Happy Independence Day 2022 Speech, Bhashan: भाषण की शुरुआत ऐसे करें… मुख्य अतिथि, प्रिंसिपल, शिक्षकों और मेरे प्यारे दोस्तों के लिए सुप्रभात. मैं आप सभी को एक बहुत ही स्वतंत्र स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देता हूं. आज, मुझे स्वतंत्रता दिवस पर कुछ बोलने का मौका मिला है इसमें मैं अपने आपको सम्मानित महसूस करता हूं. स्वतंत्रता दिवस एक ऐतिहासिक पर्व है, आज से 75 वर्ष पूर्व भारत को अंग्रेजों से आज़ादी मिली थी.
“जय हिंद, जय भारत”
अंग्रेजी हुकूमत ने कई वर्षों तक हम भारतीयों पर अत्याचार किया और हमें गुलाम बनाकर रखा. एक कहावत है कि “पाप का घड़ा एक दिन अवश्य फुटता है”, और इसी कहावत के अनुसार 15 अगस्त के दिन हमें अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिली और हम पूर्ण रुप से स्वतंत्र हो गए. इस आजादी के अथक प्रयास मे हमने अपने देश के कई महान व्यक्तियों को भी खो दिया. हमारे देश मे ऐसे कई महान व्यक्तियों ने जन्म लिया जिन्होनें देश की आजादी के लिए अपनी जान तक की परवाह न की, और हंसते-हंसते देश के लिए कुर्बान हो गए.
“जय हिंद, जय भारत”
हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी 15 अगस्त को देश स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. आज ही के दिन 15 अगस्त 1947 को भारतवासियों ने अंग्रेजों से सफलता प्राप्त की. जिसके बाद से हम इसे राष्ट्रीय त्योहार के रूप में मनाने लगे. करीब 100 वर्ष के विद्रोह के बाद हमें यह सफलता प्राप्त हुई. पहली बार दिल्ली के लाल किले से पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भारत के झंडे को फहराया, तब से यह परंपरा चली आ रही है कि हर वर्ष यहां से भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री लाल किले से राष्ट्र ध्वज फहराते है, जनता को संबोधित करते हैं. इधर, देश भी अपनी ताकत का प्रदर्शन करता है.
“जय हिंद, जय भारत”
माननीय अतिथिगण,
मेरे सभी प्रिय साथियों और आदरणीय शिक्षकगण आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की ढेर सार शुभकामनाएं. स्वतंत्रता दिवस पर एक छोटा भाषण मैं आज प्रस्तुत करने जा रहा हूं. यह दिवस हमारे इतिहास का सबसे बड़ा ऐतिहासिक दिन है. जिस दिन हमारा देश अंग्रेजों से पूरी तरह से आजाद हुआ था. 15 अगस्त 1947 को हमारे देश के वीर क्रांतिकारियों को सबसे बड़ी आजादी मिली. सभी स्वतंत्रता प्रेमियों को इस आजादी को पाने के लिए अथक प्रयास करना पड़ा. कई देश के वीर इस दौरान बलिदान हुए.
“जय हिंद, जय भारत”
आज हमारा आजाद देश विज्ञान, खगोल विज्ञान, कृषि, चिकित्सा, कला व वास्तुकला के क्षेत्र में बड़ी ऊंचाईयों को छू रहा है. लगातर देश प्रगति कर रहा है. हालांकि, नयी कोरोना महामारी ने देश को एकबार फिर पिछे ढकेलने का कार्य किया है. ऐसे में अभी देश को गरीबी, अशिक्षा, बेरोजगारी जैसी समस्या पर कार्य करने की जरूरत है. देश की अखंडता बनी रही तो सीमा सुरक्षा के मुद्दे भारत को और मजबूत व शक्तिशाली बनाने का कार्य करेंगे.
“जय हिंद, जय भारत”
आजादी के इस अवसर पर जहां हम देश के प्रगति के नये आयामों के बारे मे चर्चा कर रहे हैं, साथ ही हमें गुलामी के उस मंजर को कभी नही भुलना चाहिए, जहां हमारे महान स्वतंत्रता सेनानीयों ने आजादी के लिए अपनी जान तक कुर्बान कर दी. आज भी उन महान व्यक्तियों को याद कर हमारी आंखे नम हो जाती हैं. हमें आज के नये भारत की चकाचौध में उन महान आत्माओं को कभी नहीं भूलना चाहिए जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपना सबकुछ न्यौछावर कर दिया.
