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Holika Dahan 2020: देशभर में होलिका दहन शुरू, राष्‍ट्रपति ने दी होली की बधाई

Holi 2020, Holika Dahan 2020 Puja Vidhi, Muhurat: फाल्गुन माह की पूर्णिमा यानी होलिका दहन के दिन भद्राकाल सुबह सूर्योदय से शुरू होकर दोपहर करीब डेढ़ बजे ही खत्म हो जाएगा। इस तरह शाम को प्रदोष काल में यानी शाम 6:30 से 7:20 तक किया जा सकेगा। वहीं पूर्णिमा तिथि रात 11 बजे तक रहेगी

लाइव अपडेट

सोशल मीडिया में होलिका दहन की तस्वीरें की जा रही हैं शेयर

पटना में होलिका दहन के साथ रंगों का त्योहार शुरू

पंजाब समेत देश के अन्य हिस्सों में जलायी गयी होलिका

पंजाब के अमृतसर में होली से पूर्व जलायी गयी होलिका. इसके अलावा बिहार व झारखंड समेत देश के अन्य हिस्सों होलिका जलायी जा रही है.

राष्‍ट्रपति ने होली पर देशवासियों को बधाई दी

नयी दिल्ली : राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविन्‍द ने होली के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए सोमवार को कामना की कि यह त्‍योहार सभी लोगों में परस्‍पर सद्भाव व मैत्री को और मजबूत बनाए . कोविंद ने होली की पूर्व संध्‍या पर अपने संदेश में कहा, ‘‘ होली के अवसर पर, मैं भारत और विदेशों में रह रहे सभी देशवासियों को शुभकामनाएं देता हूं.

रंगों का उत्‍सव होली, शरद ऋतु के समापन का और वसंत ऋतु के आगमन का संदेश देता है. '' उन्होंने कहा कि यह उत्‍सव, सभी के जीवन में आशा का संचार करने वाला होता है और इसलिए हमारी सांस्‍कृतिक परम्‍परा में होली का विशेष स्‍थान है. हर आयु और हर वर्ग के लोग इस त्‍योहार को बड़े हर्ष और उल्‍लास के साथ मनाते हैं.

कोविंद ने कहा कि विविध रंगों से ओत-प्रोत होली का यह पर्व, हमारी विविधता और सांस्‍कृतिक विरासत का प्रतिबिम्‍ब है. राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ मेरी कामना है कि इस पर्व के माध्‍यम से अपनी अमूल्‍य विरासत और जीवन-मूल्‍यों में देशवासियों का विश्‍वास बढ़े तथा यह त्‍योहार सभी लोगों में परस्‍पर सद्भाव व मैत्री को और मजबूत बनाए.''

होलिका में कपूर, चिरायता जैसी सामग्रियों के जलाने से रूकेगा कोरोना ?

कोरोना का कहर तो इस बार की होली में दिख ही रहा है. बाजार नरम पड़ गया, लोग पूर्व की तरह होली खेलने से कतरा रहे हैं. ऐसे में एक और अफवाह सोशल मीडिया में छा गयी है. दरअसल कुछ ही देर में हालिका दहन होना है.

ऐसे में देश के कई हिस्सों से खबर आ रही है कि इस बार होलीका में कपूर, चिरायता और गिलोय जैसे सामग्री को भी जलाया जाएगा. जिससे होली में कोरोना के कहर से मुक्ति मिलेगी.

कुछ लोगों की मानें तो कोरोना के कहर से बचना के ये सबसे सटीक उपाय है. उनका मानना है कि इन सामग्रियों के जलाने से वातावरण की शुद्धि होगी. होलिका दहन वाले स्थान के आसपास ऐसा करने से वातावरण में मौजूद सभी तरह के वायरस नष्ट हो जाएंगे.

लेकिन कुछ विशेषज्ञों की मानें तो ये खबर बिल्कुल गलत हैं. चिरयता शरीर के अंदर ही जाकर शरीर में फैले किटाणुओं को नष्ट करता है. कपूर जलाने से वातावरण की शुद्धि वाली खबर भी बहुत हद तक गलत है.

