Guru Nanak Jayanti 2023: आज गुरु नानक जयंती पर जानें क्यों इस दिन मनाया जाता है प्रकाश पर्व

Guru Nanak Jayanti 2023 history, Significance, Importance: इस गुरु नानक जयंती 27 नवंबर यानी क‍ि आज पड़ रही है. गुरु नानकजी की जयंती प्रकाश पर्व के रूप में मनाई जाती है. क्योंकि नानक देवजी ने कुरीतियों और बुराइयों को दूर कर लोगों के जीवन में नया प्रकाश भरने का कार्य किया.

By Shaurya Punj | November 27, 2023 7:37 AM

Guru Nanak Jayanti 2023: सिख धर्म के पहले गुरु नानक देवजी की जयंती हर साल कार्तिक पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है. इस बार यह तिथ‍ि 27 नवंबर यानी क‍ि आज पड़ रही है. गुरु नानकजी की जयंती प्रकाश पर्व के रूप में मनाई जाती है. क्योंकि नानक देवजी ने कुरीतियों और बुराइयों को दूर कर लोगों के जीवन में नया प्रकाश भरने का कार्य किया. इस दिन गुरुद्वारे को रंग-बिरंगी लाइटों और फूलों से सजाया जाता है. इसके साथ ही कीर्तन, पाठ का आयोजन किया जाता है और प्रभात फेरियां भी निकाली जाती है. गुरु नानक जयंती को गुरु पूरब और प्रकाश पर्व के नाम से भी जाना जाता है.

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गुरुनानक जी की जन्म तिथि और स्थान

सिखों के पहले गुरु नानक जी (Guru Nanak Ji) का जन्म 1469 में पंजाव प्रांत के तलवंडी (Talwandi) में हुआ था. ये स्थान अब पाकिस्तान में है. इस स्थान को नानकाना साहिब के नाम से जाना जाता है. सिख धर्म के लोगों के लिए ये बहुत ही पवित्र स्थल है. गुरु नानक जी की माता का नाम तृप्ता और पिता का नाम कल्याणचंद था.

गुरु नानक जयंती का महत्व

गुरु नानक जयंती को गुरु पर्व या फिर प्रकाश पर्व (festival of lights) के रुप में मनाया जाता है. ये सिख धर्म में मनाया जाने वाला सबसे महत्वपूर्ण पर्व है. गुरु नानक जयंती के दिन गुरुद्वारों में कीर्तन दरबार सजता है. सुबह को वाहे गुरु जी का नाम जपते हुए प्रभात फेरी निकाली जाती है. साथ ही गुरुद्वारों में भक्तों के लिए लंगर का आयोजन किया जाता है.

गुरु नानक जयंती का इतिहास

जानकारी के मुताबिक गुरु नानक देव जी को सिख धर्म का पहला गुरु माना जाता है. उन्हें नानक देव, बाबा नानक और नानकशाह के नाम से भी जाना जाता है. लद्दाख और तिब्बत के इलाकों में उन्हें नानक लामा कहा जाता है. गुरु नानक देव का जन्म साल 1526 में कार्तिक पूर्णिमा के दिन हुआ था. इस दिन को प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है. गुरु नानक जी ने जीवन से जुड़े कई उपदेश दिए हैं, जिनका आज भी लोग पालन करते हैं. गुरु नानक देव का जन्म भोई की तलवंडी में हुआ था. इस जगह को राय भोई दी तलवंडी भी कहते हैं. आपको बता दें कि अब ये जगह पाकिस्तान के ननकाना साहिब में है. इस जगह का नाम गुरु नानक देव के नाम पर ही रखा गया था. बता दें कि राजा महाराजा रणजीत सिंह ने ‘ननकाना साहिब’ गुरुद्वारा बनवाया था.

गौरतलब है कि गुरु नानक देव जी ने ही सिख समाज की नींव रखी थी. गुरु नानक जी सिख समुदाय के पहले गुरु औैर इस धर्म के संस्थापक माने जाते हैं. गुरु नानक देव जी ने भारत के अलावा अफगानिस्तान, ईरान और अरब देशों में भी उपदेश दिए हैं. उनकी निजी जिंदगी की बात करें तो उनकी शादी 16 साल की उम्र में सुलक्खनी से शादी हुई. उनके दो बेटे श्रीचंद और लखमीदास हुए.

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गुरु नानक गुरु वाणी-

इक ओंकार सतनाम करता पुरख

अकाल मूरत

अजूनी सभम

गुरु परसाद जप आड़ सच जुगाड़ सच

है भी सच नानक होसे भी सच

सोचे सोच न हो वे

जो सोची लाख वार

छुपे छुप न होवै

जे लाइ हर लख्ता

रउखिया पुख न उतरी

जे बनना पूरिया पार

सहास्यांपा लाख वह है

ता एक न चले नाल

के वे सच यारा होइ ऐ

के वे कूड़े टूटते पाल

हुकुम रजाई चलना नानक लिखिए नाल

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