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Happy Fathers Day 2023: मेरी साहस, मेरा सम्मान, मेरा अभिमान हैं पिता

बच्चे के जीवन में पिता की भूमिका मां से अधिक नहीं, तो कम भी नहीं. आप किसी छोटे बच्चे से पूछ कर तो देखिए कि वह किससे ज्यादा प्यार करता है, मां से या पापा से? उसकी चुप्पी या मुस्कुराहट में ही इसका जवाब मिल जायेगा.

Happy Fathers Day 2023: कहते हैं कि दुनिया में मां और बच्चे का रिश्ता सबसे बड़ा होता है. मां बच्चे को जन्म देती है, उसे बड़ा करती है, लेकिन एक पिता उसके भविष्य को संवारने में अहम भूमिका निभाता है. ये बात और है कि कई बार बच्चे के लिए पिता की कोमल भावनाएं प्रदर्शित नहीं हो पातीं, मगर सच यही है कि बच्चे के जीवन में पिता की भूमिका मां से अधिक नहीं, तो कम भी नहीं. आप किसी छोटे बच्चे से पूछ कर तो देखिए कि वह किससे ज्यादा प्यार करता है, मां से या पापा से? उसकी चुप्पी या मुस्कुराहट में ही इसका जवाब मिल जायेगा. घर के नींव कहे जानेवाले उस पिता के इसी प्रेम, त्याग को हमारे-आपके बीच की कुछ बेटियां बयां कर रही हैं. इनमें ऐसी भी बेटियां हैं, जिनके पिता आज उनके साथ नहीं हैं, सिर्फ उनका आशीष है.

पापा ने सिखाया प्रेम के सही मायने

मैं 19 वर्ष की थी, जब पटना वुमेंस कॉलेज में पढ़ाई के दौरान पहली बार 2003 में मुझे कॉलेज टीम के साथ खड़गपुर में होनेवाले सांस्कृतिक कार्यक्रम में परफॉर्म करने का मौका मिला था. वही स्वप्निल (आज मेरे पति) से मेरी भेंट हुई. वहां से लौटते वक्त स्वप्निल से काफी देर तक मेरी बात हुई. हमने एक-दूसरे के फोन नंबर और इमेल एक्सचेंज किये. घर लौटने पर मैं अक्सर अपने टूर की बातें घरवालों को बताती रहती थी, जिसमें स्वप्निल की बातें भी शामिल होती थीं. बीच में कई बार उसका कॉल भी आया. उस साल दिवाली पर पापा ने फोन उठाया और दोनों की लंबी बात हुई. दरअसल, हमारे घर में ऐसा माहौल था हमें कभी किसी से कोई बात छिपाने की जरूरत नहीं पड़ी. हम एक-दूसरे से हर तरह की बातें शेयर किया करते थे.

संयोगवश अगले साल भी समान कार्यक्रम में समान जगह जाने का संयोग बना. जाने के ठीक एक दिन पहले पापा ने मुझे लाइब्रेरी रूम बुलाया और कहा- ”मुझे लगता है कि तुम प्रेम में हो. इस दुनिया में एक स्त्री को प्रेम करते हुए देखने से ज्यादा खूबसूरत और कुछ हो ही नहीं सकता . तुम भाग्यशाली हो कि तुम्हें प्यार हुआ है और मैं खुद को तुमसे ज्यादा भाग्यशाली मानता हूं कि मैं तुम्हें प्रेम करते देख पा रहा हूं.

प्रेम का एहसास किसी इंसान को एक ‘बेहतर इंसान’ बनने के लिए प्रेरित करता है. मैं चाहता हूं तुम खुल कर प्रेम करना. खूब प्रेम करना. तुम उसके हर पल, हर लम्हें को जीना. लेकिन मेरी प्यारी बिट्टो, तुम प्रेम में कभी एक मत होना. अपनी निजता और अपनी भिन्नता को बनाये रखना. तुम दोनों का जीवन संगीत भले एक हो, पर सुर-लय-ताल की तुम्हारी समझ अपनी-अपनी हो. प्रेम करते हुए भी तुम अपने सपनों को जीती रहना. साथ रहते हुए भी तुम अपना व्यक्तित्व अपने तरीके से संवारते हुए प्रेम करना. प्रेम इंसान को ऊपर उठाता है. उसे मजबूत बनाता है- अपने लिए भी और जिससे वह प्रेम करता है, उसके लिए भी.