यूपी के बरेली में होली से एक दिन पहले भाईचारा का संदेश, मजार पर बांटे गए पौधे

होली का त्यौहार से एक दिन पहले भाईचारा का संदेश देते हुए कुछ लोगों ने मजारों पर आने वालों को बीच पौधे बांटे. वहां मौजूद एक व्यक्ति ने कहा कि हमें हिंदू मुस्लिम के बीच सौहार्द कायम रखने की कोशिश करनी चाहिए. जिस तरह मजार पर हिंदू मुस्लिम दोनों मत्था टेकते है उसी तरह. होली का पर्व को मुस्लिम भी मनाते है अत: यह पर्व सौहार्द का पर्व है.

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Holika Dahan 2020: देशभर में होलिका दहन शुरू, राष्‍ट्रपति ने दी होली की बधाई
Holika dahan 2020: देशभर में होलिका दहन शुरू, राष्‍ट्रपति ने दी होली की बधाई 1

दिलों को मिलाने का मौसम हैं,

दूरियां मिटाने का मौसम हैं,

होली का त्योहार ही ऐसा है

रंगों में डूब जाने का मौसम हैं.

बनारस में होली का अनोखा रंग, गीतों के जरीये कोरोना वायरस के प्रति जागरूक फैलाने की कोशिश

बनारस की होली इस बार थोड़े अलग ढंग से मनायी जा रही है. हर ओर गुलाल उड़ाकर ढोल की थाप पर नाच-गाने गाये जा जा रहे है. लेकिन इस बार की गीतों में एक खास बात देखने को मिल रही है. गायक गीतों के जरीये कोरोना वायरस के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं.

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Holika Dahan 2020: देशभर में होलिका दहन शुरू, राष्‍ट्रपति ने दी होली की बधाई
Holika dahan 2020: देशभर में होलिका दहन शुरू, राष्‍ट्रपति ने दी होली की बधाई 2

होली में आप सबके गम जल जाएं

और रंगपंचमी के सारे रंग आपके

जीवन में खुशियां लाएं

उत्तर प्रदेश के मथुरा में मनाई गयी होली 

कोरोनावायरस के कारण देशभर में स्वास्थ्य विभाग द्वारा एडवायजरी जारी की गई है. जिसके तहत लोगों को हाथ धोते रहने को कहा गया है. एवं हाथों को मुंह पर न लगाने के लिए भी कहा गया है.

आपको बता दें कि स्वास्थ्य विभाग की एडवायजरी के बाद पीएम मोदी, सीएम अरविंद केजरीवाल समेत अन्य नेताओं ने भी किसी तरह के सामूहिक कार्यक्रमों में शामिल होने से मना कर दिया है. इस बीच उत्तर प्रदेश के मथुरा बांके बिहारी मंदिर में होली का त्योहार मनाते दिखाई पड़े लोग.

कोलकाता में मनाया गया दोल उत्सव

कोलकाता में होली से एक दिन पहले 'दोल उत्सव' मनाते दिखे बंगाली। इस दौरान वो रंगों और रवींद्रनाथ टैगोर के गानों पर नाच कर जश्न मनाते नज़र आए

पश्चिम बंगाल के मंत्री फिरहाद हकीम ने खेली होली

पश्चिम बंगाल के राज्य मंत्री फिरहाद हकीम होली के मौके पर होली मनाते देखे गए

दिल्ली के मौजपुर इलाके में स्थिति हो रही है समान्य

दिल्ली हिंसा के बाद मौजपुर इलाके में अब धीरे धीरे हालत सामान्य हो रहे हैं, वहां पर लोग होली के मौके पर होली खरीदारी करते देखे गए

मुंबई में खड़ा किया गया कोरोना का पुतला

मुंबई में होलिका जलाने के लिए कोरोना का पुतला खड़ा किया गया है

Holi 2020, Holika Dahan 2020 Puja Vidhi, Muhurat, Time, Samagri, Mantra, Timings: आज शाम जलाई जाएगी होली, क्या पूरी हो गई खरीदारी

होलिका दहन के समय पूजा करने की भी परंपरा है. आइए जानते हैं कि इसके लिए क्या पूजन सामग्री लगती है. ये इस प्रकार हैं— जल, रोली, चावल, गंध, माला, फूल, कच्चा सूत, साबूत हल्दी, गुड़, मूंग, बताशे, नारियल और गुलाल आदि। वहीं इस मौके पर नई फसल की बालियों जैसे पके चने की बालियां, गेहूं की बालियां और गन्ना भी होलिका की तपिश में सेंकने का चलन है।

