Happy Christmas 2020: कौन है बच्चों के Santa Claus, क्या है उनका इतिहास, जानें क्यों क्रिसमस इनकी बिना अधुरी
Santa Claus Kaun The, History, Importance, Christmas Day 2020, 25th December: बच्चों के प्रिय लाल और सफेद कपड़ों में उजले और लंबी दाढ़ी व बालों वाले सांता क्लॉज की उत्पत्ति कहां से हुई. ये सवाल यदि आपके मन में भी होगा. आपको बता दें कि सांता का आधुनिक नाम यानी सांता क्लॉज, संत निकोलस के डच नाम सिंटर क्लॉस से उत्पन्न हुआ है. उन्हें जीसस और मदर मैरी के बाद सर्वाधिक माना जाता है. आपको बता दें कि क्रिसमस के पर्व सांता क्लॉज का अपना महत्व है. 25 दिसंबर के दिन बच्चों से लेकर बुजूर्गों तक को उम्मीद होती है कि कंधे पर गिफ्ट्स की झोली लिए और हाथों में क्रिसमस का बेल लिए सांता उनके पास भी आएंगे.
Santa Claus Kaun The, History, Importance, Christmas Day 2020, 25th December: बच्चों के प्रिय लाल और सफेद कपड़ों में उजले और लंबी दाढ़ी व बालों वाले सांता क्लॉज की उत्पत्ति कहां से हुई. ये सवाल यदि आपके मन में भी होगा. आपको बता दें कि सांता का आधुनिक नाम यानी सांता क्लॉज, संत निकोलस के डच नाम सिंटर क्लॉस से उत्पन्न हुआ है. उन्हें जीसस और मदर मैरी के बाद सर्वाधिक माना जाता है. आपको बता दें कि क्रिसमस के पर्व सांता क्लॉज का अपना महत्व है. 25 दिसंबर के दिन बच्चों से लेकर बुजूर्गों तक को उम्मीद होती है कि कंधे पर गिफ्ट्स की झोली लिए और हाथों में क्रिसमस का बेल लिए सांता उनके पास भी आएंगे.
ऐसी मान्यता है कि सांता का घर उत्तरी ध्रुव में है और हवा में उड़ने वाली रेनडियर्स की गाड़ी पर वे सवारी करते हैं. वैसे तो उनका यह रूप 19वीं सदी से अस्तित्व में आया इससे पहले संत निकोलस के नाम से जाने जाते थे. ऐसा मानना है कि डेढ़ हजार वर्ष पूर्व इनका जन्म हुआ था. उनका किसी भी तरह से संबंध ईसाई धर्म के भगवान जीसस से नहीं है. बावजूद इसके क्रिसमस जैसा महान पर्व उनके बिना अधूरा माना जाता है.
दरअसल, संत निकोलस का देहांत 6 दिसंबर को हुआ था जिस दिन को निकोलस दिवस के रूप में भी मनाया जाता है. इनकी मौत जीसस की मौत के 280 वर्ष बाद हुई था. मायरा में अपनी अंतिम सांस लेने वाले संत निकोलस ने बचपन में अपने मां-पिता को खो दिया था जो काफी रईस थे. वे प्रभु यीशु के परम भक्त थे. बड़े होकर वे ईसाई धर्म के पादरी फिर बिशप बन गए. संत निकोलस काफी दरियादिल इंसान थे उन्हें जरूरतमंदों की सेवा करना और बच्चों को गिफ्ट्स देना बहुत अच्छा लगता था. उनकी खासियत यह थी कि उन्हें गिफ्ट देने के बाद अपना गुनगान करवाना पसंद नहीं था. यही कारण है कि वे अपनी पहचान छिपाने के लिए आधी रात में उपहार बांटने निकलते थे.
वैसे तो उनकी कई रोचक कहानियां है लेकिन एक खास कहानी है जब संत निकोलस ने एक गरीब बाप जिनकी सिर्फ तीन बेटियां ही थी उनकी मदद की. दरअसल, अपनी तीनों बेटियों की शादी के लिए पैसे नहीं होने के कारण वह व्यक्ति मजबूरन लड़कियों से मजदूरी और देह व्यापार करवाना चाहता था. ऐसे में संत को मालूम चलते ही उन्होंने तीनों बेटियों की सूख रही जुराबों में सोने के सिक्के डाल दिए. जिसके बाद उन्हें जिल्लत भरी जिंदगी से मुक्ति मिल गई. कहा जाता है कि तब से ही बच्चे रात में इसी उम्मीद में घर के बाहर मोजे लटका कर सोते हैं कि उनके पास भी सांता आयेंगे और गिफ्ट्स देकर जायेंगे.
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Posted By: Sumit Kumar Verma