Republic Day 2022: गणतंत्र दिवस आज, क्यों 26 जनवरी को मनाया जाता है यह दिन, जानें इतिहास और महत्व
Happy Republic Day 2022: देश के राष्ट्रीय त्योहारों में से एक गणतंत्र दिवस के दिन देशवासी स्वतंत्रता सेनानियों व वीर योद्धाओं को स्मरण करते हैं. हर वर्ष इस दिन राष्ट्रपति तिरंगा झंडा फहराते हैं और 21 तोपों की सलामी दी जाती है.
Happy Republic Day 2022: गणतंत्र दिवस (Republic Day) हर साल 26 जनवरी (26 January) को देशभर में बड़ी धूम से मनाया जाता है, क्योंकि 26 जनवरी 1950 के दिन ही सुबह 10.18 मिनट पर भारत का संविधान लागू किया गया था. इस दिन विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन के साथ देश की राजधानी दिल्ली में राजपथ पर परेड होती है.
देश के राष्ट्रीय त्योहारों में से एक गणतंत्र दिवस के दिन देशवासी स्वतंत्रता सेनानियों व वीर योद्धाओं को स्मरण करते हैं. हर वर्ष इस दिन राष्ट्रपति तिरंगा झंडा फहराते हैं और 21 तोपों की सलामी दी जाती है. रिपब्लिक डे पर देश में राष्ट्रीय अवकाश घोषित है. हालांकि, कई विद्यालयों व संस्थानों में इस दिन रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन भी होता है.
सन् 1948 के आरंभ में ही डॉ. बी.आर. अंबेदकर ने संविधान सभा में पहली बार संविधान की रूपरेखा प्रस्तुत की थी. हालांकि, इनमें कुछ संशोधनों के बाद नवंबर 1949 में इसे एक्सेप्ट कर लिया गया और 26 जनवरी, 1950 को संविधान पारित हुआ. तब से हर साल इस दिन भारत में गणतंत्र दिवस मनाया जाता है. इस वर्ष देश अपना 73वां रिपब्लिक डे मनाने जा रहा है. बता दें कि भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान कहा जाता है.
26 जनवरी 1950 को कैसे लागू हुआ संविधान?
डॉ० भीमराव आंबेडकर, जवाहरलाल नेहरू, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि संविधान सभा के प्रमुख सदस्य थे. संविधान निर्माण में कुल 22 समितीयां थीं, जिसमें प्रारूप समिति (ड्राफ्टींग कमेटी) सबसे प्रमुख और महत्त्वपूर्ण समिति थी और इस समिति का कार्य संपूर्ण ‘संविधान लिखना’ या ‘निर्माण करना’ था. प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ. भीमराव आंबेडकर थे. प्रारूप समिति ने और उसमें विशेष रूप से डॉ. आंबेडकर ने 2 साल, 11 महीने और 18 दिन में भारतीय संविधान का निर्माण किया और संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को 26 नवंबर 1949 को भारत का संविधान सुपूर्द किया.
आधिकारिक तौर पर सविंधान 26 जनवरी, सन 1950 को लागू हुआ था. इस दिन को चुनने की मुख्य वजह लाहौर कांग्रेस अधिवेशन है. इस दिन यानी 26 जनवरी, 1929 को पहली बार पूर्ण गणराज्य का प्रस्ताव पेश किया गया था. इसके लिए ही 26 जनवरी के दिन भारतीय सविंधान को लागू किया गया और तब से इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है.