Holi 2020, Holika Dahan 2020 Puja Vidhi, Muhurat, Time, Samagri, Mantra, Timings: होली पर इस साल 499 सालों बाद ग्रह-नक्षत्रों का बेहद खास संयोग बन रहा है. वैदिक पंचांग की माने तो इस बार फाल्गुन पूर्णिमा सोमवार के दिन है. इस दौरान गुरु बृहस्पति और शनि अपनी-अपनी राशियों में विराजमान रहेंगे. इससे सुख-समृद्धि और धन-वैभव में वृद्धि के संकेत हैं. गुरु बृहस्पति को ज्ञान, संतान, गुरु, धन-संपत्ति का द्योतक माना जाता है वहीं शनि न्याय को न्याय का देवता कहा जाता है.

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होलिका दहन मुहूर्त (Holika Dahan Muhurat):

होलिका दहन सोमवार यानी मार्च 9, 2020 को शुभ मुहूर्त में ही किया जाता है। इस दौरान नई फसल के साथ अग्नि देव की पूजा की जाती है और पूरे साल सुख समृद्धि घर आए ऐसी कामना की जाती है। आइए जानते हैं कि आज किस मुहूर्त में करें होलिका दहन...

होलिका दहन मुहूर्त - 06:26 शाम से 08:52 बजे तक - 02 घण्टे 26 मिनट्स

रंगवाली होली मंगलवार, मार्च 10, 2020 को भद्रा पूंछ - 09:37 बजे सुबह से 10:38 सुबह तक भद्रा मुख - 10:38 बजे सुबह से 12:19 दोपहर तक

Holi 2020, Holika Dahan 2020 Puja Vidhi, Muhurat, Time, Samagri, Mantra, Timings: ज्योतिष के जानकार बताते हैं कि भद्रा काल में शुभ कार्य नहीं किये जाते. इसलिए आज होलिका दहन भी शुभ मुहूर्त में ही किया जाना चाहिए। प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा तिथि में ही होलिका दहन को उत्तम माना गया है।

40 दिन पहले ही शुरू हो जाती है तैयारी

होलिका दहन का महत्व होलिका दहन की तैयारी त्योहार से 40 दिन पहले शुरू हो जाती हैं। जिसमें लोग सूखी टहनियाँ, सूखे पत्ते इकट्ठा करते हैं। फिर फाल्गुन पूर्णिमा की संध्या को अग्नि जलाई जाती है और रक्षोगण के मंत्रो का उच्चारण किया जाता है। दूसरे दिन सुबह नहाने से पहले इस अग्नि की राख को अपने शरीर लगाते हैं, फिर स्नान करते हैं। होलिका दहन का महत्व है कि आपकी मजबूत इच्छाशक्ति आपको सारी बुराईयों से बचा सकती है, जैसे प्रह्लाद की थी। कहा जाता है कि बुराई कितनी भी ताकतवर क्यों ना हो जीत हमेशा अच्छाई की ही होती है। इसी लिए आज भी होली के त्यौहार पर होलिका दहन एक महत्वपूर्ण हिस्सा है

खेसारी लाल का होली सॉन्ग हो रहा वायरल

भोजपुरी सुपरस्टार खेसारी लाल यादव और काजल राघवानी का ये होली सॉन्ग 'ए रानी हम इंतजार कर तानी' यूट्यूब पर जबरदस्त धमाल मचा रहा है. अब मौका भी है और गाना भी है... तो बिहार, झारखंड सहित पूर्वांचल के सभी जगहों पर ये खाना खूब बजाया जा रहा है. इस गाने को खेसारी लाल यादव और काजल राघवानी पर फिल्माया गया है. जबकि गाने को खेसारी लाल यादव और इंदु सोनाली ने ही गाया है. गाने को लिखा है प्यार लाल यादव ने.

