हैरी पॉटर जैसी हॉरर फिल्में, किस्से-कहानियों के भूतिया करेक्टर और उनकी हरकतें देखकर जहां थ्रिल से भर जाते होगे, वहीं डर से कांप भी जाते होगे. अगर यह कहा जाये कि तुम भी भूतों जैसे कपड़े पहन कर हौलोवीन पार्टी में आओ और सबका मनोरंजन करो, तो कैसा रहेगा? हैलोवीन पार्टी आजकल पूरी दुनिया में आयोजित किया जाता है. इसमें तुम्हारे जैसे छोटे-छोटे बच्चे ही नहीं, बल्कि बड़े लोग भी शामिल होते हैं.
क्या है हैलोवीन : हैलोवीन का उद्देश्य पूर्वजों की आत्मा को शांति प्रदान करना है. इसे ऑल सेंट्स इव, ऑल हैलोज इव और ऑल हैलोवीन के नाम से भी जाना जाता है. जिस तरह नये वर्ष की पूर्व संध्या पर उत्सव शुरू होता है. सेल्टिक ईसाइयों का मानना था कि उनके पूर्वजों की आत्माएं रात में सड़कों और गांवों में भटकती रहती थी, जिनसे उनकी फसलों और जानवरों को नुकसान पहुंचता था. ऐसे में उन्हें सम्मान देने के लिए भूतों जैसे कपड़े पहन कर हैलोवीन का आयोजन किया गया. इस तरह यह परंपरा बन गयी.
दूसरा बड़ा त्योहार : दुनियाभर के कई देशों में क्रिसमस के बाद यह दूसरा बड़ा त्योहार है. इसकी शुरुआत आयरलैंड व स्कॉटलैंड में हुई थी. अब यह ज्यादातर अमेरिका, इंग्लैंड और यूरोपीय देशों में मनाया जाता है. अमेरिका में तो इसे कद्दू की खेती की कटाई के साथ भी जोड़ा जाता है. इस समय कद्दू आसानी से मिलते हैं, जिन्हें भूत के डरावने मुंह की नक्काशी कर और काले रंग से पेंट कर फेस या चेहरा बनाया जाता है. इसे जैक-ओ-लैनटर्न कहा जाता है.
पांच दिनों तक उत्सव : 31 अक्तूबर की शाम को शुरू हुआ हैलोवीन त्योहार पांच दिन तक चलता है. इस दौरान लोग दोस्तों व परिवार के लोगों के साथ पार्टी करते हैं.
5 नवंबर को बड़े पैमाने पर आतिशबाजी करके हैलोवीन त्योहार को संपन्न किया जाता है.
लालटेन बनाने की परंपरा : हैलोवीन की रात नारंगी रंग के बड़े आकार के पंपकिन की लालटेन को घर के बाहर सजाया जाता है.
हैलोवीन के दिन की यह एक लोकप्रिय परंपरा है. इसके पीछे कंजूस जैक और शैतान की आयरिश लोककथा प्रचलित है. आयरलैंड में जन्मे कंजूस शराबी जैक ने अपने एक शैतान दोस्त को घर में ड्रिंक लेकर आने के लिए बुलाया, लेकिन जैक पैसे खर्च करना नहीं चाहता था. उसने अपने दोस्त को ड्रिंक के बदले घर में लगा पंपकिन देने के लिए राजी किया, लेकिन ड्रिंक करने के बाद वह अपनी बात से मुकर गया. इसके बदले जैक ने पंपकिन की डरावनी लालटेन बना कर घर के बाहर पेड़ पर टांग दिया, जिस पर मुंह की नक्काशी की और जलते कोयले डाल दिये. इस तरह कद्दू के लालटेन बनाने का चलन शुरू हो गया.
यह उनके पूर्वजों की आत्माओं को रास्ता दिखाने और बुरी आत्माओं से रक्षा करने के प्रतीक है. अब कद्दू के साथ खाना और कैंडीज भी रखी जाती हैं.
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