तुम प्रेम में कुछ ऐसा करना कि आसपास के लोग अपनी बेटियों को प्रेम करते देख उसमें शामिल हो सके.… उन बेटियों को भी प्रेम करने की छूट मिल सकें. तुम्हें जब कभी भी अपने जीवन निर्णयों के बीच दुनिया के बारे में सोचने की जरूरत पड़े, तो उस वक्त तुम 99% पहले अपने बारे में सोचना और 1% दुनिया की चिंता करना. बाकी इन दोनों के बीच मैं हमेशा ही तुम्हारे साथ खड़ा मिलूंगा.” पापा के द्वारा कहे गये ये शब्द आज भी प्रेम को हर बार एक नये तरीके से समझने और महसूस करने के लिए प्रेरित करते हैं.

पिता का होना सबसे बड़ा संबल होता है

पापा के बारे में कुछ भी लिखते हुए शब्द अक्सर कम पड़ जाते हैं. मुझ पर मेरे पिता का असर सबसे अधिक रहा. सभी कहते हैं कि मैं दिखती भी उनकी तरह ही हूं. सच कहूं तो मेरे व्यक्तित्व की जो भी अच्छाइयां हैं या खामियां हैं उसकी वजह भी ‘पापा’ ही हैं. उन्होंने हमें अपना निर्णय स्वयं लेना सिखाया, निडर बनना सिखाया, सादा रहना सिखाया और सेवा करना सिखाया.

जब किशोरावस्था में कदम रखने पर पहली बार राह चलते फब्तियों का सामना करना पड़ा था, तब पापा बोले- ‘हाथी चले बाजार, कुत्ते भौंके हजार. उनके भौंकने से अगर तुम प्रभावित हुई, तो चलना दूभर हो जायेगा.’ तब उस मुहावरे का अर्थ नहीं समझी थी. समय ने सब समझा दिया. मम्मी हमारी धुरी थी, तो पापा हमारे ढाल. ढाल के जाने के बाद अचानक ही जिम्मेदार होने का एहसास हुआ. पिता का होना सबसे बड़ा संबल होता है.

आपने हमें संभावनाओं का खुला आकाश दिया

पापाजी, आज मैंने फिर एक सपना देखा कि आप सीढ़ियों से ऊपर मेरे घर आ रहे हैं और मैं नीचे उतर रही हूं. मैंने कहा, “पापा फ्लैट की चाबी कार में छूट गयी है, मैं लेकर तुरंत आती हूं, आप इंतजार कीजिए.” मैं भागती हुई लौटती हूं लिफ्ट से, ताकि आपको जल्दी घर में ले चलूं, पर लिफ्ट खराब हो जाती है और रुक जाती है. लिफ्ट से मैं आपको ऊपर की सीढ़ियों पर चढ़ते हुए देखती हूं. मैं चिल्ला-चिल्ला कर आप को रुकने कहती हूं. आप ऊपर और ऊपर चढ़े जा रहे हैं और मैं आपको रोकने में बेबस हूं.

मेरी नींद खुल जाती है. मैं आंसूओं से तरबतर हूं और हांफ रही हूं. आपके जाने के बाद इस तरह के सपने अक्सर मुझे आते हैं. जबकि पहले मुझे जहां कभी सपने नहीं दिखते थे. अच्छा लगता है पापा कम से कम आपको सपनों में देख तो पाती हूं. अभी चार ही महीने हुए हैं आपको गये. इसी घर से आप अचेतावस्था में अस्पताल गये थे, फिर नहीं लौटे आप. मैं आपको लौटा नहीं पायी पापा, मुझे बहुत दुख है. आपके खुशमिजाज स्वभाव और बुद्धिमानी का सभी लोहा मानते रहे हैं. मैं, दीदी और मम्मी यदि आज कुछ भी हैं, ये आपके उदात्त सहयोगी स्वभाव के बदौलत ही हैं. भाग्यशाली होती हैं वो बेटियां, जिन्हें आप जैसे पिता मिलते हैं, जिसने हमें संभावनाओं का असीम आकाश दिया, मजबूत पंखों के संग.

आज फादर्स डे है. आज कुछ ज्यादा ही आपकी कमी खल रही है. अभी आप को नहीं जाना था. बहुत जल्दी आपने जीवन प्रांगण में हमें अकेला छोड़ दिया. जाने कब आप से फिर मुलाकात होगी? तब तक, आपके इंतजार में……..आपकी मीठी

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