“जय हिंद, जय भारत”
आज आजादी के बाद विज्ञान के क्षेत्र में भी हमने काफी तरक्की कर ली है. इस विज्ञानिक तकनीकी के कारण आज भारत चन्द्रमा और मंगल तक का सफर तय कर चुका है. नई विज्ञानिक तकनीकी को हर दिन नया कर हम देश को एक नई तरक्की की ओर ले जा रहे हैं. विज्ञान और तकनीक को हम अपने लिए हर क्षेत्र में अपना रहे हैं. सैन्य, कृषि, शिक्षा के क्षेत्र में विज्ञान और तकनीकी को अपनाकर हम खुद को प्रगतिशील देशों के समकक्ष खड़ा कर पाए हैं. आजादी के बाद हमने हर क्षेत्र मे प्रगति की है और रोज नये आयामों को लिख रहे है.
“जय हिंद, जय भारत”
जैसा कि हम जानते हैं कि हमारा देश प्रचीन काल से ही कृषि प्रधान देश रहा है, और 15 अगस्त 1947 के बाद हमारे कृषि क्षेत्र में भी काफी बदलाव आया है. आजादी के बाद हम कृषि मे नई तकनीक और फसल उगाने के नये तरीकों का इस्तेमाल कर अधिक मात्रा मे फसल का उत्पाद करते हैं और आज हमारा देश आनाज का निर्यात करने में सबसे आगे है. सन् 1965 में भारत और पाकिस्तान के युद्ध के दौरान तात्कालिक प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री ने “जय जवान जय किसान” का नारा दिया था. और आज यह नारा काफी हद तक सिद्ध होता है.
“जय हिंद, जय भारत”
आजादी के 75वें साल बाद आज हमारा देश हर क्षेत्र में प्रगति की ओर अग्रसर है. हमारा देश हर दिन अलग क्षेत्र में एक नया अध्याय लिख रहा है, जैसे सैन्य ताकत, शिक्षा, तकनीकी, खेल और कई अन्य क्षेत्रों मे यह हर दिन नया आयाम लिख रहा है. आज हमारी सैन्य ताकत इतनी अच्छी है कि दुनियां भर में इसकी मिसाल दी जाती है और कोई भी देश भारत पर आंख उठाकर देखने में भी घबराता है. आज हमारी सैन्य ताकत आधुनिक हथियारों से लैस है, जो किसी भी दुश्मन को पलक झपकते ही मिटाने की ताकत रखता है.
हम बहुत भाग्यशाली हैं जो कि इतिहास में हमें ऐसे महान स्वतंत्रता सेनानी और क्रांतिकारी मिले और उन्होने न केवल देश को बल्कि आगे आने वाली पीढ़ियों को भी अंग्रेजों की गुलामी से आजाद करवाया. इस कारण हम आज आजाद हैं और दिन प्रतिदिन नई-नई उपलब्धियों और नये मुकाम को हासिल कर रहे हैं.
हमारे देश की आजादी मे सबसे महत्वपूर्ण योगदान महात्मा गांधी जी ने दिया, जिन्होनें ब्रिटिश शासन के खिलाफ सत्य और अहिंसा जैसे शस्त्र का प्रयोग कर उन्हे भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया. देश की आजादी मे कई अन्य स्वतंत्रता सेनानी जैसे जवाहर लाल नेहरु, सरदार बल्लभ भाई पटेल, सुभाष चन्द्र बोष, भगत सिहं, चन्द्रशेखर आजाद इत्यादि कई ऐसे लोग थे जिन्होने भारत की आजादी मे अपना योगदान दिया और देश को अंग्रेजों की गुलामी के चंगुल से मुक्त करवाया.
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भारत, जिसने अपना अस्तित्व खो दिया था, को पुनः अपनी पहचान मिली. अंग्रेज भारत आए और यहां के परिवेश को बड़े ध्यान से जानने और परखने के बाद, हमारी कमजोरियों को ध्यान में रखते हुए हम पर आक्रमण किया और करीब दो सौ वर्षों तक शासन किया. हमारे वीर योद्धाओं ने कई लड़ाईयां लड़ी और उसके बाद जाके 15 अगस्त 1947 को हमें आज़ादी मिली.