Happy Valentine’s Day 2023: 14 फरवरी को क्यों मनाते हैं वैलेंटाइन डे? इतिहास और महत्व जानें
वैलेंटाइन डे हर साल 14 फरवरी को मनाया जाता है. खासतौर पर प्रेमी जोड़े धूमधाम से इस दिन को मनाते हैं. जानें 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे क्यों मनाते हैं. इस दिन का इतिहास, महत्व और रोचक बातें.
Valentine’s Day 2023: जैसे ही वैलेंटाइन वीक समाप्त होता है, दुनिया भर के प्रेमी 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे मनाने के लिए तैयार हो जाते हैं. वैलेंटाइन डे वैलेंटाइन वीक का आखिरी दिन होता है. लोग इस दिन को अपने साथी के साथ कई अलग-अलग तरीकों से सेलिब्रेट करते हैं. इस दिन अलग-अलग जगहों पर कई तरह की एक्टिविटीज भी होती. अपनी मन पसंद की एक्टिविटीज में भाग लेकर लोग इस दिन साथ समय बीताते हैं. बहुत से लोग वेलेंटाइन डे के इतिहास और महत्व को नहीं जानते हैं. अगर आप भी उन लोगों में से हैं तो आइए हम आपकी मदद करते हैं. प्यार के दिन की तारीख, महत्व, इतिहास और इससे जुड़े रोचक तथ्यों के बारे में यहां पढ़ें.
14 फरवरी को ही क्यों मनाया जाता है वैलेंटाइन डे?
वेलेंटाइन डे प्रतिवर्ष 14 फरवरी को पड़ता है. कथित तौर पर, वेलेंटाइन डे को रोमांस के दिन के रूप में 14 वीं शताब्दी तक मनाया जाने लगा था. 8वीं शताब्दी के गेलैसियन सैक्रामेंटरी ने 14 फरवरी को संत वेलेंटाइन के पर्व के उत्सव को रिकॉर्ड किया. 14वीं और 15वीं शताब्दी में यह दिन प्यार से जुड़ा हुआ था जब शुरुआती वसंत के “लवबर्ड्स” के सहयोग से दरबारी प्रेम की धारणा पनपी.
वैलेंटाइन डे शुरू होने का इतिहास
वैलेंटाइन डे की उत्पत्ति के पीछे कई कहानियां हैं. अधिक लोकप्रिय किंवदंतियों में से एक के अनुसार, वेलेंटाइन डे की उत्पत्ति फरवरी के मध्य में आयोजित होने वाले लुपर्केलिया के रोमन त्योहार में हुई है. यह वसंत की शुरुआत के दौरान मनाया जाता है, इस त्योहार में महिलाओं को लॉटरी के माध्यम से पुरुषों के साथ जोड़ा जाता है. ऐसा माना जाता है कि पोप गेलैसियस ने इस त्योहार को सेंट वेलेंटाइन डे से बदल दिया, और लगभग 14 वीं शताब्दी से इसे रोमांस के दिन के रूप में मनाया जाने लगा. एक अन्य किंवदंती कहती है कि संत वेलेंटाइन को 14 फरवरी को पतियों को युद्ध में जाने से बचाने के लिए गुप्त विवाह करने की सजा के रूप में मार दिया गया था, क्योंकि उन्हें रोमन सम्राट क्लॉडियस द्वितीय द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया था.
भारत में ऐसे हुई वैलेंटाइन डे की शुरुआत
भारत में वैलेंटाइन डे से जुड़ी एक दिलचस्प कहानी है. इंग्लैंड में जन्मे मोगर मांक मसूरी में जॉन मकैनन के बर्लोगंज स्थित स्कूल में लैटिन भाषा के शिक्षक थे. उन्हें एलिजाबेथ लुईन से प्यार हो था. मोगर मांक ने वैलेंटाइन डे के दिन अपने प्यार का इजहार करने को सोचा और 14 फरवरी 1843 को एक खत मसूरी से अपनी बहन मारग्रेंट मांक के नाम इंग्लैंड भेजा. खत में उन्होंने बताया की वो लुईन से कितना प्यार करते हैं. उन्होंने लिखा था कि प्रिय बहन वैलेंटाइन डे के दिन ये पत्र लिख रहा हूं. उन्होंने पत्र में लिखा मैं बताना चाहता हूं कि मुझे एलिजाबेथ लुईन से प्यार हो गया है, मैं उसके साथ बहुत खुश हूं. साल 1849 में मोगर मांक का निधन हो गया. इतिहासकार बताते हैं कि उस वक्त वो मेरठ में रह रहे थे. उनके लिखे खत के बारे में 150 साल बाद तब पता चला, जब मोगर मांक के रिश्तेदार एंड्रयू मारगन ने वर्ष 1828 से 1849 के बीच लिखे गए पत्रों का जिक्र मसूरी मर्चेंट इंडियन लेटर्स पुस्तक में किया. इससे पहले का ऐसा कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है, जिसमें वेलेंटाइन डे का जिक्र हुआ हो.
प्यार के दूत का प्रतीक है वैलेंटाइन डे
इस बीच, वेलेंटाइन डे लोकप्रिय रूप से प्यार के दूत, कामदेव का प्रतीक है. रोमन पौराणिक कथाओं के अनुसार, कामदेव शुक्र के पुत्र हैं, जो प्रेम और सौंदर्य की देवी हैं और कामदेव के धनुष और बाण एक हृदय को छेदते हुए और प्रेम का मंत्र डालते हुए दर्शाते हैं. इसलिए, यह त्यौहार प्यार में होने की भावना का जश्न मनाता है.
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वैलेंटाइन डे सेलिब्रेशन
आधुनिक समय में, वेलेंटाइन डे एक व्यवसायिक त्योहार बन गया है. वैलेंटाइन डे पर, लोग अपने साथी के लिए भव्य इंतजाम करते हैं, उनके प्यार और साथ को याद करते हैं, और एक दूसरे के लिए अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं. वे दिल को छू लेने वाले सरप्राइज और हाथ से बने उपहार तैयार करके, रोमांटिक डेट पर जाने, घर पर अपने साथी की पसंदीदा डिश बनाने, साथ समय बिताने और बहुत कुछ करके स्पेशल महसूस कराने की कोशिश करते हैं.