आज यानी 9 अगस्त को ‘विश्व आदिवासी दिवस’ मनाया जा रहा है.इसे पहली बार संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा दिसंबर 1994 में प्राथमिक बैठक के दिन घोषित किया गया था. 1982 में मानव अधिकारों के संवर्धन और संरक्षण पर संयुक्त राष्ट्र के कार्यकारी दल की आदिवासी आबादी पर संयुक्त राष्ट्र की कार्यकारी पार्टी की पहली बैठक की गयी. आज के दिन आप अपने आदिवासी दोस्तों और परिचितों को यहां से शुभकामना संदेश भेज सकते हैं
समस्त आदिवासी भाई-बहनों को विश्व आदिवासी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं..
आप सभी को विश्व आदिवासी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
देशवासियों को “विश्व आदिवासी दिवस” की हार्दिक बधाई और मंगलकामनायें
कला, जीवन शैली, वेशभूषा और सांस्कृतिक विविधताओं को समेटे हुए
आदिवासी भाई-बहनों को विश्व आदिवासी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ एवं बधाई
सदियों से जल, जंगल,
जमीन के संरक्षण में अपना
सब कुछ न्योछावर करने वाले
प्रकृति के सच्चे संवाहक समस्त
आदिवासी भाई-बहनों को
विश्व आदिवासी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.
हुए विनाश उन सभ्यताओं के, नई नवीन आभा प्रभाओं के,
जो चल पड़े थे विपरीत दिशा, प्रकृति की सीमा को लांघकर,
कभी सुनामी-कभी त्रासदी ने उनको है सबक सिखाया।
मिटी नवीन सभ्यताएं
पर जो ना मिटा अविनाशी है,
वह आदिवासी है,
विश्व आदिवासी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
जल, जंगल, जमीन के संरक्षण में सदैव तल्लीन प्रकृति के सच्चे सेवक
आदिवासी भाई बहनों को विश्व आदिवासी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ
“जब तक जुल्मी जुल्म करेगा सत्ता के गलियारों से,
चप्पा-चप्पा गूँज उठेगा जय जोहार के नारों से”
विश्व आदिवासी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
9 अगस्त UNO द्वारा घोषित
विश्व आदिवासी दिवस पर सभी देशवासियों क्षेत्र वासियों
को विश्व आदिवासी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
जल, जंगल, जमीन के असली रखवाले,
हिंदुस्तान की पहचान सभी आदिवासी भाई-बहनों को
विश्व आदिवासी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
समस्त देशवासियों को विश्व आदिवासी दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
आदिवासी हमारी प्राचीन परंपराओं एवं ऐतिहासिक संस्कृति के प्रतीक हैं
आइये, इस अवसर पर दुनिया की सबसे सभ्य एवं प्राचीन आदिवासी सभ्यता
के संरक्षण एवं आदिवासी हितों की रक्षा का संकल्प लें
कोविड-19 के चलते 2021 में कोई थीम जारी नहीं की गयी। वर्ष 2020 की थीम को पुनः जारी कर दिया गया था. विश्व आदिवासी दिवस 2022 की थीम आर्थिक और सामाजिक मामलों का विभाग (डीईएसए) इस वर्ष के विषय पर ध्यान केंद्रित करते हुए, इस वर्ष की थीम “संरक्षण में स्वदेशी महिलाओं की भूमिका और पारंपरिक ज्ञान का प्रसारण ” (“The Role of Indigenous Women in the Preservation and Transmission of Traditional Knowledge”)