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Teacher’s Day 2021: गुरु बिन ज्ञान कहां! शिक्षक दिवस पर इन संदेशों के साथ कहें अपने टीचर्स को Thank You

Happy Teacher’s Day 2021 Wishes, Status, Images, Quotes, Messages, Photos, Cards : देश में शिक्षक दिवस डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक शिक्षक होने के साथ आजाद भारत के पहले उप राष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति थे. साथ ही एक महान दार्शनिक भी थे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 5, 2021 9:56 AM

Happy Teacher’s Day 2021 Wishes, Status, Images, Quotes, Messages, Photos, Cards : देश में शिक्षक दिवस डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है.

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डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक शिक्षक होने के साथ-साथ आजाद भारत के पहले उप राष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति थे. साथ ही एक महान दार्शनिक भी थे. डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने लगभग 40 साल तक एक शिक्षक के रूप में कार्य किया था.

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जिस तरह कुम्हार गीली मिट्टी को सुंदर घड़े का आकार देता है, वैसे ही शिक्षक बच्चे को अच्छा इंसान बनाते हैं. मां-बाप के अलावा, बच्चा सबसे अधिक समय अपने शिक्षकों के साथ ही गुजारता है. यही वजह है कि शिक्षक बच्चों के व्यक्तित्व पर गहरा प्रभाव छोड़ते हैं. शिक्षक ना सिर्फ हमें शिक्षा देते हैं बल्कि अच्छी-अच्छी चीजें भी सिखाते हैं. जीवन जीने के गुर भी छात्रों के बीच साझा करते हैं.

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हर साल 5 सितंबर को देश के दूसरे राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्ण के जन्मदिवस के मौके पर शिक्षक दिवस मनाया जाता है. इस मौके पर देश भर के तमाम शिक्षण संस्थानों में अध्यापकों का सम्मान होता है और छात्र रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुति देते हैं. अगर आप भी अपने शिक्षकों को टीचर्स डे की शुभकामनाएं देना चाहते हैं, तो इन संदेशों के जरिये दे सकते हैं –

Teacher’s day 2021: गुरु बिन ज्ञान कहां! शिक्षक दिवस पर इन संदेशों के साथ कहें अपने टीचर्स को thank you 6

गुरुर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः

गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः

गुरु ब्रह्मा हैं, गुरु विष्णु हैं, गुरु ही शंकर हैं

गुरु ही साक्षात् परब्रह्म हैं, उन सद्गुरु को मेरा प्रणाम

अक्षर अक्षर हमें सिखाते,

शब्द शब्द का अर्थ बताते,

कभी प्यार से कभी डांट से,

जीवन जीना हमें सिखाते.

अज्ञानता को दूर करके

ज्ञान की ज्योत जलाई है,

गुरुवर के चरणों में रहकर

हमने शिक्षा पाई है,

गलत राह पर भटके जब हम

तो गुरुवर ने राह दिखाई है.

गुरु एक बालक की

बुद्धि का सृजनकर्ता है,

वह जो बीज बोता है

वैसा ही पेड़ बनता है.

5 सितंबर 1888 को जन्मे थे डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन

डॉ राधाकृष्णन का जन्म साल 5 सितंबर 1888 को तत्कालीन मद्रास प्रेसिडेंसी स्थित चित्तूर जिले के तिरूत्तनी गांव में हुआ. डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का बचपन बेहद गरीबी में बीता था. राधाकृष्णन बचपन से ही पढ़ाई में काफी तेज थे. गरीबी में भी वह पढ़ाई में पीछे नहीं रहे और फिलॉसफी में एमए किया. इसके बाद 1916 में मद्रास रेसिडेंसी कॉलेज में फिलॉसफी के असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में कार्य किया, फिर कुछ साल बाद प्रोफेसर बने. देश के कई विश्वविद्यालयों में पढ़ाने के साथ ही कोलंबो एवं लंदन यूनिवर्सिटी ने भी डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन को मानद उपाधियों से सम्मानित किया. 1949-1952 तक वह माॅस्को में भारत के राजदूत रहे और 1952 में भारत के पहले उपराष्ट्रपति बनाये गए. 1954 में डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन को भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया. 1962 में डॉ राधाकृष्णन ने देश के राष्ट्रपति पद को सुशोभित किया.

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