ए-रब मुझे बस इतना वरदान दे,
बेटी के आंसू मेरी आँखों से निकाल दे,
तेरा सजदा सदा ही फिर करूंगा मैं, बस,
बेटी के सारे दर्द-ओ-गम तू,
मेरी झोली में डाल दे.
हैप्पी डॉटर्स डे
तू ही सजदा मेरा तू ही बंदगी है,
तू ही मेरा फूल और तू ही कली है,
तेरी मुस्कान मेरे लिए सब कुछ है बेटी मेरी,
और तेरी हंसी पर कुर्बान मेरी कई ज़िन्दगी है।
हैप्पी डॉटर्स डे
यूं तो हर दिन खास है,
जो मेरा परिवार मेरे साथ है,
पर आज मुझे कुछ कहना है, मेरी बेटी
मुझे गर्व है आप पर और बेशुमार प्यार है।
पापा की परी और घर में सबसे प्यारी बिटिया को हैप्पी डॉटर्स डे
लक्ष्मी का वरदान हैं बेटियाँ,
सरस्वती का मान हैं बेटियाँ,
देवी का रूप व देवों का मान हैं बेटियाँ,
परिवार के कुल को जो रोशन करें वो चिराग हैं बेटियां..
बेटी दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएं
मेरी बाकी उंगलियां उस उंगली से बहुत जलती हैं,
जिस उंगली को पकड़ कर मेरी बेटी चलती है,
और सिर्फ इसलिए मैं अपनी बेटी से प्यार करना नहीं छोड़ सकती हूँ।
बेटी दिवस की हार्दिक शुभकामनाये
पूरी हों आपकी सभी ख्वाहिशें,
कोई भी ख्वाब अधूरा न रहे,
प्यारी बेटी तुमने दुनिया में हमारा मान बढ़ाया है,
हमारी दुआएं हमेशा तुम्हारे साथ हैं,
मेरी राजकुमारी हमें गर्व है आप पर।
बेटी दिवस की शुभकामनाएं
देवालय में बजते शंख की ध्वनि है बेटी
देवताओं के हवन यज्ञ की अग्नि है बेटी
खुशनसीब हैं वो जिनके आँगन में है बेटी
जग की तमाम खुशियों की जननी है बेटी
बेटी दिवस की शुभकामनाएं
बेटियां होती हैं जिंदगी में बेहद खास,
उनके साथ अनोखा होता है एहसास,
हर किसी को होना चाहिए इस पर नाज़,
क्योंकि बेटी है जीवन का साज।
बेटी दिवस की शुभकामनाएं
बेटी युग के नए दौर में, हर्षाया हर तबका
सतयुग, त्रेता, द्वापर बीता, बीता कलयुग कब का,
बेटी युग के नए दौर में, हर्षाया हर तबका।
बेटी युग में खुशी-खुशी है,
पर मेहनत के साथ बसी है।
शुद्ध कर्म-निष्ठा का संगम,
सबके मन में दिव्य हंसी है।
नई सोच है, नई चेतना, बदला जीवन सबका,
बेटी युग के नए दौर में, हर्षाया हर तबका।
इस युग में ना परदा-बुरका,
ना तलाक, ना गर्भ-परीक्षण।
बेटा-बेटी सब जन्मेंगे,
सबका होगा पूरा रक्षण।
बेटी की किलकारी सुनने, लालायित मन सबका।
बेटी युग के नए दौर में, हर्षाया हर तबका।
बेटी भार नहीं इस युग में,
बेटी है आधी आबादी।
बेटा है कुल का दीपक तो,
बेटी है दो कुल की थाती।
बेटी तो है शक्तिस्वरूपा, दिव्यरूप है रब का।
बेटी युग के नए दौर में, हर्षाया हर तबका।
चौके-चूल्हे वाली बेटी,
युग में कहीं न होगी।
चांद-सितारों से आगे जा,
मंगल पर मंगलमय होगी।
प्रगति पथ पर दौड़ रहा है, प्राणी हर मजहब का।
बेटी युग के नए दौर में, हर्षाया हर तबका।