Happy Holi 2023: होली का हर रंग देता है खास संदेश, जानें महत्व
Happy Holi 2023: होली का रंग आपस के प्रेम और सदभाव को और अधिक बढ़ा देता है. यूं तो रंगों की होली खेलने का मकसद आपसी मतभेद को भुलाना और प्यार के रंग में रंग जाना है. लेकिन क्या आपको पता है कि इन रंगों के भी अलग अलग मायने होते हैं. इस बार होली खेलने से पहले जान लें अलग-अलग रंगों का महत्व.
Happy Holi 2023 Colour: होली के दिन लोग एक दूसरे को रंग लगाते हैं. प्यार से गले मिलते हैं और अपासी रंजिश मिटाते हैं. इस साल 8 मार्च के साथ साथ कई जगहों पर 7 मार्च यानी आज भी होली खेली जा रही है. लेकिन क्या आपको पता है कि इन रंगों के भी अलग अलग मायने होते हैं. इस होली रंग लगाने से पहले जान लेें कौन से रंग का क्या मतलब है.
हरा रंग हरियाली का प्रतीक
हरा रंग हरियाली का प्रतीक होता है लेकिन होली के हरे रंग का मतलब शीतलता, सुकून और सकारात्मकता है. आप अपनों से बड़ों को अबीर या गुलाल लगाएं तो हरा रंग लगा सकते हैं. देखने में यह रंग आंखों में चुभता भी नहीं और चेहरे पर खिलता भी है.
लाल रंग का प्यार का प्रतीक
वैसे को लाल रंग का प्यार का प्रतीक माना जाता है. लेकिन होली के लाल रंग को ऊर्जा, जोश का रंग कहा जा सकता है. होली में लाल रंग का इस्तेमाल सबसे अधिक होता है. होली में रंग खेलने की शुरुआत भगवान को लाल रंग चढ़ाकर कर सकते हैं. इसके अलावा लाल रंग बच्चों और युवाओं को लगाया जा सकता है. यह उनकी ऊर्जा, जज्बे और जोश को प्रदर्शित करेगा और उनके चेहरे में अलग चमक देगा.
केसरिया रंग निरोगी तन और मन का प्रतीक
केसरिया रंग निरोगी तन और मन का प्रतीक है. यह आध्यात्मिकता का प्रतीक है. यह धार्मिक ज्ञान, तप, संयम और वैराग्य का रंग है. शुभ संकल्प का सूचक है. केसरिया रंग को बलिदान का प्रतीक माना जाता है. यह रंग राष्ट्र के प्रति हिम्मत और निस्वार्थ भावनाओं को दर्शाता है. इसलिए होली खेलें और केसरिया रंग में रंग जाएं.
भगवा रंग खुशमिजाजी और सामाजिक सरोकार का प्रतीक
भगवा रंग खुशमिजाजी और सामाजिक सरोकार का प्रतीक है. इस रंग से मानसिक शक्ति काफी मजबूत होती है और सामाजिक संबंध भी मजबूत होते हैं. अग्नि का शुद्ध रूप भगवा ही है गीता के अनुसार अग्नि हर किसी को पवित्र कर देती है. इस रंग के प्रयोग से व्यक्ति ज्ञानवान और विचारवान होता है. भगवा रंग में हल्की सी पीली झलक दिखाई देती है.
सफेद रंग को स्वच्छ मन का प्रतीक
सफेद रंग को स्वच्छ मन, शांति और आध्यात्मिकता से जोड़कर देखा जाता है. सफेद रंग सब कुछ बाहर की ओर बिखेरता है, कुछ भी पकडक़र नहीं रखता है. इसलिए आपने देखा होगा कि होली वाले दिन तमाम लोग पहले से सफेद रंग को त्वचा पर लगाकर रखते हैं क्योंकि ये रंग किसी और रंग को नहीं चढ़ने देता. इसकी प्रकृति कुछ भी पास रखने की नहीं होती.