होली का (Holi 2022 ) त्योहार देशभर में पूरे धूमधाम से मना जाता है. इस दिन लोग एक दूसरे को होली की बधाई देते हैं, रंग खेलते हैं और स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लेते हैं. त्योहार हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं. हालांकि इन्हें मनाते समय हम सभी को अपने आसपास के वातावरण का ध्यान रखना चाहिए. होली के त्योहार में पानी, गुब्बारों और रंगों (Holi Festival) का इस्तेमाल होता है. लेकिन ये चीजें पर्यावरण को नुकसान पहुंचा सकती है. जानें कैसे हम पर्यावरण की सुरक्षा के लिए पर्यावरण के अनुकूल यानी इकोफ्रेंडली होली खेल सकते हैं.
इस बार होली खेलने लिए ऑर्गेनिक कलर का इस्तेमाल कर सकते हैं. होली पर बिल्कुल केमिकल फ्री रंग चुन सकते हैं. केमिकल युक्त रंगों का इस्तेमाल करने के कारण आपकी त्वचा पर मुंहासे और रैशेज हो जाते हैं. इसलिए केवल ऑर्गेनिक रंगों से ही होली खेलें. सिंथेटिक रंग न केवल आपकी त्वचा के लिए बल्कि पर्यावरण के लिए भी हानिकारक होते हैं.
होली के दिन दोस्तों और परिवार के सदस्यों पर पानी के गुब्बारे फेंकना लगभग सभी को पसंद होता है, लेकिन ये पर्यावरण के लिए काफी हानिकारक होता है. थोड़ी देर की मस्ती पर्यावरण को नुकसान पहुंचा सकता है. इसलिए कोशिश करें कि इस बार आप प्लास्टिक के पानी के गुब्बारों से होली न खेलें.
अपने घर में मौजूद कई चीजों की मदद से आप खुद नैचुरल कलर बना सकते हैं. जैसे पीला रंग बनाने के लिए मक्के के आटे और हल्दी का इस्तेमाल कर सकते हैं. हरा रंग बनाने के लिए आप मक्के का आटा और मेंहदी पाउडर को मिला सकते हैं. इस साल अपने दोस्तों और परिवार के साथ इको-फ्रेंडली तरीके से होली की मनाएं.
इस बार सूखे रंगों से होली खेलना पानी बचाने का एक अच्छा तरीका है. ऐसे में आप पानी को बचा पाएंगे. ये त्वचा को रसायनों के हानिकारक प्रभावों से सुरक्षित रखने में भी मदद करते हैं.
इस होली आप रंग नहीं फूलों से भी होली खेल सकते हैं. फूलों से होली खेलने का मजा ही अलग है. इससे आप त्वचा और पर्यावरण दोनों को ही नुकसान पहुंचाए बिना खूब मजे कर सकते हैं.