मथुरा : रंगभरनी एकादशी के अवसर पर शुक्रवार को वृंदावन में ठाकुर बांकेबिहारी के भक्तों ने चांदी की पिचकारी से टेसू के फूलों से बने रंग से मंदिर में जमकर होली खेली. श्वेत वस्त्र, मोर मुकुट, कटि-काछिनी धारण किए और कमर पर गुलाल का फैंटा बांधे बांकेबिहारी जी के दिव्य दर्शन पाकर भक्त आनन्द से झूम उठे.
इस मौके पर अपने आराध्य के साथ होली खेलने के लिए देशभर से हजारों श्रद्धालु बांकेबिहारी मंदिर में पहुंचे. वहीं मथुरा के फालैन गांव में होलिका दहन के मौके पर जलती होली के बीच से निकलने की परंपरा का इस बार भी पालन किया जाएगा. मोनू पण्डा ने इसे निभाने का संकल्प लिया है.वह नौ मार्च की रात होलिका दहन के अवसर पर अपने आकार से दोगुनी-तिगुनी ऊंची लपटों और धधकते अंगारों के बीच होली की अग्नि में से नंगे बदन निकलेगा.
यह पहला मौका है कि जब इस कार्य के लिए समाज के लोगों ने भरी पंचायत में तीन अन्य प्रस्तावकों में से उसे चुना है. वैसे उसके पिता सुशील पंडा विगत वर्षों में आठ बार यह चमत्कार करके दिखा चुके हैं. यह गांव जिला मुख्यालय से पचास किमी की दूरी पर है.गौरतलब है कि पिछले साल यह चमत्कार करके दिखाने वाले फालैन गांव के ही मूल निवासी एवं पण्डा समाज के एक सदस्य बाबूलाल पण्डा (45) ने इस बार यह जिम्मेदारी उठाने का मौका किसी और सदस्य को देने का आग्रह किया था.