, हल्दी, सिक्का, सुपारी,
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चंदन, रोली, मौली, अक्षत, रक्षासूत्र,
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जौ, गंगाजल, कलश, पुष्प, माला समेत अन्य सामग्रियों की पड़ेगी जरूरत
Posted By: Sumit Kumar Verma