Night-blooming Jasmine: देवी-देवताओं का प्रिय पुष्प है रातरानी (हरसिंगार)

हर्षिंगार का फूल भारतीय धार्मिक परंपराओं में देवी-देवताओं का प्रिय पुष्प माना जाता है. इसकी सुगंध और औषधीय गुण इसे विशेष बनाते हैं

By Pratishtha Pawar | October 8, 2024 7:31 PM
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Night-blooming Jasmine: आध्यात्मिक महत्व और औषधीय गुणों से भरपूर, हर्षिंगार का फूल देवी-देवताओं की आराधना में खास स्थान रखता है. हर्षिंगार (Harsingar) का फूल, जिसे पारिजात या नाइट जैस्मिन (Night- Jasmine) के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपराओं में एक विशेष स्थान रखता है. इस फूल का विशेष महत्व देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना में है, जहां इसे पवित्रता और दिव्यता का प्रतीक माना जाता है. इसकी सुगंधित और कोमल सफेद-नारंगी पंखुड़ियां न केवल धार्मिक अनुष्ठानों का हिस्सा होती हैं, बल्कि आयुर्वेद में भी इसका अहम स्थान है.

Night-blooming Jasmine: देवी-देवताओं के प्रिय पुष्प

Night-blooming jasmine देवी-देवताओं का प्रिय पुष्प है रातरानी (हरसिंगार)

हिंदू धर्म में हर्षिंगार के फूल का विशेष रूप से भगवान शिव, विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा में उपयोग होता है.  मान्यता है कि इस फूल को चढ़ाने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं.  पौराणिक कथाओं के अनुसार, हर्षिंगार स्वर्गलोक का पुष्प है, जिसे माता लक्ष्मी ने भगवान विष्णु को समर्पित किया था.  वहीं, भगवान शिव की आराधना में इसका उपयोग शुभ और मंगलकारी माना जाता है.

पारिजात (Parijaat) से जुड़ी पौराणिक कथा

Night-blooming jasmine देवी-देवताओं का प्रिय पुष्प है रातरानी (हरसिंगार)

पारिजात वृक्ष से जुड़ी एक प्रसिद्ध कथा है कि समुद्र मंथन के समय यह वृक्ष अमृत के साथ प्रकट हुआ था.  इसे देवी लक्ष्मी द्वारा स्वर्ग में लगाया गया और इसे अमरता का प्रतीक माना गया.  हर्षिंगार के पुष्प को देवी-देवताओं को अर्पित करने से जीवन में शांति, सुख-समृद्धि और आरोग्य की प्राप्ति होती है.   

औषधीय गुणों से भरपूर -हर्षिंगार

धार्मिक महत्व के अलावा, हर्षिंगार का फूल अपने औषधीय गुणों के लिए भी जाना जाता है. आयुर्वेद में इसे गठिया, बुखार, और हड्डियों की समस्याओं के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है. इसकी पत्तियों और फूलों से बने काढ़े का उपयोग सर्दी-खांसी, जोड़ों के दर्द, और त्वचा रोगों के उपचार में प्रभावी माना जाता है.

पर्यावरण और प्राकृतिक सौंदर्य का प्रतीक

हर्षिंगार का वृक्ष न केवल धार्मिक और औषधीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी अत्यंत लाभकारी है.  इसकी सुगंध से वातावरण शुद्ध होता है और इसका वृक्ष प्राकृतिक सौंदर्य को बढ़ाता है.   

इस प्रकार, हर्षिंगार का फूल भारतीय परंपराओं, धार्मिक अनुष्ठानों और औषधीय उपचारों में अनमोल धरोहर के रूप में स्थान रखता है.

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