National Education Day 2022, Maulana Abul Kalam Azad Quotes in Hindi: भारत में हर साल 11 नवंबर का दिन राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के तौर पर मनाया जाता है. यह दिन भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद को समर्पित है. देश के महान स्वतंत्रता सेनानी, विद्वान और प्रख्यात शिक्षाविद् अबुल कलाम आजाद की जयंती ( Maulana Abul Kalam Azad Birthday ) को लोग राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के तौर पर मनाते हैं. इस अवसर पर हमने छात्रों को प्रेरित करने वाले मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के कोट्स प्रस्तुत किये हैं.
दिल से दी गयी शिक्षा समाज में क्रांति ला सकता है.
मौलाना अबुल कलाम आजाद
बहुत सारे लोग पेड़ लगाते हैं, लेकिन उनमें से कुछ को ही उसका फल मिलता है.
मौलाना अबुल कलाम आजाद
मुझे एक भारतीय होने पर गर्व है.
मैं एक अविभाज्य एकता का हिस्सा रहा हूँ जो कि भारतीय राष्ट्रीयता है
मैं इस भव्य संरचना का अपरिहार्य अंग हूँ और मेरे बिना यह शानदार संरचना अधूरा है.
… मैं एक आवश्यक तत्व हूँ जो भारत का निर्माण के लिए कटिबद्ध है.
…… मैं अपने इस दावा को कभी ख़ारिज नहीं कर सकता
मौलाना अबुल कलाम आजाद
हमें एक पल के लिए भी यह नहीं भूलना चाहिए कि हरेक व्यक्ति का यह जन्मसिद्ध अधिकार है कि उसे बुनियादी शिक्षा मिले, बिना इसके वह पूर्ण रूप से एक नागरिक के अधिकार का निर्वहन नहीं कर सकता
मौलाना अबुल कलाम आजाद
गुलामी अत्यंत बुरा होता है भले ही इसका नाम कितना भी खुबसूरत क्यों न हो
मौलाना अबुल कलाम आजाद
अपनी शिक्षा के प्रारंभिक चरण में,
एक बच्चे को उसकी अपनी मातृभाषा के माध्यम से निर्देश दिया जाना चाहिए,
इसे सरकार ने अपनी नीति के रूप में स्वीकार किया है.
मौलाना अबुल कलाम आजाद
अगर एक विशेषता जो आधुनिक भारत को दूसरों से अलग बनाता है, वह लोकतंत्र की भावना का विकास जो अपने सभी नागरिकों को अवसर की समानता प्रदान करता है. पहले के सभी अवरोध जो जन्म, विशेषाधिकार, जाति या धन पर आधारित थे, टूट रहे हैं. एक धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक राज्य के रूप में, हम अवसरों और सभी के लिए अवसर की समानता को विस्तृत करने को प्रतिबद्ध हैं.
मौलाना अबुल कलाम आजाद
हमारे बचपन से ही अंग्रेजी भाषा का लगातार उपयोग करना ताकि हम अपने विचार को हमारी मातृभाषा में व्यक्त करने की बजाय उसी भाषा में करने लगें तो यह हमें अराष्ट्रवादी बना देगा. यदि हम पूर्वी लोग बने रहना चाहते हैं, तो हमें उस भाषा का तिरस्कार नहीं करना चाहिए जिसे हमें माँ की गोद में सीखा है… इसे भूलने के लिये, या इससे घृणा करने के लिए … राष्ट्रीय चरित्र के निर्माण में सबसे मजबूत कारकों में से यह एक है.
मौलाना अबुल कलाम आजाद
जो व्यक्ति संगीत से स्पंदित नहीं होता, उसका मन अस्वस्थ और अपूर्ण है, वह आध्यात्मिकता से दूर है और पक्षियों और जानवरों की तुलना में सघन है क्योंकि हर कोई संगीत की मधुर ध्वनियों से प्रभावित होता है.
मौलाना अबुल कलाम आजाद
भारत नृत्य, नाटक, और संगीत के क्षेत्र में लंबी विरासत और परंपरा पर गर्व किया जा सकता है. ललित कला के क्षेत्र में, दर्शन और विज्ञान की भांति ही, भारत और ग्रीस मानव इतिहास में लगभग एक अद्वितीय स्थान रखते हैं. मेरा यह दृढ़ विश्वास है कि संगीत के क्षेत्र में भारत की उपलब्धि ग्रीस की तुलना में अधिक है. मुखर और वाद्य संगीत के अपने एकीकरण के रूप में भारतीय संगीत की चौड़ाई और गहराई शायद बेजोड़ है.
मौलाना अबुल कलाम आजाद