Health : चढ़ने लगा है गर्मी का पारा, ऐसे में हीट स्ट्रोक से रहें सावधान
गर्मी के मौसम ने अपना तेवर दिखाना शुरू कर दिया है. देश के कुछ हिस्सों में सालों का रिकाॅर्ड तोड़ते हुए तापमान 40 के पार पहुंच चुका है. एक ओर चिलचिलाती धूप, तो दूसरी ओर काम व नौकरी की दौड़. ऐसे में हीट स्ट्रोक एक आम समस्या बन जाती है. ध्यान न दिया जाये तो यह जानलेवा भी हो सकती है. जानें क्या हैं इस समस्या के लक्षण और इससे कैसे करें बचाव...
Heat stroke : विशेषज्ञों के अनुसार जब किसी व्यक्ति के शरीर का तापमान 104 डिग्री फारेनहाइट यानी 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाता है. इस स्थिति में अधिक तापमान और आर्द्रता के कारण शरीर पसीने एवं सांस के जरिये खुद को ठंडा नहीं कर पाता. इसे ही हीट स्ट्रोक आना कहते हैं.
- 50 सालों में भारत में हीट स्ट्रोक यानी लू ने 17,000 से अधिक लोगों की जान ले ली है, देश के शीर्ष मौसम वैज्ञानिकों द्वारा प्रकाशित शोध पत्र से मिली जानकारी के अनुसार.
- 40 डिग्री सेल्सियस तक मैदानी इलाकों का अधिकतम तापमान एवं पहाड़ी क्षेत्रों का तापमान 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है तो लू चलने लगती है, भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार.
- 47 डिग्री सेल्सियस तक अगर तापमान पहुंच जाता है, तो इसे खतरनाक लू की श्रेणी में रखा जाता है.
- 37 डिग्री सेल्सियस तापमान जब तटीय क्षेत्रों में हो जाता है तो हीट वेव चलने लगती है.
हीट स्ट्रोक के क्या लक्षण होते है
हीट स्ट्रोक की स्थिति पैदा होने पर व्यक्ति में चक्कर व बेहोशी आने, थकान एवं कमजोरी महसूस होने, त्वचा के पीले पड़ने, सिर में तेज दर्द होने, मिचली आने या वोमेटिंग होने जैसे लक्षण दिखायी देते हैं. इसके अलावा मुंह का बार-बार सूखना, बहुत ज्यादा पसीना आना, पल्स तेज चलना, सांस लेने में दिक्कत होना, मांसपेशियों में कमजोरी या ऐंठन होना एवं शरीर का बहुत गर्म या ठंडा होना भी हीट स्ट्रोक के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं.
हीट स्ट्रोक आने पर क्या करें
पीड़ित व्यक्ति को ठंडी और छायादार जगह पर बिठाएं. उसके कपड़े ढीले कर दें एवं पानी पिलाएं. ठंडा कपड़ा मरीज के शरीर पर रखें और शरीर के तापमान को कम करने की कोशिश करें. लगातार तरल पदार्थ देते रहें, ताकि शरीर में पानी की कमी न हो. हाथ-पैरों की हल्के हाथों से मालिश करें, लेकिन तेल न लगाएं. नमक-चीनी का घोल, शरबत आदि दें. गुलाब जल में रुई भिगोकर आंखों पर रखें. इतना करने पर भी आराम न लगे, तो जल्द-से-जल्द डॉक्टर के पास ले जाएं.
इस समस्या से बचने के लिए क्या करें
दिन में ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं. हरी सब्जियों एवं ताजे फलों का सेवन करें. चेहरे व शरीर पर सनस्क्रीन लगाएं. सूती व हल्के कपड़े पहनें. हैवी एक्सरसाइज करने से बचें. बच्चों, बुजुर्गों एवं बीमार व्यक्ति का विशेष ख्याल रखें. हीट स्ट्रोक आने पर तत्काल डॉक्टर को दिखाएं. पशुओं को भी धूप व गर्मी से बचाने के उपाय करें.
क्या न करें
- शराब का सेवन व धूम्रपान न करें.
- खुले शरीर धूप में न निकलें.
- अचानक ठंडी जगह से एकदम गर्म जगह न जाएं.
- सिंथेटिक कपड़े न पहनें.
- तेल मसाले व जंक फूड न खाएं.
- यदि जरूरी न हो तो तेज धूप में बाहर न निकलें.
खान-पान में करें शामिल
गर्मी में शरीर का तापमान नियंत्रित करने के लिए आप बेल का शरबत, दही, नींबू पानी, आम पन्ना, लौकी व अन्य हरी सब्जियों का सेवन कर सकते हैं. इसके अलावा ककड़ी, खीरे एवं तरबूज जैसे पानी युक्त फलों का सेवन भी फायदेमंद साबित होगा.