Father’s day 2020, date, quotes, card, messages, video, images, status, wishes : ‘फादर्स डे’ एक ऐसा दिन है जब हम अपने-अपने पिता के प्रति विशेष सम्मान व आभार प्रकट करते हैं. यह एक ऐसा दिन भी है जब हम परमात्मा को याद करते हैं, जो हम सबके पिता-परमेश्वर हैं. इस दिन हम अपने शारीरिक पिता से मिले प्रेम को और उनसे मिले उपहारों को दिल से याद करते हैं तथा उनका धन्यवाद अदा करते हैं. यह एक ऐसा समय भी है जब हम प्रभु से मिली बरकतों को याद करते हैं तथा उनका शुक्राना अदा करते हैं.
प्रभु ही हमारे सच्चे पिता हैं और हर तरह से हमारा ख्याल रखते हैं. हरेक माता-पिता अपनी संतान में वो सद्गुण एवं नैतिक मूल्य देखना चाहते हैं, जो स्वयं उनके अंदर होते हैं. हरेक माता-पिता चाहते हैं कि उनकी संतान बड़ी होकर एक नेक इंसान बने.
प्रभु हमसे अलग नहीं हैं. यह हमारा मन है, जो हमें प्रभु से दूर कर देता है. परमात्मा का अंश, आत्मा, प्रत्येक इंसान के अंदर पायी जाती है. परमात्मा ने आत्मा को अपने ही नमूने पर बनाया है. समस्त मानव जाति परमात्मा के स्वरूप के आधार पर ही बनायी गयी है. प्रभु चाहते हैं कि हम सभी उस महान स्वरूप के अनुसार ही अपना जीवन जिएं, सद्गुणों एवं नैतिक मूल्यों को अपने अंदर धारण करें.
प्रभु चाहते हैं कि हम केवल उनसे ही नहीं, बल्कि उनकी बनायी हुई सृष्टि में मौजूद सभी इंसानों व जीवों से प्रेम करें. इसी उद्देश्य से सृष्टि का निर्माण किया गया था. कहा जाता है कि प्रभु ने समस्त मानव जाति को एक-दूसरे से प्रेम व करुणा का व्यवहार करने के लिए ही बनाया है, नहीं तो अगर प्रभु को केवल अपनी भक्ति ही करानी होती, तो उसके लिए तो फरिश्ते ही काफी थे, परंतु प्रभु ने फिर भी इंसानों को बनाया, ताकि वे न केवल प्रभु से प्रेम करें, बल्कि आपस में एक-दूसरे से भी प्रेम करें.
जो इंसान अपने साथी की मदद करता है, वह प्रभु को भाता है. अपनी इच्छाओं व सुखों का त्याग करके भी दूसरों की सहायता करना, यह विशिष्ट गुण परमात्मा को बहुत अच्छा लगता है; और जिसके अंदर भी यह सद्गुण मौजूद होता है, वह इंसान भी परमात्मा को बहुत प्रिय होता है.
इस धरती पर अरबों आत्माएं हैं. उनमें से बहुत से लोग स्वार्थ एवं लापरवाही से भरपूर जीवन जी रहे हैं. बहुत से लोग तो आपे से बाहर जाकर भी अधिकार, शोहरत, सत्ता, मान-प्रतिष्ठा चाहते हैं. इसका अर्थ यह है कि वे लोग प्रभु की विपरीत दिशा में क़दम उठा रहे हैं. जबकि प्रभु तो वास्तव में यही चाहते हैं कि हम न केवल उनसे, बल्कि सभी इंसानों से एक समान ही प्रेम करें. जो लोग ऐसा करते हैं, केवल वे ही सच्चे मायनों में प्रभु की संतान हैं.
‘फादर्स डे’ के दिन हम अपने-अपने पिता को सम्मान देने की सोचते हैं, लेकिन इसके साथ ही हमें प्रभु को भी सम्मान व धन्यवाद देना चाहिए, जो हम सबके सच्चे व सर्वोपरि पिता हैं. इसका सबसे अच्छा तरीका यह है कि हम उनके द्वारा मिली देनों एवं बरकतों को याद करें तथा उनका शुक्रिया अदा करें. दूसरे, हमें जिस महान उद्देश्य के लिए यह मानव जन्म मिला है, उसे हम पूरा करें और अपने आध्यात्मिक लक्ष्य को प्राप्त करें.
आइये, इस दिन हम लोग अपने शारीरिक पिता को धन्यवाद देने के साथ-साथ पिता-परमेश्वर, जिनसे हमें अपने जीवन के सभी उपहार प्राप्त हुए हैं, उनका भी दिल से शुक्राना अदा करें.
संत राजिन्दर सिंह जी महाराज
सावन कृपाल रूहानी मिशन
Posted By: Sumit Kumar Verma