क्या है होलिका दहन का महत्व

होलिका दहन का एक और महत्व है, माना जाता है कि भुना हुआ धान्य या अनाज को संस्कृत में होलका कहते हैं, और कहा जाता है कि होली या होलिका शब्द, होलका यानी अनाज से लिया गया है। इन अनाज से हवन किया जाता है, फिर इसी अग्नि की राख को लोग अपने माथे पर लगाते हैं जिससे उन पर कोई बुरा साया ना पड़े। इस राख को भूमि हरि के रूप से भी जाना जाता है।

होलिका दहन को लेकर क्या है पौराणिक कथा

कहते हैं कि वर्षो पूर्व पृथ्वी पर एक अत्याचारी राजा हिरण्यकश्यपु राज करता था। उसने अपनी प्रजा को यह आदेश दिया कि कोई भी व्यक्ति ईश्वर की वंदना न करे, बल्कि उसे ही अपना आराध्य माने। लेकिन उसका पुत्र प्रह्लाद ईश्वर का परम भक्त था। उसने अपने पिता की आज्ञा की अवहेलना कर अपनी ईश-भक्ति जारी रखी। इसलिए हिरण्यकश्यपु ने अपने पुत्र को दंड देने की ठान ली। उसने अपनी बहन होलिका की गोद में प्रह्लाद को बिठा दिया और उन दोनों को अग्नि के हवाले कर दिया। दरअसल, होलिका को ईश्वर से यह वरदान मिला था कि उसे अग्नि कभी नहीं जला पाएगी। लेकिन दुराचारी का साथ देने के कारण होलिका भस्म हो गई और सदाचारी प्रह्लाद बच निकले। उसी समय से हम समाज की बुराइयों को जलाने के लिए होलिकादहन मनाते आ रहे हैं। सार्वजनिक होलिकादहन हम लोग घर के बाहर सार्वजनिक रूप से होलिकादहन मनाते हैं। होलिका दहन की परंपरा शास्त्रों के अनुसार होली उत्सव मनाने से एक दिन पहले आग जलाते हैं और पूजा करते हैं। इस अग्नि को बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक माना जाता है।

आओ होली पर बुराई को होलिका के साथ जला दें

होली में जितना महत्व रंगों का है उतना ही महत्व होलिका दहन का भी है। क्योंकि ये वही दिन होता है जब आप अपनी कोई भी कामना पूरी कर सकते हैं किसी भी बुराई को अग्नि में जलाकर खाक कर सकते हैं। होलिका दहन या होली भारत के उत्तरी भागों में मनाये जाने वाला त्यौहार है। होलिका दहन को हम होली के नाम से भी जानते हैं। जिस दिन होली जलाई जाती है, उसे हम छोटी होली भी कहते हैं। होलिका दहन से जुड़ी और कई सारी कहानियाँ हैं आइये जानें। होली मनाने की सबसे बेहतरीन जगह होलिका की कहानी होलिकादहन की कथा हम सभी होली की पूर्व संध्या, यानी फाल्गुन शुक्ल चतुर्दशी को होलिकादहन मनाते हैं। इसके साथ एक कथा जुड़ी हुई है।

क्यों होता है होली का दहन

भारतीय परंपरा के अनुसार होली के त्यौहार से नए वर्ष का शुभारंभ हो जाता है. इसके लिए होलिका दहन खास महत्व रखता है. भारत के कोने कोने में होलिका दहन किया जाता है. भारत में होलिका दहन 9 मार्च को किया जाएगा.

मकर राशि में शनि और गुरु अपनी धनु राशि में रहेंगे

होलिका दहन आज यानी 9 मार्च सोमवार को है। सन 1521 के बाद इस साल होली पर 9 मार्च को मकर राशि में शनि ग्रह और गुरु अपनी धनु राशि में रहेंगे. इस कारण होली पर शुभ संयोग रहेगा. इससे पूर्व 3 मार्च 1521 यानि 499 वर्ष पहले होली के दिन दोनों ग्रहों के अपनी-अपनी राशियों में होने के कारण ऐसा संयोग बना था। ज्योतिषाचार्य आचार्य लवकुश शास्त्री ने बताया कि होलिका दहन के समय इस वर्ष भद्राकाल की बाधा नहीं रहेगी. फाल्गुन माह की पूर्णिमा यानी होलिका दहन के दिन भद्राकाल सुबह सूर्योदय से शुरू होकर दोपहर करीब डेढ़ बजे ही खत्म हो जाएगा. इस तरह शाम को प्रदोष काल में यानी शाम 6:30 से 7:20 तक किया जा सकेगा. वहीं पूर्णिमा तिथि रात 11 बजे तक रहेगी.

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